New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back GS Foundation (P+M) - Delhi: 5 May, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 11 May, 5:30 PM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back

यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क में शामिल श्रीनगर

(प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)

संदर्भ

  • हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा ‘रचनात्मक शहर नेटवर्क’ (यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क-UCCN) के तहत शिल्प और लोक कला श्रेणी में श्रीनगर को शामिल किया गया है।
  • इसके साथ ही जयपुर, वाराणसी, चेन्नई, मुंबई और हैदराबाद के पश्चात् श्रीनगर यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत का छठा शहर बन गया है। इस सूची में शामिल भारत के अन्य पाँच शहर और उनकी श्रेणियाँ इस प्रकार हैं:
    • जयपुर- शिल्प और लोक कला (2015)
    • वाराणसी- संगीत (2015)
    • चेन्नई-  संगीत (2017)
    • मुंबई-  फिल्म (2019)
    • हैदराबाद- गैस्ट्रोनॉमी (2019)

    श्रीनगर की शिल्प और लोक कला

    • श्रीनगर की शिल्प और लोक कला में कपड़ा, कालीन, क्रूल कढ़ाई (Crewel Embroidery), चांदी के बर्तन, लकड़ी पर नक्काशी और पेपर-माचे (papier-mache) आदि शामिल हैं।
    • पेपर-माचे को चौहदवीं सदी में संत मीर सैय्यद अली हमदानी द्वारा फारस से कश्मीर लाया गया था। 
    • पेपर-माचे में मुख्य रूप से पेपर पल्प के पात्र, फूलदान, कटोरे, कप, बक्से, ट्रे और लैंप बेस जैसी रंगीन और सजावटी वस्तुओं को बनाया जाता है।
    • लकड़ी पर की जाने वाली नक्काशी, अखरोट के पेड़ों से प्राप्त लकड़ी पर की जाती है, जो समुद्र तल से 7,000 फीट की ऊँचाई पर उगते हैं।
    • श्रीनगर में निर्मित पश्मीना शॉल जंगली एशियाई पहाड़ी बकरी के ऊन से बनती है। लकड़ी की नक्काशी और पेपर-माचे के विपरीत यह एक ऐसी शिल्प कला है, जिसमें महिला कारीगरों द्वारा व्यापक भागीदारी की जाती है।

    यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क के बारे में

    • क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क, यूनेस्को द्वारा वर्ष 2004 में शुरू की गई एक परियोजना है, जिसका उद्देश्य उन शहरों के मध्य सहयोग को बढ़ावा देना है जिन्होंने रचनात्मकता को अपने सतत् शहरी विकास में एक रणनीतिक कारक के रूप में मान्यता दी है।
    • इस नेटवर्क में शामिल शहर रचनात्मकता और सांस्कृतिक उद्योगों को स्थानीय स्तर पर अपनी विकास योजनाओं के केंद्र में रखने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रूप से सहयोग करने के एक सामान्य उद्देश्य की दिशा में मिलकर काम करते हैं।
    • यूनेस्को रचनात्मक शहरों को सात क्षेत्रों; शिल्प एवं लोक कला, डिज़ाइन, फिल्म, गैस्ट्रोनॉमी, साहित्य, मीडिया, कला और संगीत में नामित करता है। इस नेटवर्क में अब तक 90 देशों के 295 शहरों को शामिल किया जा चुका है।
    • यूनेस्को द्वारा प्रत्येक वर्ष विश्व भर के विभिन्न शहरों को इस नेटवर्क में शामिल करने के लिये आवेदन आमंत्रित किये जाते हैं। विदित है कि ये आवेदन भारत में संस्कृति मंत्रालय के माध्यम से भेजे जाते हैं।
    « »
    • SUN
    • MON
    • TUE
    • WED
    • THU
    • FRI
    • SAT
    Have any Query?

    Our support team will be happy to assist you!

    OR