New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM September Mid Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 22nd Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM September Mid Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 22nd Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

सामाजिक संवाद रिपोर्ट

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग- गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों व संघों, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका, शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष)

संदर्भ 

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने आर्थिक एवं भू-राजनीतिक अस्थिरता के बीच ‘सामजिक संवाद रिपोर्ट’ (Social Dialogue Report) प्रकाशित की।

सामाजिक संवाद रिपोर्ट के बारे में

  • रिपोर्ट का आधार : यह रिपोर्ट शीर्ष स्तरीय सामाजिक संवाद (Peak-Level Social Dialogue : PLSD) प्रक्रियाओं एवं परिणामों की वैश्विक समीक्षा तथा राष्ट्रीय सामाजिक संवाद संस्थानों (NSDIs) की प्रभावशीलता और समावेशिता के आधार पर तैयार की गई है।
    • इसमें भारत सहित 38 देशों के 71 नियोक्ताओं व श्रमिक संगठनों के सर्वेक्षण को शामिल किया गया है। 
  • महत्त्व : सामाजिक संवाद जटिलताओं को दूर करने, उचित समाधानों की पहचान करने और सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाने के लिए एक विश्वसनीय शासन मॉडल के रूप में स्थापित हुआ है।
  • भारत का संदर्भ : इस रिपोर्ट में राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड की स्थापना के लिए प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स (पंजीकरण एवं कल्याण) विधेयक के अनुभव पर प्रकाश डाला गया है।
    • राजस्थान गिग वर्कर्स कल्याण बोर्ड में 12 सदस्य हैं, जिनमें से 6 सरकार से और गिग वर्कर्स, एग्रीगेटर्स एवं सिविल सोसाइटी के 2-2 प्रतिनिधि हैं।

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

  • वर्ष 2015 से वर्ष 2022 के मध्य देशों द्वारा संघ बनाने की स्वतंत्रता का अनुपालन और सामूहिक सौदेबाजी (Collective Bargaining) के अधिकार की प्रभावी मान्यता में 7% की गिरावट आई है। 
  • इस गिरावट का कारण नियोक्ताओं, श्रमिकों एवं उनके प्रतिनिधि संगठनों की मौलिक नागरिक स्वतंत्रता व सौदेबाजी के अधिकारों के उल्लंघन में वृद्धि है।

रिपोर्ट में प्रस्तुत प्रमुख सिफारिशें

  • आर्थिक विकास के लिए आवश्यकता : सामाजिक संवाद देशों को सामाजिक प्रगति के साथ-साथ आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में सक्षम बना सकता है। साथ ही, न्यायसंगत एवं समावेशी रूप से निम्न कार्बन की ओर परिवर्तन व डिजिटल परिवर्तन सुनिश्चित कर सकता है।
  • कार्यस्थल पर मौलिक स्वतंत्रता : रिपोर्ट में सरकारों को कार्यस्थल पर मौलिक सिद्धांतों एवं अधिकारों, विशेष रूप से संघ बनाने की स्वतंत्रता और सामूहिक सौदेबाजी के अधिकार की प्रभावी मान्यता को बनाए रखने की सिफारिश की गई है।
  • पी.एल.एस.डी. पर ध्यान : इस रिपोर्ट में सदस्य देशों से पी.एल.एस.डी. में प्रभावी भागीदारी के लिए श्रम प्रशासन और सामाजिक साझेदारों को आवश्यक संसाधनों व तकनीकी क्षमताओं की वृद्धि करने को कहा गया है।
  • पहुँच में वृद्धि : आई.एल.ओ. ने विभिन्न देशों के एन.एस.डी.आई. को कम प्रतिनिधित्व वाले समूहों तक अपनी पहुंच बढ़ाने की भी सिफारिश की है।
  • नियमित मूल्यांकन : रिपोर्ट में सामाजिक-आर्थिक निर्णय लेने में पी.एल.एस.डी. संस्थानों की भूमिका और प्रभाव का नियमित, साक्ष्य-आधारित मूल्यांकन करने का सुझाव दिया गया है।

शीर्ष स्तरीय सामाजिक संवाद (पी.एल.एस.डी.) प्रक्रियाएं

  • पी.एल.एस.डी. में ऐसी प्रक्रियाएँ शामिल होती हैं जो राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय स्तर पर सरकारों, नियोक्ताओं व व्यावसायिक सदस्यता संगठनों और श्रमिक संगठनों (सामाजिक भागीदारों) के प्रतिनिधियों को एक साथ लाती हैं।
  • ये प्रक्रियाएं श्रम, आर्थिक एवं सामाजिक नीति से संबंधित मुद्दों पर संवाद, परामर्श व सूचना के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
    • पी.एल.एस.डी. की द्विपक्षीय प्रक्रियाओं में केवल सामाजिक भागीदार (श्रमिक संगठन) शामिल होते हैं और त्रिपक्षीय प्रक्रियाओं में सरकारी प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X