चर्चा में क्यों ?
भारतीय रेलवे ने हाल ही में मिज़ोरम के सैरांग तक 51.38 किलोमीटर लंबे महत्वपूर्ण रेलवे ट्रैक का निर्माण पूरा कर लिया है।

परियोजना की पृष्ठभूमि
- सैरांग परियोजना से पहले मिज़ोरम में बैराबी–सिलचर के बीच केवल 1.5 किमी मीटर गेज ट्रैक मौजूद था।
- बैराबी से सैरांग तक आमान परिवर्तन व विस्तार कार्य 2008-09 में शुरू हुआ।
- कठिन भूभाग, भूस्खलन, खराब मौसम और श्रमिकों की कमी के कारण कार्य में देरी हुई।
- परियोजना का उद्देश्य सभी पूर्वोत्तर राज्यों की राजधानियों को रेल मार्ग से जोड़ना है।
मुख्य विशेषताएँ
- लंबाई: 51.38 किमी (बैराबी–सैरांग)
- सुरंगें: 48 सुरंगें (कुल लंबाई 12.85 किमी)
- पुल: 142 पुल
- कुल लागत: ₹5,020 करोड़ से अधिक
- जनहानि: 18 लोगों की मृत्यु, जिनमें 2023 में पुल ढहने की घटना शामिल
- कार्य पूरा होने पर यात्रा समय:
- सड़क मार्ग (आइज़ोल–सिलचर): 5 घंटे
- रेल मार्ग: 1.5 घंटे
मिज़ोरम और पूर्वोत्तर भारत के लिए महत्व
- आर्थिक लाभ
- परिवहन लागत में कमी
- पर्यटन एवं व्यापार को बढ़ावा
- सड़क माल ढुलाई पर निर्भरता कम
- रणनीतिक महत्व
- एक्ट ईस्ट नीति के तहत मिज़ोरम को दक्षिण-पूर्व एशिया से जोड़ना
- सित्तवे बंदरगाह (म्यांमार) से माल परिवहन सुगम होगा
- आसियान देशों के साथ संपर्क मज़बूत
- सामाजिक प्रभाव
- क्षेत्रीय रोजगार के अवसरों में वृद्धि
- स्वास्थ्य एवं शिक्षा सेवाओं तक आसान पहुँच
एक्ट ईस्ट नीति के बारे में
- शुरुआत: 2014 (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी)
- पृष्ठभूमि: 1991 की "लुक ईस्ट नीति" का विस्तार
- उद्देश्य: पूर्वोत्तर को दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार बनाना
- बजट आवंटन: 2014 के बाद तीन गुना वृद्धि
- प्रमुख अवसंरचना परियोजनाएँ:
- नागालैंड: दीमापुर-ज़ुब्ज़ा रेल लाइन
- मणिपुर: इम्फाल-मोरेह रेल लाइन
- मिज़ोरम: बैराबी-सैरांग लाइन
क्षेत्रीय भू-राजनीतिक महत्व
- भारत की दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ आर्थिक व सामरिक एकीकरण की रणनीति में प्रमुख भूमिका
- पूर्वोत्तर को "लैंड ब्रिज" के रूप में विकसित करने का अवसर
- आसियान देशों के साथ व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को मज़बूती
प्रश्न. मिज़ोरम में बैराबी-सैरांग रेलवे परियोजना किस वर्ष आरंभ हुई थी ?
(a) 2005
(b) 2008-09
(c) 2010
(d) 2014
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