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न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी

प्रारंभिक परीक्षा 

(अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम एवं सामान्य विज्ञान)

मुख्य परीक्षा

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : सूचना प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर)

संदर्भ 

हाल ही में, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) के वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क प्रेरित एनालॉग (Brain-inspired Analog) कंप्यूटिंग तकनीक 'ब्रेन ऑन ए चिप' (Brain on a Chip) विकसित किया है। यह एक आणविक फिल्म (Molecular Film) के भीतर 16,500 चालकता अवस्थाओं (Conductance States) में डाटा संग्रहीत एवं संसाधित करने में सक्षम है।  

‘ब्रेन ऑन ए चिप’ तकनीक के बारे में 

  • 'ब्रेन ऑन ए चिप' तकनीक न्यूरोमॉर्फिक या मस्तिष्क-प्रेरित एनालॉग कंप्यूटिंग के क्षेत्र से संबंधित है जो मानव मस्तिष्क की कार्यप्रणाली के समान डाटा को संग्रहीत एवं संसाधित (Storage and Processing) करती है। 
  • पूर्वनिर्धारित प्रोग्रामिंग का पालन करने वाले पारंपरिक कंप्यूटर के विपरीत इसमें अपने वातावरण से सीखने की क्षमता होती है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता को नए स्तर तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
  • वर्तमान में ऊर्जा-कुशल हार्डवेयर की कमी के कारण डाटा स्टोरेज एवं प्रोसेसिंग वृहत डाटा केंद्रों तक ही सीमित हैं। ऐसे में नई तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
  • मौजूदा डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म में बड़ी मात्रा में ऊर्जा एवं समय का खपत होता है, जिससे इसकी गति सीमित हो जाती है। इसके विपरीत, मस्तिष्क जैसा यह कंप्यूटिंग प्लेटफ़ॉर्म अत्यधिक तीव्र एवं अधिक ऊर्जा-कुशल है।
  • इस न्यूरोमॉर्फिक तकनीक के माध्यम से लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) को प्रशिक्षित करने जैसे जटिल ए.आई. कार्यों को लैपटॉप एवं स्मार्टफोन जैसे उपकरणों पर किया जा सकता है।

न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग के बारे में

  • न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग को न्यूरोमॉर्फिक इंजीनियरिंग के नाम से भी जाना जाता है। कंप्यूटिंग की यह प्रणाली मानव मस्तिष्क के काम करने के तरीके की नकल (Mimic) करता है। 
  • इसके अंतर्गत हार्डवेयर व सॉफ़्टवेयर डिज़ाइन करना शामिल है जो सूचना को संग्रहीत एवं संसाधित करने के लिए मस्तिष्क की तंत्रिका तथा सिनैप्टिक संरचनाओं और कार्यों का अनुकरण करता है।

अनुप्रयोग एवं भविष्य की संभावना

  • यह प्रणाली मशीन लर्निंग मॉडल, एज ट्रेनिंग, जेनरेटिव एडवर्सरियल नेटवर्क, मेमोरी नेटवर्क (दीर्घकालिक व अल्पकालिक) और ट्रांसफॉर्मर जैसे अनुप्रयोगों में सुधार करते हुए AI तथा न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग के क्षेत्र में क्रांति ला सकती है।
  • पारंपरिक कंप्यूटर अनुक्रमिक प्रसंस्करण में बाइनरी लॉजिक (0 एवं 1) का उपयोग करके कार्य करते हैं, जबकि न्यूरोमॉर्फिक सिस्टम मस्तिष्क में न्यूरॉन्स व सिनेप्स के संचार के तरीके को दोहराने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
  •  न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग विशेष रूप से AI कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है जो तंत्रिका नेटवर्क की नकल करके और प्रोसेसिंग व मेमोरी को एकीकृत करके उच्च सटीकता व दक्षता के साथ गणना करने में सक्षम हैं।
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