New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 5th Dec., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 5th Dec., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन कोच का सफल ट्रायल सम्पन्न

चर्चा में क्यों ?

भारत ने हाल ही में चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्टरी (ICF) में अपने पहले हाइड्रोजन-संचालित ट्रेन कोच का सफल परीक्षण कर रेलवे परिवहन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की है।  

प्रमुख बिंदु 

पृष्ठभूमि:

  • हाइड्रोजन-संचालित ट्रेनें वैश्विक स्तर पर डीजल इंजनों के पर्यावरण-अनुकूल विकल्प के रूप में उभरी हैं, विशेष रूप से उन मार्गों पर जो अब तक विद्युतीकृत नहीं हैं।
  • जर्मनी, फ्रांस और जापान जैसे देश इस क्षेत्र में पहले ही प्रगति कर चुके हैं। 
  • भारत ने 2023 में "Hydrogen for Heritage" पहल के माध्यम से इस तकनीक की खोज आरंभ की,जिसका उद्देश्य विरासत और पर्वतीय रेल मार्गों पर स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा देना है।

प्रमुख विशेषताएँ एवं उपलब्धियाँ:

विशेषता

विवरण

स्थान

इंटीग्रल कोच फैक्टरी, चेन्नई

तारीख

25 जुलाई, 2025

कोच प्रकार

स्वदेशी रूप से विकसित ड्राइविंग पावर कार

उत्सर्जन

शून्य टेलपाइप उत्सर्जन (केवल जलवाष्प)

शक्ति क्षमता

1200 हॉर्सपावर (HP)

प्रति ट्रेन लागत

₹80 करोड़ (अनुमानित)

प्रति मार्ग लागत

₹70 करोड़ (अनुमानित)

पायलट परियोजना:

  • उत्तर रेलवे के जींद-सोनीपत खंड पर हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली डीईएमयू को पुनः संयोजित करने हेतु 111.83 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। 
  • यह भारत की पहली ऑपरेशनल हाइड्रोजन ट्रेन सेवा की ओर एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

उद्देश्य:

  • हरित रेलवे को बढ़ावा देना: कार्बन उत्सर्जन में कटौती कर पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना।
  • विरासत व पर्वतीय मार्गों का आधुनिकीकरण: पर्यटन और सतत विकास को सुदृढ़ करना।
  • स्वदेशी तकनीक का संवर्धन: "मेक इन इंडिया" अभियान के अंतर्गत हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी को विकसित करना।
  • ऊर्जा सुरक्षा: आयातित जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता घटाना।
  • जलवायु प्रतिबद्धताओं की पूर्ति: भारत के 2070 तक नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य में योगदान।

भविष्य की संभावनाएँ:

  • गैर-विद्युतीकृत मार्गों पर डीजल इंजनों की जगह हाइड्रोजन ट्रेनें लाई जाएँगी।
  • ये ट्रेनें पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में न्यूनतम पर्यावरणीय प्रभाव के साथ सेवाएँ प्रदान कर सकेंगी।
  • भारत भविष्य में हाइड्रोजन रेल प्रौद्योगिकी के वैश्विक निर्यात केंद्र के रूप में उभर सकता है।
  • यह परियोजना राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के उद्देश्यों को पूर्ण रूप से समर्थन देती है।

प्रश्न . भारत की पहली हाइड्रोजन-संचालित ट्रेन कोच का सफल परीक्षण किस स्थान पर किया गया ?

(a) भोपाल स्थित कोच पुनर्निर्माण कारखाना

(b) कपूरथला रेल कोच फैक्टरी

(c) चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्टरी (ICF)

(d) बरेली रेल कोच कार्यशाला

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR