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सरयू नहर परियोजना

चर्चा में क्यों? 

प्रधानमंत्री ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलरामपुर ज़िले में ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’ का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • इसके तहत पाँच नदियों- घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिन को जोड़ा गया है, जबकि 6,600 कि.मी. लंबी उप-नहरों को 318 कि.मी. लंबी मुख्य नहर से जोड़ा गया है।
  • वर्ष 1978 में बहराइच ज़िले से इस परियोजना की शुरुआत हुई। बाद में इसका विस्तार नौ जिलों- बहराइच, गोंडा, श्रावस्ती, बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, गोरखपुर और महाराजगंज में किया गया। 
  • इससे इन ज़िलों की 14 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई में मदद मिलेगी। यह नेपाल से भारत में प्रवाहित होने वाली नदियों से संभावित बाढ़ के खतरे को कम करेगी।

सरयू नदी

यह उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में ‘नंदा कोट’ पर्वत के दक्षिण से निकलती है जो भारत-नेपाल सीमा पर स्थित पंचेश्वर में शारदा नदी में मिल जाती है। इसके बाद यह उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में घाघरा नदी में मिल जाती है। निचली घाघरा को सरयू नदी के नाम से भी जाना जाता है।

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