संदर्भ
भारत की गैर-लाभकारी संस्था ‘एजुकेट गर्ल्स’ सहित तीन लोगों/संस्थाओं को रेमन मैग्सेसे पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया है।
वर्ष 2025 के पुरस्कार विजेता
- एजुकेट गर्ल्स (भारत): ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में बालिकाओं की शिक्षा में लैंगिक अन्याय को दूर करने के लिए। यह संगठन परिवारों, समुदायों और समाज को सशक्त बनाता है।
- शाहिना अली (मालदीव): प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई और मालदीव के समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करने के लिए।
- फ्लावियानो एंटोनियो एल. विलानुएवा (फिलीपींस): गरीबों एवं उत्पीड़ितों की गरिमा को बहाल करने और पूर्व राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते के ड्रग युद्ध के खिलाफ मानवाधिकारों के लिए काम करने के लिए।
- पुरस्कार समारोह: 7 नवंबर, 2025 को मनीला, फिलीपींस के मेट्रोपॉलिटन थिएटर में आयोजित होगा।
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार के बारे में
- परिचय: यह एशिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है, जिसे ‘एशिया का नोबेल पुरस्कार’ भी कहा जाता है।
- उद्देश्य: यह उन व्यक्तियों एवं संगठनों को सम्मानित करता है, जो निस्वार्थ सेवा व नेतृत्व के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाते हैं।
- श्रेणियाँ: पहले छह श्रेणियों में पुरस्कार दिए जाते थे किंतु वर्ष 2009 से केवल उभरते नेतृत्व (Emergent Leadership) और अन्य सामाजिक योगदान के लिए दिए जाते हैं।
- प्रक्रिया: विजेताओं का चयन गोपनीय नामांकन एवं कठोर मूल्यांकन प्रक्रिया के माध्यम से रेमन मैग्सेसे पुरस्कार फाउंडेशन (RMAF) द्वारा किया जाता है।
इतिहास
- स्थापना: वर्ष 1957 में रॉकफेलर ब्रदर्स फंड और फिलीपींस सरकार द्वारा स्थापित।
- नामकरण: फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रेमन मैग्सेसे के सम्मान में, जिन्होंने निष्ठा और जनसेवा में योगदान दिया।
- पहला पुरस्कार: वर्ष 1958 में पांच व्यक्तियों और एक संगठन को प्रदान किया गया।
- वैश्विक प्रभाव: अब तक 23 एशियाई देशों के 326 व्यक्ति और 27 संगठन इस पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं।
पुरस्कार राशि
- पुरस्कार: प्रत्येक विजेता को रेमन मैग्सेसे की तस्वीर वाला एक मेडल, एक प्रमाणपत्र और नकद पुरस्कार दिया जाता है।
- नकद राशि: पुरस्कार की राशि का विवरण सार्वजनिक रूप से उल्लेख नहीं किया जाता है किंतु यह विजेताओं के कार्य को आगे बढ़ाने में सहायक होती है।
एनजीओ एजुकेट गर्ल्स के बारे में
- स्थापना: लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की स्नातक साफिना हुसैन द्वारा वर्ष 2007 में।
- उद्देश्य: ग्रामीण एवं शैक्षिक रूप से वंचित क्षेत्रों में बालिकाओं की शिक्षा के लिए समुदाय और सरकार के संसाधनों को जुटाना।
- प्रभाव:
- 30,000 से अधिक गाँवों में 20 लाख से अधिक लड़कियों को प्रभावित किया।
- वर्ष 2015 में शिक्षा में विश्व का पहला डेवलपमेंट इम्पैक्ट बॉन्ड लॉन्च किया, जिसने 90% से अधिक रिटेंशन दर हासिल की।
- प्रगति कार्यक्रम: 15-29 वर्ष की युवा महिलाओं के लिए ओपन-स्कूलिंग, 31,500 से अधिक शिक्षार्थियों को लाभ।
- महत्व: भारत की पहली गैर-लाभकारी संस्था, जिसे रेमन मैग्सेसे पुरस्कार मिला।
भारत के रमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता सूची
- 2019: रवीश कुमार (पत्रकार)- निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए
- 2018: सोनम वांगचुक (पर्यावरण कार्यकर्ता)- शिक्षा एवं पर्यावरण संरक्षण में योगदान के लिए
- 2006: अरविंद केजरीवाल (राजनेता)- सामाजिक सुधार और पारदर्शिता के लिए
- 2000: अरुणा रॉय (आर.टी.आई. कार्यकर्ता)- सूचना के अधिकार को बढ़ावा देने के लिए
- 1994: किरण बेदी (पूर्व आईपीएस अधिकारी)- सामाजिक सुधार और पुलिस सेवा में योगदान के लिए
- 1982: अरुण शौरी (पत्रकार)- पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए
- 1967: सत्यजित राय (फिल्म निर्माता)- सिनेमाई कला में योगदान के लिए
- 1965: जयप्रकाश नारायण (राजनेता)- सामाजिक एवं राजनीतिक सुधार के लिए
- 1962: मदर टेरेसा (सामाजिक कार्यकर्ता)- गरीबों की सेवा के लिए
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