New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व

पहले अंतर-राज्यीय बाघ स्थानांतरण और देश के दूसरे बाघ स्थानांतरण के तहत अगले कुछ सप्ताह में एक बाघिन को मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व से लगभग 800 किलोमीटर दूर राजस्थान के बूंदी स्थित रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व (RVTR) में हवाई मार्ग से लाया जाएगा। विदित है कि विश्व के कुल बाघों का लगभग 80% भारत में पाए जाते हैं।

रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बारे में

  • यह राजस्थान के मुख्यतः बूंदी जिले के साथ-साथ भीलवाड़ा जिले में भी विस्तृत है। 1,501.89 वर्ग किमी. में फैले इस रिजर्व का कोर क्षेत्र 481.90 वर्ग किमी. तथा बफर जोन 1,019.98 वर्ग किमी. है।
  • यह रणनीतिक रूप से उत्तर-पूर्व में रणथंभौर टाइगर रिजर्व और दक्षिण में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के बीच एक महत्वपूर्ण गलियारे के रूप में कार्य करने के लिए स्थित है।
    • सरिस्का टाइगर रिज़र्व, रणथम्भोर टाइगर रिज़र्व एवं मुकुन्दरा टाइगर रिज़र्व राजस्थान के प्रमुख टाइगर रिज़र्व हैं।
  • इसे 16 मई, 2022 को बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया। चंबल नदी की सहायक ‘मेज (Mez)’ नदी इस रिजर्व से होकर प्रवाहित होती है।
  • इस रिजर्व की स्थलाकृति अरावली व विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं के ऊबड़-खाबड़ भूभागों से युक्त है जिनमें घाटियाँ एवं पठार भी शामिल हैं। 
  • यहाँ की वनस्पति शुष्क पर्णपाती वन है। यहाँ ढोक (Anogeissus pendula) वृक्षों का प्रभुत्व है। अन्य महत्वपूर्ण वनस्पतियों में खैर, रोंज, अमलतास, गुर्जन, सालेर आदि शामिल हैं।
  • इस क्षेत्र में तेंदुए एवं भालू का प्रभुत्व है। अन्य महत्वपूर्ण जीवों में जंगली बिल्ली, गोल्डन जैकाल, लकड़बग्घा, कलगीदार साही, इंडियन हेजहॉग, रीसस मकाक, हनुमान लंगूर आदि शामिल हैं।

पेंच टाइगर रिजर्व के बारे में मुख्य तथ्य 

  • यह मध्य प्रदेश के सिवनी और छिंदवाड़ा जिलों में सतपुड़ा पहाड़ियों के दक्षिणी छोर पर स्थित है तथा महाराष्ट्र के साथ दक्षिणी सीमा साझा करता है।
  • इसका नाम पेंच नदी के नाम पर रखा गया है जो उत्तर से दक्षिण तक रिजर्व से होकर प्रवाहित होती है। इसमें इंदिरा प्रियदर्शिनी पेंच राष्ट्रीय उद्यान, पेंच मोगली अभयारण्य और एक बफर क्षेत्र शामिल हैं।
  • पी.टी.आर. और उसके आसपास का क्षेत्र रुडयार्ड किपलिंग की प्रसिद्ध ‘द जंगल बुक’ की वास्तविक कहानी वाला क्षेत्र है।
  • इस क्षेत्र के लगभग एक-चौथाई भाग में सागौन के जंगल पाए जाते हैं। यह क्षेत्र विशेष रूप से चीतल, सांभर, नीलगाय, गौर (भारतीय बाइसन) और जंगली सूअर के बड़े झुंडों के लिए प्रसिद्ध है। 
  • यहाँ निवासी एवं प्रवासी पक्षियों की 325 से अधिक प्रजातियां हैं जिनमें मालाबार पाइड हॉर्नबिल, इंडियन पिटा, ऑस्प्रे, ग्रे हेडेड फिशिंग ईगल, व्हाइट आईड बज़र्ड आदि शामिल हैं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR