New
The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video

रेड सैंडर्स (Red Sanders)

प्रारम्भिक परीक्षा – रेड सैंडर्स (Red Sanders), CITES, RST
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3

संदर्भ

  • केंद्रीय पर्यावरण के अनुसार, जिनेवा में लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) की बैठक में लाल चंदन को महत्वपूर्ण व्यापार की समीक्षा (RST) प्रक्रिया से हटाने का निर्णय लिया गया है।

Red-Sanders

             

प्रमुख बिंदु 

महत्वपूर्ण व्यापार की समीक्षा (RST) प्रक्रिया :

  • CIETS की आरएसटी प्रक्रिया उन देशों पर निर्देशित व्यापार निलंबन के रूप में अनुशासनात्मक कार्रवाई को सक्षम बनाती है जो अपने दायित्वों को पूरा नहीं करते हैं।
  • भारत में वर्ष 2004 में रेड सैंडर्स के लकड़ी के अवैध व्यापर तथा कटाई के कारण इसके व्यापार निलंबित करने की सिफारिश की गई थी।लेकिन वर्तमान में भारत के अनुपालन और रिपोर्टिंग के आधार पर, लाल चंदन वृक्ष को महत्वपूर्ण व्यापार समीक्षा से हटा दिया गया है। 
  • यह निर्णय 6 से 10 नवंबर 2023 के मध्य जिनेवा में आयोजित वन्य जीवों और वनस्पतियों (CIETS) की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन की स्थायी समिति महत्वपूर्ण व्यापार की समीक्षा (RST) की 77 वीं बैठक में लिया गया था।

RST  प्रक्रिया से रेड सैंडर्स के वृक्ष को बाहर करने से लाभ 

  • रेड सैंडर्स (Red Sanders) एक उच्च बाजार मूल्य वाला वृक्ष है, जो आंध्र प्रदेश के कुछ जिलों में पाया जाता है । 
  • इस प्रजाति को 1994 से CITES के तहत परिशिष्ट II के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
  • भारत को रेड सैंडर्स के लिए महत्वपूर्ण व्यापार की समीक्षा से हटाने से इन वृक्षों को उगाने में किसानों को बढ़ावा मिलेगा। जिन्हें अवैध कटाई और तस्करी के खतरों का सामना करना पड़ रहा है जिससे प्राकृतिक वन समाप्त हो रहे तथा किसानों को आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा था।
  • वर्तमान में वृक्षारोपण से प्राप्त रेड सैंडर्स की लकड़ी कानूनी व्यापार का हिस्सा होगी जिससे किसानों को वैध व्यापार करने में मदद मिलेगी। 

हानि

  • रेड सैंडर्स को उगाने में 20 से 30 साल लगते हैं। ऐसी स्थिति में जहां पर्याप्त लाल चंदन वृक्ष नहीं हैं, ऐसी छूट से उगाए गए रेड सैंडर्स के वृक्ष कटाव पर दबाव बढ़ेगा। 

उपाय 

  • व्यापार योग्य लकड़ी को बढ़ावा देने के लिए 20 से 30 वर्षों तक रेड सैंडर्स का पालन-पोषण किया जाय, तो इसका आसानी से व्यापार किया जा सकता है। लेकिन इस तरह की अचानक छूट से जंगल से रेड सैंडर्स की मांग बढ़ सकती है,जिससे वृक्षों का कटाव अत्यधिक होगा, जिससे पारिस्थितिकी संतुलन बिगड़ सकता है।

वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES):

  • यह वैश्विक देशों के मध्य अंतरराष्ट्रीय समझौता (संधि) है, जिसे वर्ष 1963 में IUCN के सदस्यों द्वारा अपनाए गए एक प्रस्ताव के परिणामस्वरूप तैयार किया गया था। इसे वर्ष 1975 में लागू किया गया था।
  • वर्तमान में इसमें लगभग 184 पक्षकार देश शामिल हैं। 
  • उद्देश्य : इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वन्य जीवों और वनस्पतियों के नमूनों में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के कारण प्रजातियों के अस्तित्व पर संकट न हो।
  • इसके अंतर्गत वर्तमान में वन्य जीवों और पौधों की लगभग 37, 000 से अधिक प्रजातियों की अलग-अलग श्रेणियों को विभिन्न परिशिष्टों में रखकर सुरक्षा प्रदान की गई है।
  • यह सदस्य देशों पर कानूनी रूप से बाध्यकारी (legally binding) है। लेकिन यह राष्ट्रीय कानूनों का स्थान नहीं लेता है। 
  • भारत इस समझौते में वर्ष 1976 में शामिल हुआ था।

CITES के प्रमुख तीन परिशिष्ट

  • परिशिष्ट I : इस परिशिष्ट में उन प्रजातियों को सूचीबद्ध किया जाता है जिनके विलुप्त होने की संभावना हैं; जैसे- समुद्री कछुआ, पांडा ,गोरिल्ला, आदि। 
  • इन प्रजातियों के व्यापार-नमूनों को केवल असामान्य परिस्थितियों जैसे-वैज्ञानिक शोध में ही अनुमति दी जा सकती है।
  • परिशिष्ट II : इस परिशिष्ट में उन प्रजातियों को सूचीबद्ध किया जाता है जिनके विलुप्त होने का खतरा नहीं है, लेकिन इस प्रजाति के व्यापार पर कोई प्रतिबंधित नहीं है जिससे इनकी  संख्या में गंभीर गिरावट की संभावना बनी रहती है; जैसे- महोगनी वृक्ष, प्रवाल ,अमेरिकी मगरमच्छ , पैडलफिश, शेर तथा अमेरिकी जिनसेंग आदि। 
  • परिशिष्ट III: इसमें ऐसे प्रजातियों को शामिल किया जाता है जो कम से कम एक CITES सदस्य देश में संरक्षित हों तथा उस प्रजाति के अंतरराष्ट्रीय व्यापार को नियंत्रित करने हेतु उस देश द्वारा सहायता मांगी गई हो; जैसे- केप स्टैग बीटल,टर्टल एवं वालरस आदि ।

रेड सैंडर्स

  • यह टेरोकार्पस सैंटालिनस प्रजाति का एक भारतीय स्थानिक वृक्ष है।
  • यह पूर्वी घाट में स्थित आंध्र प्रदेश के जंगलों के एक विशिष्ट क्षेत्रों में पाया जाता है।
  • इसे प्रकृति संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN) की लाल सूची में रखा गया था।

विशेषता 

  • यह अपने रंग और उपचारात्मक या औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है।इसके अतिरिक्त इसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधन,फर्नीचर, लकड़ी के शिल्प और संगीत वाद्ययंत्र बनाने के लिए किया जाता है। 

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:-हाल ही में CITES के महत्वपूर्ण व्यापार की समीक्षा (RST) प्रक्रिया से भारत के किस वृक्ष को हटाने का निर्णय लिया गया है?

(a)  महोगनी

(b)  रोजवूड

(c)  रेड सैंडर्स 

(d)  चीड़

उत्तर: (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न:- CITES के द्वारा रेड सैंडर्स को आरएसटी प्रक्रिया से हटाने पर किसानों को होने वाले लाभ एवं हानि की व्याख्या कीजिए।

स्रोत: INDIAN EXPRESS

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR