शिक्षा क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की भूमिका लगातार बढ़ रही है। इसी परिप्रेक्ष्य में OpenAI ने भारत में पहली बार ‘लर्निंग एक्सेलरेटर (Learning Accelerator)’ पहल की शुरुआत की है।
लर्निंग एक्सेलरेटर पहल के बारे में
- यह एक शैक्षिक पहल है, जिसके अंतर्गत OpenAI ने IIT मद्रास सहित कई संस्थानों के साथ साझेदारी की है।
- इस पहल को $500,000 (लगभग 4 करोड़ रुपए) की फंडिंग से समर्थित किया गया है।
- इसका उद्देश्य यह समझना है कि किस प्रकार AI शिक्षा को बेहतर बना सकता है और भारतीय विद्यार्थियों के स्थानीय पाठ्यक्रम से मेल खा सकता है।
प्रमुख लक्ष्य
- विद्यार्थियों के सीखने के परिणामों (Learning Outcomes) को बेहतर बनाना
- नवाचारी शिक्षण विधियों को प्रोत्साहित करना
- संज्ञानात्मक विज्ञान से मिले निष्कर्षों के आधार पर शिक्षा को अधिक प्रभावी बनाना
- विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को AI के माध्यम से व्यक्तिगत ट्यूटर जैसी सुविधा प्रदान करना
- शिक्षा को स्थानीय भाषाओं एवं भारतीय पाठ्यक्रम (CBSE, IIT) के अनुरूप बनाना
प्रमुख विशेषताएँ
- IIT मद्रास के साथ अनुसंधान सहयोग
- छह माह के भीतर लगभग पाँच लाख ChatGPT लाइसेंस एवं प्रशिक्षण का वितरण
- शिक्षा मंत्रालय, AICTE एवं ARISE जैसी संस्थाओं के साथ साझेदारी
- ChatGPT का स्टडी मोड (Study Mode) भारतीय पाठ्यक्रम पर केंद्रित होना
- स्थानीय भाषाओं में उत्तर देने और भारतीय संदर्भ में शिक्षण सहायता प्रदान करने की क्षमता
लर्निंग एक्सेलरेटर पहल का लाभ
- विद्यार्थियों के लिए: व्यक्तिगत ट्यूटर की तरह मदद, जटिल विषयों को सरल भाषा में समझाना, परीक्षा की तैयारी में सहायक
- शिक्षकों के लिए: पाठ योजना बनाने, असाइनमेंट तैयार करने और विद्यार्थियों की सहभागिता बढ़ाने में सुविधाजनक
- शैक्षणिक संस्थानों के लिए: प्रबंधन एवं शोध गतिविधियों में AI के एक महत्त्वपूर्ण आधारभूत ढांचा के रूप में निर्माण
- ग्रामीण क्षेत्रों के लिए: कम प्रशिक्षित शिक्षकों वाले स्कूलों में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुँच
चुनौतियाँ
- डिजिटल विभाजन (Digital Divide): ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में इंटरनेट व डिवाइस की उपलब्धता में अंतर
- भाषाई विविधता: सभी भारतीय भाषाओं में उच्च गुणवत्ता वाला AI कंटेंट उपलब्ध कराने की चुनौती
- शिक्षकों का प्रशिक्षण: AI टूल्स का प्रभावी उपयोग करने के लिए शिक्षकों के उचित प्रशिक्षण की आवश्यकता
- डाटा गोपनीयता एवं नैतिकता: विद्यार्थियों के डाटा की सुरक्षा और AI के जिम्मेदार उपयोग की चुनौती
- निर्भरता का खतरा: विद्यार्थी के केवल AI पर निर्भरता से उनकी स्वनिर्माण क्षमता प्रभावित होने की संभावना
आगे की राह
- भारत सरकार को शिक्षा में AI के उपयोग हेतु एक राष्ट्रीय नीति बनानी चाहिए।
- स्थानीय भाषाओं और क्षेत्रीय पाठ्यक्रमों पर अधिक ध्यान देना आवश्यक है।
- डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और इंटरनेट कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करना होगा।
- शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों के लिए AI साक्षरता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए।
- AI को केवल सहायक उपकरण के रूप में प्रयोग करने पर जोर दिया जाए, न कि संपूर्ण निर्भरता पर।