New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back

कैंसरग्रस्त कोशिकाओं की पहचान की नई विधि

टोक्यो मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने स्वस्थ एवं कैंसरग्रस्त कोशिकाओं की पहचान के लिए नई विधि विकसित की है यह अध्ययन प्रतिष्ठित ‘PLOS One’ जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

नई तकनीक के बारे में 

  • परिचय: यह तकनीक कोशिकाओं की गति एवं चाल में बदलाव के आधार पर कोशिकाओं के कैंसरग्रस्त या स्वस्थ होने के बारे में जानकारी देती है। 
    • कैंसर की पहचान बायोप्सी, स्कैन और अन्य तकनीकी परीक्षण के माध्यम से होती है। 
  • शोध में प्रयुक्त तकनीक एवं कार्यान्वयन: वैज्ञानिकों नें इस शोध के लिए एक खास तरह की माइक्रोस्कोपी तकनीक का उपयोग किया जिसे फेज-कॉन्ट्रास्ट माइक्रोस्कोपी कहा जाता है। इस तकनीक में किसी भी लेबल या रंग की आवश्यकता नहीं होती है जिससे कोशिकाएँ अपनी प्राकृतिक स्थिति में देखी जा सकती हैं। 
    • कोशिकाओं को पेट्री डिश में रखा गया।
    • किसी भी लेबल या रसायन के बिना उनकी गतिविधियों को रिकॉर्ड किया गया।
    • कंप्यूटर द्वारा उनके चलने की दिशा, गति व मोड़ का विश्लेषण किया गया।
  • अध्ययन में शामिल कोशिकाएँ : शोधकर्ताओं ने दो प्रकार की कोशिकाओं पर अध्ययन किया:
    • स्वस्थ फाइब्रोब्लास्ट कोशिकाएँ : जो सामान्य ऊतक बनाने में सहायक होती हैं।
    • कैंसरग्रस्त फाइब्रोसारकोमा कोशिकाएँ : जो तंतु संयोजी ऊतक से उत्पन्न होने वाले एक प्रकार के कैंसर को दर्शाती हैं।

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष 

  • इस शोध में वैज्ञानिकों ने कोशिकाओं की चाल (Movement) को रिकॉर्ड करके यह विश्लेषण किया कि स्वस्थ कोशिकाएँ एवं कैंसरग्रस्त कोशिकाएँ किस तरह से अलग तरीके से चलती हैं। 
  • वैज्ञानिकों के अनुसार कैंसर कोशिकाएँ अलग पैटर्न में चलती हैं, उनकी चाल अधिक ‘मुड़ती’ हुई होती है। वे अधिक बार हल्के मोड़ लेती हैं तथा उनकी गति भी अलग होती है।
  • इन सभी आँकड़ों के आधार पर, शोधकर्ताओं ने यह अनुमान लगाने में 94% तक की सटीकता हासिल की कि कौन सी कोशिकाएँ कैंसरग्रस्त हैं।

खोज का महत्व 

  • जल्दी एवं आसान कैंसर निदान: बिना किसी रसायन या जटिल प्रक्रिया के केवल कोशिकाओं की चाल देखकर कैंसर का पता लगाया जा सकता है।
  • घाव भरने एवं ऊतक वृद्धि के अध्ययन में उपयोगी: यह तकनीक ऊतक पुनर्निर्माण एवं कोशिकाओं की मरम्मत जैसी अन्य जैविक प्रक्रियाओं को भी समझने में मदद कर सकती है। 
  • अनुसंधान कार्य को बढ़ावा: कोशिकीय गतिशीलता (Cell Motility) से जुड़े अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR