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भारतीय गुणवत्ता परिषद

(प्रारंभिक परीक्षा : महत्वपूर्ण संस्थान)

चर्चा में क्यों

वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने नई दिल्ली के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) के नए एकीकृत मुख्यालय का उद्घाटन किया।

भारतीय गुणवत्ता परिषद के बारे में

  • परिचय : यह एक गैर-लाभकारी स्वायत्त संगठन है जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत है।
  • मुख्यालय: नई दिल्ली
  • स्थापना : वर्ष 1996 में भारत सरकार और तीन प्रमुख उद्योग संघों भारतीय उद्योग परिसंघ (CII), फिक्की (FICCI), और एसोचैम (ASSOCHAM) द्वारा पीपीपी (PPP) मॉडल के माध्यम से।
  • नोडल निकाय : औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय)
  • मिशन : देश के सभी महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, शासन, सामाजिक क्षेत्र, बुनियादी ढांचा आदि में गुणवत्ता मानकों के प्रचार-प्रसार, अंगीकरण और अनुपालन को सुनिश्चित कर जीवन की गुणवत्ता एवं नागरिकों के कल्याण को बढ़ावा देना।
  • उद्देश्य : भारत में गुणवत्ता आंदोलन को बढ़ावा देना, विभिन्न क्षेत्रों में गुणवत्ता मानकों को विकसित करना और सुनिश्चित करना।
  • अध्यक्ष की नियुक्ति : निजी उद्योगों द्वारा सरकार को दी गई सिफारिश के आधार पर प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है। 

प्रशासनिक संरचना

गवर्निंग काउंसिल (नीति निर्धारण)

गवर्निंग बॉडी (संचालन और निगरानी)

CEO और सचिवालय (दैनिक कार्य, क्रियान्वयन)

5 बोर्ड (विशेषीकृत कार्य)

तकनीकी समितियाँ और परियोजना कार्यबल

प्रमुख कार्य

  • राष्ट्रीय गुणवत्ता अभियान का संचालन
    • नागरिकों में गुणवत्ता के प्रति जागरूकता फैलाना एवं उन्हें सभी क्षेत्रों में गुणवत्तायुक्त सेवाएँ और उत्पादों की मांग करने के लिए सशक्त बनाना।
    • उत्पादकों, सेवा प्रदाताओं और संस्थानों को गुणवत्ता मानकों को अपनाने हेतु प्रोत्साहित करना।
  • सरकारों, संस्थानों और उद्यमों की क्षमता निर्माण: निरंतर गुणवत्ता सुधार की प्रक्रियाओं को संस्थागत रूप देने हेतु प्रशिक्षण और संसाधन विकसित करना।
  • राष्ट्रीय प्रत्यायन कार्यक्रमों का विकास और संचालन: उत्पादों, कर्मचारियों, प्रबंधन प्रणालियों, निरीक्षण, परीक्षण और चिकित्सा प्रयोगशालाओं जैसे क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रत्यायन सुनिश्चित करना।
  • सेवा क्षेत्रों के लिए प्रत्यायन मानक विकसित करना
    • शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, शासन, कौशल विकास, आदि क्षेत्रों में राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुरूप प्रत्यायन कार्यक्रमों की स्थापना।
  • सरकारी तंत्र में थर्ड पार्टी मूल्यांकन मॉडल को बढ़ावा देना: शासन, नियामकों और संगठनों में पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए स्वतंत्र मूल्यांकन प्रणाली का विकास।
  • MSME क्षेत्र की गुणवत्ता प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को गुणवत्ता उपकरण और प्रबंधन प्रणालियों के उपयोग हेतु प्रोत्साहन।
  • गुणवत्ता सुधार और बेंचमार्किंग केंद्र की स्थापना: श्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय  और राष्ट्रीय अभ्यासों का भंडार और उनके प्रसार हेतु विशेष केंद्र की स्थापना।
  • औद्योगिक शोध एवं प्रकाशन: गुणवत्ता क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देना और इसके निष्कर्षों को विभिन्न पत्रिकाओं और जर्नलों में प्रकाशित करना।
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