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थोक मुद्रास्फीति में कमी 

(प्रारंभिक परीक्षा के लिए – मुद्रास्फीति, थोक मूल्य सूचकांक)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्धयन प्रश्नपत्र:3  – भारतीय अर्थव्यवस्था, आर्थिक विकास)

संदर्भ

  • वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा प्रकाशित आँकड़ों के अनुसार खाद्य, ईंधन और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में कमी होने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में घटकर 8.39 प्रतिशत पर आ गयी है।
  • यह थोक मुद्रास्फीति का पिछले 19 महीनों में सबसे न्यूनतम स्तर है।

महत्वपूर्ण बिन्दु 

  • थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित थोक मुद्रास्फीति दर सितंबर में 10.7 प्रतिशत से कम होकर, अक्टूबर में 8.39 प्रतिशत हो गयी।
  • थोक खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति सितंबर में 8.1% से कम होकर अक्टूबर में 6.5% रह गई।
  • विनिर्मित वस्तुओं में मुद्रास्फीति एक महीने पहले 6.3% से घटकर अक्टूबर में 4.4% रह गई। 
  • ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति सितंबर में 32.6% से कम होकर अक्टूबर में  23.2% रह गई है।
  • खनिज तेल, मूल धातु, फ्रैबिकेटेड धातु उत्पाद, अन्य गैर-धातु खनिज उत्पाद तथा खनिजों की कीमतों में कमी होने से अक्टूबर, 2022 में थोक मुद्रास्फीति में कमी आयी है।
  • थोक महंगाई के लंबे समय तक बढ़े रहना, अर्थव्यवस्था के लिए चिंता का विषय होता है, क्योंकि थोक महंगाई मुख्य रूप से प्रोडक्टिव सेक्टर को प्रभावित करती है।
    • यदि थोक मूल्य बहुत ज्यादा समय तक उच्च रहता है, तो निर्माता इसका भार उपभोक्ताओं पर डाल देते है।

थोक मूल्य सूचकांक (WPI)

  • थोक मूल्य सूचकांक, देश में मुद्रास्फीति की गणना के लिए आवश्यक, एक महत्वपूर्ण सूचकांक है।
  • WPI का प्रकाशन, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा किया जाता है।
  • थोक मूल्य सूचकांक का आधार वर्ष 2011-12 है। 
  • थोक मूल्य सूचकांक का अर्थ, उन कीमतों से होता है, जो थोक बाजार में एक कारोबारी दूसरे कारोबारी से वसूलता है। 
    • ये कीमतें थोक में किए गए सौदों से जुड़ी होती है।
  • यह उपभोक्ताओं द्वारा खरीदे गए उत्पादों पर ध्यान केंद्रित नहीं करता है।
  • थोक मूल्य सूचकांक को हेडलाइन मुद्रास्फीति के रूप में जाना जाता है।
  • थोक मूल्य सूचकांक लेन-देन के प्राथमिक चरण पर वस्तुओं की कीमतों को प्रदर्शित करता है। 
  • इसमे सिर्फ वस्तुओं के मूल्यों की गणना की जाती है, इसमे सेवाएं शामिल नहीं होती है।
  • WPI, किसी अर्थव्यवस्था की मैक्रोइकॉनॉमिक के साथ-साथ सूक्ष्म आर्थिक स्थितियों का आकलन करने में मदद करता है।
  • WPI में तीन घटक शामिल हैं-
    • निर्मित उत्पाद - 64.2%
    • प्राथमिक वस्तुएं - 22.6%
    • ईंधन और बिजली - 13.1%

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