New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back

पेरितो मोरेनो ग्लेशियर

(प्रारंभिक परीक्षा : विश्व का भूगोल, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 1: विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ, विश्व भर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण, भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान- अति महत्त्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं और वनस्पति एवं प्राणिजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव)

संदर्भ 

दक्षिण अमेरिका के अर्जेंटीना में स्थित पेरितो मोरेनो ग्लेशियर (Perito Moreno Glacier) का एक विशाल बर्फ खंड के टूट गया है। बर्फ का यह खंड 20 मंज़िला इमारत के बराबर था। यह घटना ग्लेशियर की निरंतर अस्थिरता की ओर संकेत करती है और वैश्विक जलवायु परिवर्तन की गंभीरता को उजागर करती है।

पेरितो मोरेनो ग्लेशियर के बारे में 

  • अवस्थिति : यह ग्लेशियर अर्जेंटीना के सांता क्रूज़ प्रांत के एल कैलाफेट शहर के पास स्थित है। यह लॉस ग्लेशियर्स नेशनल पार्क के अंतर्गत आता है जोकि यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
    • यह ग्लेशियर पैटागोनियन आइस फील्ड का हिस्सा है जो अंटार्कटिका एवं ग्रीनलैंड के बाद तीसरा सबसे बड़ा मीठे पानी का भंडार है।
    • पेरिटो मोरेनो ग्लेशियर को ‘व्हाइट जायंट’ भी कहा जाता है।
  • नामकरण : ग्लेशियर का नाम अर्जेंटीनी खोजकर्ता फ्रांसिस्को मोरेनो के नाम पर रखा गया है जिन्होंने 19वीं सदी में इस क्षेत्र की खोज की और अर्जेंटीना-चिली सीमा निर्धारण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
  • निर्माण अवधि : इसका निर्माण पिछले हिमयुग के दौरान लगभग 18,000 वर्ष पहले हुआ था।
  • क्षेत्रफल : इसका कुल क्षेत्रफल 250 वर्ग किमी. है जो भारत के पटना शहर के क्षेत्रफल के बराबर है।
    • यह ग्लेशियर लगभग 30 किमी. लंबा है और जल स्तर से 60 मीटर की ऊँचाई पर है। 
  • महत्व : यह ग्लेशियर अर्जेंटीना के लिए ताजे जल का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत भी है। इसके विशाल आकार एवं गतिशील स्वरूप के कारण यह न केवल वैज्ञानिकों के अध्ययन का विषय रहा है, बल्कि पर्यटन आकर्षण भी है।
  • रप्चर इवेंट : रप्चर इवेंट (Rupture Events) पेरितो मोरेनो ग्लेशियर की सबसे प्रसिद्ध एवं अद्वितीय प्राकृतिक घटनाओं में से एक है जो इसे विश्व के अन्य ग्लेशियरों से अलग पहचान दिलाती है। 
    • इस प्रक्रिया में पेरितो मोरेनो ग्लेशियर जब लागो अर्जेंटीना (Argentino Lake) में आगे बढ़ता है तो यह झील के दो भागों ‘ब्राजो रिको’ एवं मुख्य झील को बर्फ की एक विशाल दीवार बनाकर एक-दूसरे से अलग कर देता है। इससे ब्राजो रिको वाले हिस्से में पानी का प्रवाह रुक जाता है और उसका जल स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। धीरे-धीरे, पानी का दबाव उस बर्फ की दीवार पर इतना अधिक हो जाता है कि वह दीवार अचानक टूट जाती है। इसी प्रक्रिया को ‘रप्चर इवेंट’ कहा जाता है।

वर्तमान स्थिति एवं संकट

  • गंभीर कैल्विंग घटनाएँ : पिछले 4–6 वर्षों में ग्लेशियर से टूटने वाले बर्फ के टुकड़ों का आकार व आवृत्ति काफी बढ़ गई है। ये घटनाएँ गंभीर जलवायु असंतुलन की चेतावनी हैं।
  • ग्लेशियर का पीछे हटना (Retreat) : लगभग 80 वर्षों तक स्थिर रहने के बाद वर्ष 2020 से ग्लेशियर पीछे हटने लगा है। वर्ष 2024 की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2015 के बाद से ग्लेशियर ने अपनी सबसे तेज़ व निरंतर बर्फीय क्षति (औसतन 0.85 मीटर प्रति वर्ष) दर्ज की है। 
  • जलवायु परिवर्तन का प्रभाव : इस क्षेत्र में तापमान लगभग 0.06 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक बढ़ा है। वर्षा एवं हिमपात की मात्रा घटने से ऊपरी हिस्सों में बर्फ का संचय कम हुआ है जिससे पिघलने व टूटने की दर अधिक हो गई है।

वैश्विक परिप्रेक्ष्य में ग्लेशियर संकट

  • फरवरी 2025 में नेचर जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, पिछले 25 वर्षों में दुनिया के ग्लेशियर प्रतिवर्ष औसतन 273 अरब टन बर्फ खो चुके हैं।
  • जल की यह मात्रा पृथ्वी की पूरी जनसंख्या की 30 वर्षों की पानी की जरूरत के बराबर है।
  • इससे समुद्र तल लगभग 2 सेमी. बढ़ चुका है जो तटीय क्षेत्रों के लिए विनाशकारी हो सकता है।
  • मार्च 2025 में यूनेस्को की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1975 से अब तक ग्लेशियरों ने 9,000 अरब टन से अधिक बर्फ खो दी है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR