New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

क्षेत्रीय ओपन डिजिटल हेल्थ समिट 2025

(प्रारंभिक परीक्षा: महत्त्वपूर्ण सम्मलेन एवं आयोजन)

संदर्भ

भारत ने 19-21 नवंबर, 2025 के बीच नई दिल्ली में द्वितीय क्षेत्रीय ओपन डिजिटल हेल्थ समिट (RODHS 2025) की मेजबानी की।

द्वितीय क्षेत्रीय ओपन डिजिटल हेल्थ समिट (RODHS) के बारे में

  • यह तीन दिवसीय सम्मेलन इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (NeGD), राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA), विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्रीय कार्यालय (WHO-SEARO) एवं यूनिसेफ (UNICEF) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।
  • इसमें भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल, मालदीव आदि देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। समिट के उद्घाटन सत्र में सहयोग, तकनीकी समानता व इंटरऑपरेबिलिटी को डिजिटल स्वास्थ्य परिवर्तन का मुख्य स्तंभ बताया गया।

उद्देश्य

  • डिजिटल पब्लिक इंफ़्रास्ट्रक्चर के माध्यम से सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) को बढ़ावा देना
  • विभिन्न देशों की स्वास्थ्य प्रणालियों में इंटरऑपरेबिलिटी सुनिश्चित करना
  • नई तकनीकों (जैसे- जनरेटिव AI) का उपयोग कर स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाना
  • सदस्य देशों की तकनीकी क्षमता को मजबूत करना
  • ओपन स्टैंडर्ड आधारित, सुरक्षित एवं स्केलेबल डिजिटल स्वास्थ्य ढांचा विकसित करना

मुख्य बिंदु

  • डिजिटल पब्लिक अवसंरचना पर फोकस
    • UIDAI, UPI, CoWIN, ABDM जैसे भारत के DPI मॉडल को वैश्विक प्रेरणा बताया गया।
    • विशेषज्ञों ने कहा कि DPI केवल डिजिटल उपयोग नहीं है बल्कि बेहतर स्वास्थ्य परिणाम, लागत में कमी व नागरिक-सशक्तिकरण पर आधारित होना चाहिए।
  • सहयोग एवं इंटरऑपरेबिलिटी का महत्व
    • WHO-SEARO ने कहा कि डिजिटल स्वास्थ्य अपनाने में विश्वास, स्थिरता एवं मानकों का पालन आवश्यक है।
    • यूनिसेफ ने बच्चों, समुदायों व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर फोकस रखने की आवश्यकता बताई।
  • FHIR जैसे वैश्विक मानकों पर चर्चा
    • स्वास्थ्य डेटा विनिमय के लिए FHIR को महत्वपूर्ण बताया गया किंतु इसके लिए शासन सुधार, तकनीकी प्रशिक्षण, दीर्घकालिक निवेश, क्षेत्रीय सहयोग आवश्यक बताया गया।
  • जनरेटिव AI का उपयोग
    • क्लिनिकल डॉक्युमेंटेशन
    • AI आधारित डायग्नोस्टिक्स
    • मल्टी-लिंगुअल हेल्थ चैट सिस्टम
    • थर्मल AI द्वारा स्तन कैंसर की प्रारंभिक पहचान
  • विभिन्न देशों के अनुभव
    • भारत, श्रीलंका एवं थाईलैंड ने बताया कि अलग-अलग संसाधन होने के बावजूद डाटा संरक्षण, गोपनीयता, इंटरऑपरेबिलिटी, गवर्नेंस, डिजिटल स्वास्थ्य पारितंत्र के लिए सबसे ज़रूरी हैं।

महत्व

  • यह दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में एकीकृत डिजिटल स्वास्थ्य ढांचा विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम है।
  • भारत का डिजिटल मॉडल आधार, UPI, ABDM, CoWIN पूरे ग्लोबल साउथ के लिए मार्गदर्शक के रूप में प्रस्तुत हुआ।
  • डिजिटल हेल्थ सिस्टम को स्केलेबल, सुरक्षित व समावेशी बनाने पर जोर दिया गया।
  • जनरेटिव AI के उपयोग से
    • बेहतर रोग पहचान
    • तेज़ स्वास्थ्य सेवाएँ
    • डाटा आधारित नीति निर्माण
    • स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की कार्यक्षमता में वृद्धि संभव है।
  • सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (UHC) की दिशा में क्षेत्रीय सहयोग मजबूत हुआ।

निष्कर्ष

द्वितीय क्षेत्रीय ओपन डिजिटल हेल्थ समिट, 2025 ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि भविष्य का स्वास्थ्य मॉडल डिजिटल, मानकीकृत, सुरक्षित व सहयोग-आधारित होगा। भारत ने इस समिट के माध्यम से स्वयं को डिजिटल स्वास्थ्य नवाचार का नेतृत्वकारी देश साबित किया और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए एक समावेशी, इंटरऑपेरेबल व AI-संचालित स्वास्थ्य भविष्य की रूपरेखा प्रस्तुत की।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR