(प्रारंभिक परीक्षा: आर्थिक एवं सामाजिक विकास- सतत् विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, पर्यावरणीय पारिस्थितिकी और जलवायु परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय, संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन) |
भूमिका
इकोटूरिज्म (पर्यावरण पर्यटन) भारत के ग्रामीण विकास एजेंडे में एक रणनीतिक साधन के रूप में उभरा है। यह एक ऐसा मॉडल प्रस्तुत करता है जो आर्थिक विविधीकरण, पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक समावेश को एकीकृत करता है।
इकोटूरिज्म (पर्यावरण पर्यटन) का स्वरुप
- इंटरनेशनल इकोटूरिज्म सोसाइटी द्वारा परिभाषित यह जिम्मेदार यात्रा पर जोर देता है जो पर्यावरण का संरक्षण करती है, स्थानीय समुदायों को सतत बनाए रखती है और विवेचन व शिक्षा को प्रोत्साहित करती है।
- यह भारत की समृद्ध जैव विविधता, सांस्कृतिक परिदृश्य और ग्रामीण विरासत के साथ मजबूती से मेल खाता है जिससे इकोटूरिज्म समावेशी एवं सतत विकास के लिए एक स्वाभाविक विकल्प बन जाता है।
- यात्रियों द्वारा कम प्रभाव वाले, प्रामाणिक एवं समुदाय-केंद्रित अनुभवों की बढ़ती मांग के साथ इकोटूरिज्म की मांग में वृद्धि हुई है। नीति-निर्माताओं ने भी संरक्षण वित्तपोषण, ग्रामीण आजीविका सृजन व हरित आर्थिक विकास के लिए इसकी क्षमता को पहचाना है।
भारत में पर्यटन क्षेत्र की वर्तमान स्थिति
- पर्यटन क्षेत्र घरेलू पर्यटन के नेतृत्व में महामारी के बाद मजबूत रिकवरी प्रदर्शित कर रहा है और भारत यात्रा एवं पर्यटन जी.डी.पी. योगदान में विश्व स्तर पर 10वें स्थान पर है।
- अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन की संख्या वर्ष 2028 तक 30.5 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। वर्ष 2022 में 6.43 मिलियन की अपेक्षा 2023 में विदेशी पर्यटकों का आगमन (FTAs) 9.24 मिलियन रहा है जिसका नेतृत्व बांग्लादेश (24.5%), अमेरिका (20.4%) एवं यूनाइटेड किंगडम (6.9%) कर रहे हैं।
- इस क्षेत्र का आर्थिक योगदान वर्ष 2022 में US$ 199.6 बिलियन था, जिसके वर्ष 2028 तक US$ 512 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है जो 7.1% वार्षिक की दर से बढ़ रहा है। इससे वर्ष 2029 तक 53 मिलियन नौकरियाँ सृजित होने की उम्मीद है जो एक प्रमुख रोजगार प्रदाता के रूप में इसकी भूमिका को उजागर करता है।
नीति परिदृश्य एवं सरकारी पहल
- राष्ट्रीय इकोटूरिज्म रणनीति (2022): यह रणनीति पर्यटन मंत्रालय को MoEFCC के साथ संरेखित करती है जिसमें इको-सर्टिफिकेशन, संवेदनशील पारिस्थितिक तंत्र में उत्तरदायी पर्यटन, सामुदायिक भागीदारी, वहन क्षमता मूल्यांकन एवं संरक्षण-संबद्ध पर्यटन पर जोर दिया गया है।
- स्वदेश दर्शन योजना एवं स्वदेश दर्शन 2.0 (SD 2.0): वर्ष 2014-15 से इस योजना ने 76 प्रोजेक्ट्स के लिए 5,292.91 करोड़ रुपए मंज़ूर किए हैं जिनमें से 75 प्रोजेक्ट्स वर्ष 2024 तक पूरे हो चुके हैं। SD 2.0 सतत एवं उत्तरदायी पर्यटन की ओर बढ़ रहा है जिसमें रेनफॉरेस्ट ट्रेकिंग और बर्डवॉचिंग के लिए पथानामथिट्टा-गावी-वागामोन-थेक्कडी (केरल) और वाइल्डलाइफ़-केंद्रित फ़ॉरेस्ट टूरिज़्म के लिए डालमा-बेतला-नेतरहाट (झारखंड) जैसे इको-सर्किट शामिल हैं।
- प्रसाद योजना: इस योजना ने 48 प्रोजेक्ट्स में 1,646.99 करोड़ रुपए मंज़ूर किए हैं जो पर्यावरण-आध्यात्मिक सर्किट (Eco-spiritual Circuits), विरासत संबद्ध पर्यटन (Heritage-linked Tourism) व आवश्यक बुनियादी ढांचा उन्नयन को समर्थन करते हैं।
- क्षमता निर्माण एवं कौशल विकास: 56 होटल प्रबंधन संस्थान (IHMs) और 13 फ़ूड क्राफ़्ट संस्थानों (2024) का एक नेटवर्क सस्टेनेबल हॉस्पिटैलिटी में प्रशिक्षण प्रदान करता है जिससे ग्रामीण एवं इकोटूरिज़्म-आधारित आजीविका के लिए मानव पूंजी मज़बूत होती है।
