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ऑन्कोसेरसियासिस

अफ्रीकी क्षेत्र में ‘नाइजर’ नामक देश ‘ऑन्कोसेरसियासिस (Onchocerciasis)’ को समाप्त करने वाला पहला देश बन गया है।

ओन्कोसेरसियासिस के बारे में

  • ‘ओन्कोसेरसियासिस’ या ‘रिवर ब्लाइंडनेस’ नामक रोग ‘ओन्कोसेरका वोल्वुलस (Onchocerca volvulus)’ नामक परजीवी कृमि के कारण होता है। 
  • यह परजीवी सिमुलियम प्रजाति के  संक्रमित ब्लैकफ्लाई के बार-बार काटने से मनुष्यों में फैल सकता है।
  • ये मक्खियाँ कुछ दूरस्थ, उष्णकटिबंधीय, कृषि क्षेत्रों में तेज बहाव वाली नदियों एवं झरनों के पास प्रजनन करती हैं।
  • ओन्कोसेरसियासिस स्वयं संक्रामक नहीं है क्योंकि यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे नहीं फैल सकता है। 
  • किंतु यह रोग तब फैल सकता है जब ब्लैकफ्लाई संक्रमित लोगों को काटती हैं, लार्वा को खा जाती हैं और फिर उन लोगों को काटती हैं जो संक्रमित नहीं हैं।
  • यह पूरे उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में ब्राजील एवं वेनेजुएला के कुछ क्षेत्रों में आम है। 
  • इसके लक्षणों में संभावित रूप से विकृत त्वचा पर चकत्ते और अंधापन सहित दृष्टि संबंधी समस्याएँ शामिल है।
  • विश्व स्तर पर, संक्रमण से संबंधित अंधेपन का कारण बनने वाले रोगों में यह ट्रेकोमा के बाद दूसरे स्थान पर है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, रिवर ब्लाइंडनेस सर्वाधिक उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों में से एक है, विशेष रूप से दूरदराज एवं ग्रामीण क्षेत्रों में।
  • इसका उपचार ‘इवरमेक्टिन’ (Ivermectin) नामक एक ओरल एंटीपैरासिटिक दवा है।
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