New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी

23 जून, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित तीन मूर्ति भवन में प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (PMML) सोसाइटी की 47वीं वार्षिक आम बैठक की अध्यक्षता की। इसमें संग्रहालयों की भूमिका, सांस्कृतिक संरक्षण एवं ऐतिहासिक दस्तावेजों के डिजिटलीकरण को लेकर कई दूरदर्शी प्रस्ताव रखे गए।

प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी के बारे में 

  • परिचय : यह भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्यरत एक स्वायत्त संस्था है जिसका मुख्यालय नई दिल्ली के तीन मूर्ति भवन में स्थित है। 
  • स्थापना : इसकी  स्थापना वर्ष 1964 में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के रूप में हुई थी। 
    • वर्ष 2022 में इसका नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय कर दिया गया ताकि यह भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को समग्र रूप से प्रदर्शित कर सके। 
  • कार्य : यह संस्था भारत के प्रधानमंत्रियों के जीवन, कार्य एवं उनके ऐतिहासिक योगदान को संरक्षित, प्रदर्शित व शोध के लिए उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कार्य करती है।
  • प्रमुख उद्देश्य  
    • भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के जीवन एवं कार्यों को दस्तावेजीकृत करना और उनकी विरासत को संरक्षित करना
    • स्वतंत्रता संग्राम, राष्ट्र निर्माण व भारतीय इतिहास से संबंधित शोध को बढ़ावा देना
    • सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक जागरूकता को प्रोत्साहित करने के लिए संग्रहालय व पुस्तकालय के माध्यम से जनता को शिक्षित करना

हालिया बैठक के महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव एवं घोषणाएँ

  • भारत का संग्रहालय मानचित्र (Museum Map of India): प्रधानमंत्री ने पूरे देश के संग्रहालयों की एकीकृत सांस्कृतिक जानकारी को समाहित करने वाला संग्रहालय मानचित्र बनाने का सुझाव दिया। 
  • इसका उद्देश्य भारत की बहुलतावादी संस्कृति एवं विविध विरासत को एक साझा मंच पर प्रस्तुत करना होगा ।
  • संग्रहालयों का राष्ट्रीय डाटाबेस : संग्रहालयों की संपूर्ण राष्ट्रीय डाटाबेस तैयार करने का प्रस्ताव रखा गया जिसमें आगंतुक संख्या, गुणवत्ता मानक, रखरखाव एवं प्रदर्शनों की डिजिटल उपस्थिति शामिल हो।
  • प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण : संग्रहालयों का प्रबंधन करने वाले कार्मिकों के लिए नियमित कार्यशालाएँ आयोजित की जाएंगी, जिससे आधुनिक प्रबंधन एवं डिजिटलीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।
  • युवा विचारों का समावेश : प्रत्येक राज्य से 35 वर्ष से कम आयु के 5 व्यक्तियों की एक समिति बनाने का प्रस्ताव रखा गया है ताकि नवाचार एवं युवा दृष्टिकोण को संग्रहालय व्यवस्था में शामिल किया जा सके।
  • आपातकाल पर विशेष दस्तावेज़ीकरण : आपातकाल की 50वीं वर्षगाँठ के दृष्टिगत उस कालखंड से जुड़ी सभी कानूनी संघर्षों व दस्तावेजों का संकलन करने और उसे संरक्षित करने का सुझाव दिया गया। यह कदम इतिहास को तथ्यों के साथ सुरक्षित रखने में सहायक होगा।
  • दूतावासों व सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की भागीदारी : भारत में स्थित विदेशी दूतावासों के अधिकारियों तथा प्रमुख इन्फ्लुएंसर्स को संग्रहालयों का दौरा कराने की बात की गई ताकि भारतीय विरासत को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल सके।
  • वर्तमान का संरक्षण : प्रधानमंत्री ने वर्तमान समय के घटनाक्रमों, दस्तावेजों एवं उपलब्धियों को संगठित रूप से संग्रहित करने की आवश्यकता पर बल दिया जिससे भविष्य में शोधकर्ताओं को इस युग की वस्तुनिष्ठ समझ मिल सके।

महत्त्व और संभावित प्रभाव

  • सांस्कृतिक पुनरुद्धार : यह पहल भारतीय संस्कृति एवं इतिहास को डिजिटल रूप में संजोकर नवपीढ़ी को विरासत से जोड़ने का माध्यम बनेगी।
  • पर्यटन एवं अर्थव्यवस्था : संग्रहालयों की उन्नत प्रणाली देश-विदेश से आगंतुकों को आकर्षित करेगी, जिससे सांस्कृतिक पर्यटन व स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
  • शोध एवं शिक्षण : आपातकाल जैसे संवेदनशील विषयों पर दस्तावेज़ों का संकलन शोधकर्ताओं और इतिहासकारों के लिए अमूल्य स्रोत बनेगा।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X