- ट्रैवल फ़ॉर LiFE मिशन और देखो अपना देश: ये पहल नागरिक जुड़ाव, उत्तरदायी पर्यटन व्यवहार और संधारणीयता सिद्धांतों के अनुरूप महिलाओं व युवाओं के नेतृत्व वाले ग्रामीण टूरिज़्म मॉडल को बढ़ावा देती हैं।
ग्रामीण भारत: बाज़ार की गतिशीलता और उभरते अवसर
- तेज़ी से बढ़ता सेक्टर: इकोटूरिज़्म का मूल्य USD 19.8 बिलियन (2024) है जो वर्ष 2033 तक USD 50.4 बिलियन (CAGR 9.8%) होने का अनुमान है और यह GDP में ~5% का योगदान देता है।
- संधारणीयता-संचालित मांग: 82% भारतीय यात्री इको-लॉज, होमस्टे, ट्रेकिंग, बर्डवॉचिंग, एग्रो-टूरिज़्म को प्राथमिकता देते हैं (IMARC, 2025)।
- ग्रामीण विकास की क्षमता: 2,509 मिलियन घरेलू पर्यटक (2023); 9.66 मिलियन विदेशी पर्यटक आगमन (FTA/2024, +19.8%)।
- रोज़गार एवं उद्यमिता: पर्यटन 12.57% नौकरियाँ सृजित करता है (2024 में 42 मिलियन, 2025 तक 48 मिलियन), जिससे महिलाओं के नेतृत्व वाले सूक्ष्म उद्यम, युवाओं को रोज़गार और विविध ग्रामीण आय संभव होती है।
आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय प्रभाव
- आर्थिक: इससे परिवारों की आय में 35-60% की वृद्धि होती है, सूक्ष्म-उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलता है, जैसे- पेरियार टाइगर रिजर्व (₹60-80 करोड़, 50% स्थानीय लोगों को) और मावलिननॉन्ग (+60% आय)।
- सामाजिक: महिलाओं को सशक्त बनाता है (केरल में 18,000), युवाओं के पलायन को कम करता है (खोनोमा- 30%) और सामुदायिक स्वामित्व, सांस्कृतिक संरक्षण एवं समावेशिता को मजबूत करता है।
- पर्यावरणीय: राजस्व का उपयोग संरक्षण, पुनर्स्थापन एवं अवैध शिकार विरोधी गतिविधियों के लिए किया जाता है, जैसे- बाघ संरक्षण (MP), मैंग्रोव/कोरल बहाली (पश्चिमी घाट, सुंदरबन) से आत्मनिर्भर जैव विविधता संरक्षण होता है।
मुख्य चुनौतियाँ
- अत्यधिक व्यावसायीकरण एवं ग्रीनवॉशिंग स्थिरता मानकों को कमजोर करते हैं।
- वहन क्षमता पर दबाव: लद्दाख, जिम कॉर्बेट, केरल में भीड़भाड़ से पारिस्थितिकी तंत्र, पानी व अपशिष्ट प्रबंधन पर दबाव पड़ता है।
- जलवायु खतरे: ग्लेशियरों के पिघलने, समुद्र स्तर में वृद्धि, लू, जंगल की आग से पर्यावरण-गंतव्य (इको-डेस्टिनेशन) खतरे में आ जाती है।
- नियामक कमियाँ : कमजोर इको-सर्टिफिकेशन, खंडित निगरानी और प्रवर्तन में कमी।
- बुनियादी ढांचे की बाधाएँ : ग्रामीण क्षेत्रों में सीमित स्थायी परिवहन, अपशिष्ट प्रबंधन और जलवायु-लचीली सुविधाएँ
आगे की राह
- इको-सर्टिफिकेशन और मानकों को मजबूत करना: अनिवार्य ऑडिट, एकीकृत राष्ट्रीय इको-लेबल
- वहन क्षमता-आधारित पर्यटन: आगंतुकों की सीमा, ज़ोनिंग, नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अलग-अलग कीमतें
- विविधतापूर्ण गंतव्य: प्रमुख स्थलों पर दबाव कम करने के लिए कम ज्ञात ग्रामीण सर्किट को बढ़ावा देना
- ग्रामीण आजीविका के साथ एकीकृत करना: जैविक कृषि, हस्तशिल्प, नवीकरणीय ऊर्जा, एग्रो-फॉरेस्ट्री, आदिवासी पर्यटन से लिंक करना
- समुदाय-आधारित व जलवायु-लचीला विकास: इको-लॉज एवं संरक्षण से जुड़े उद्यमों के लिए रेवेन्यू-शेयरिंग, महिला/युवा सहकारी समितियाँ, हरित बुनियादी ढांचा और सार्वजनिक-निजी-सामुदायिक साझेदारी
इकोटूरिज्म ग्रामीण बदलाव के लिए एक शक्तिशाली माध्यम है जो आर्थिक उत्थान, पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक सशक्तिकरण को जोड़ता है। बढ़ती घरेलू मांग, अंतर्राष्ट्रीय पहचान व सहायक नीतिगत ढाँचे के साथ ग्रामीण भारत समावेशी, जिम्मेदार एवं पुनर्योजी पर्यटन में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरने के लिए विशिष्ट रूप से तैयार है।