| (प्रारंभिक परीक्षा: महत्त्वपूर्ण संगठन एवं संस्थाएं) |
चर्चा में क्यों
4 दिसंबर 2025 को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में कृषि भवन, नई दिल्ली में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (NHB) की 33वीं बैठक आयोजित हुई।
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के बारे में
- स्थापना: वर्ष 1984 में
- कानूनी स्वरूप: एक स्वायत्त संस्था (Autonomous Society)
- नियंत्रण: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार
- मुख्यालय: गुड़गाँव (गुरुग्राम), हरियाणा
- उद्देश्य : भारत में बागवानी क्षेत्र के समन्वित विकास, उत्पादन-वृद्धि, गुणवत्ता सुधार और किसानों की आय बढ़ाना
संरचना : शासी निकाय
- अध्यक्ष: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का सचिव/प्रतिनिधि
- अन्य सदस्य:
- तकनीकी विशेषज्ञ
- राज्य सरकारों के प्रतिनिधि
- उद्योग और किसान संगठनों के सदस्य
भूमिका एवं कार्य
- बागवानी विकास को बढ़ावा देना
- फलों, सब्जियों, फूलों, मसालों, कोको, नारियल, पौधशाला आदि का विकास।
- उच्च गुणवत्ता की पौधशालाओं की स्थापना।
- वित्तीय सहायता प्रदान करना
- शीत भंडारण (Cold Storage) और पोस्ट-हार्वेस्ट अवसंरचना हेतु सब्सिडी।
- नर्सरी, हाई-टेक ग्रीनहाउस, पैक-हाउस, रिपरिगरेशन प्लांट आदि परियोजनाओं के लिए सहायता।
- गुणवत्ता नियंत्रण व प्रमाणन
- भारत GAP और अन्य प्रमाणन प्रणाली को बढ़ावा।
- रोपण सामग्री की गुणवत्ता मानक तय करना।
- बाजार विकास एवं विपणन सहायता
- निजी और किसान स्तर पर आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना।
- निर्यात आधारित उत्पादन को बढ़ावा देना।
- डाटा संग्रह व विश्लेषण
- बागवानी क्षेत्र से संबंधित आंकड़ों का संग्रह, विश्लेषण और प्रकाशन।
- बागवानी सांख्यिकी एवं बाजार नियंत्रण में सहयोग।
- प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण
- किसानों, उद्यमियों और FPOs को तकनीकी प्रशिक्षण देना।
- आधुनिक कृषि तकनीकों जैसे ड्रिप, ग्रीनहाउस, टिश्यू कल्चर को बढ़ावा।
- अनुसंधान और नवाचार का समर्थन
- नई किस्मों, उन्नत तकनीकों और संवर्धन पर कार्य।
- R&D संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों के साथ समन्वय।
- बागवानी मिशन और अन्य सरकारी कार्यक्रमों से तालमेल
- राष्ट्रीय बागवानी मिशन (NHM)
- मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टीकल्चर (MIDH)
- कृषि निर्यात नीति
- बागवानी क्षेत्र आधारित क्लस्टर विकास कार्यक्रम