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निएंडरथल गोंद 

प्रारम्भिक परीक्षा – निएंडरथल गोंद 
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 1 (मध्य पुरापाषाण काल)

संदर्भ

  • हाल ही में बर्लिन संग्रहालय में खोजी गई कलाकृतियों के एक नए विश्लेषण से पता चला है कि, निएंडरथल आदिमानव ने पत्थर के औजारों को बेहतर ढंग से पकड़ने के लिए दो प्राकृतिक यौगिकों के मिश्रण से बने गोंद का उपयोग किया था।

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प्रमुख बिंदु :-

  • तुबिंगन विश्वविद्यालय के प्रारंभिक प्रागितिहास और चतुर्धातुक विभाग के एक शोधकर्ता पैट्रिक श्मिट के अनुसार, निएंडरथल आदिमानव ने एक ऐसा पदार्थ बनाया था, जो उनकी क्षमताओं और उनके सोचने के तरीके के बारे में जानकारी देता है।
  • ये पत्थर के औजार वर्ष 1910 के आसपास ले माउस्टियर नामक एक फ्रांसीसी पुरातात्विक स्थल पर पाए गए थे। 
  • इन औजारों का इस्तेमाल निएंडरथल आदिमानव 120,000 से 40,000 साल पहले मध्य पुरापाषाण काल में करते थे।neanderthal-primitive-man
  • इन औजारों पर बिटुमेन-गेरू के मिश्रण से बने गोंद का उपयोग किया गया है। 
  • शोधकर्ताओं बिटुमेन-गेरू के मिश्रण से बने बहु-घटक गोंद चिपकने वाले पदार्थ बनाने की क्षमता आधुनिक संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं की पहली अभिव्यक्ति हो सकती है जो आज भी सक्रिय हैं। 
  • इस नए अध्ययन को साइंस एडवांसेज में 21 फरवरी 2024 को प्रकाशित किया गया था।
  • यह गोंद अफ्रीका में आधुनिक मनुष्यों द्वारा तैयार किए गए गोंद के समान है।

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निएंडरथल गोंद :-

  • यह गोंद मुख्य रूप से गेरू और बिटुमेन (कोलतार) से बना था। 
    • गेरू पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक पदार्थ है। 
    • यह हल्की पीली या लाल या भूरी रंग की मिट्टी है, जो लौह आक्साइड से ढँकी रहती है।
    • बिटुमेन  डामर का एक घटक है, जिसे कच्चे तेल से उत्पादित किया जाता है,जो मिट्टी में भी प्राकृतिक रूप से पाया जाता है।
  • 55 प्रतिशत गेरू का उपयोग करने पर तरल बिटुमेन चिपकने वाले को लचीला बनाता है। 
  • यह मिश्रण इतना चिपचिपा  होता है कि उपकरण से चिपका रहता है, लेकिन हाथों से नहीं चिपकता है।
  • इस गोंद का उपयोग कई पत्थर के औजारों, जैसे स्क्रेपर्स, फ्लेक्स और ब्लेड में हेरफेर करने के लिए हैंडल के रूप में किया जाता था।
  • इन निष्कर्षों से पता चलता है कि अफ्रीका में प्रारंभिक होमो सेपियन्स और यूरोप में निएंडरथल के विचार पैटर्न समान थे।

निएंडरथल :-

  • यह मानव होमो सेपियन्स वंश की एक विलुप्त प्रजाति है।
  • इस आदिमानव की अस्थियाँ वर्ष 1856 में जर्मनी की निअंडर की घाटी में पायी गई थी, इसलिए इस आदिमानव को निएंडरथल नाम दिया गया है।
  • इसका कद अन्य मानवजातियों की अपेक्षा छोटा (4.5 से 5.5 फिट तक) था। 
  • यह पश्चिम यूरोप, अफ्रीका और पश्चिम एशिया में रहता था। 
  • यह अब से लगभग 1,60,000 वर्ष पूर्व से 110000 तक रहता था। 
  • वर्ष 2007 में किये गए एक अध्ययन से यह पता चला है कि इनके बालों का रंग लाल तथा त्वचा पीली थी।
  • इसमें अमूर्त रूप से सोचने की क्षमता विकसित थी।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- निएंडरथल गोंद के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 

  1. हाल ही में बर्लिन संग्रहालय में खोजी गई कलाकृतियों के एक नए विश्लेषण से इस गोंद के बारे में पता चला है।
  2. इस गोंद का प्रयोग निएंडरथल आदिमानव के द्वारा उच्च पुरापाषाण काल में किया जाता था। 
  3. इस गोंद का उपयोग कई पत्थर के औजारों में हैंडल के रूप में किया जाता था।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीन

(d) कोई भी नहीं

उत्तर - (b)

मुख्य परीक्षा प्रश्न:- निएंडरथल आदिमानव की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख करें। 

स्रोत: Down To Earth

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