(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह तथा भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार) |
संदर्भ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23-24 जुलाई, 2025 को यूनाइटेड किंगडम (UK) की आधिकारिक यात्रा की।
प्रधानमंत्री मोदी की हालिया यू.के. यात्रा
- यू.के. के प्रधानमंत्री सर कीर स्टार्मर ने बकिंघमशायर में चेकर्स (प्रधानमंत्री का कंट्री रेजिडेंस) में गर्मजोशी से स्वागत किया।
- दोनों नेताओं ने एकल एवं प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की और द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की।
यात्रा के प्रमुख परिणाम
महत्वपूर्ण समझौते
- भारत-यू.के. विजन 2035: इसके प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
- द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश को गतिशील आर्थिक संवादों के माध्यम से विस्तार देना
- रक्षा सहयोग एवं उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में संयुक्त क्षमताओं को सुदृढ़ करना
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), जैव-प्रौद्योगिकी एवं सेमीकंडक्टर सहित तकनीकी व डिजिटल नवाचार में नेतृत्व स्थापित करना
- सतत विकास एवं जलवायु लचीलापन को बढ़ावा देना
- व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (CETA) : दोनों देशों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किया जिससे व्यापार, निवेश, आर्थिक सहयोग एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
- रक्षा औद्योगिक रोडमैप : रक्षा उत्पादों के सह-डिजाइन, सह-विकास एवं सह-उत्पादन के लिए सहयोग को अंतिम रूप।
- प्रौद्योगिकी एवं सुरक्षा पहल (TSI) : दूरसंचार, AI, जैव प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर एवं क्वांटम जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करना
- CBI एवं UK की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी के बीच MoU : आर्थिक अपराधों एवं भगोड़ों के खिलाफ सहयोग
रक्षा एवं सुरक्षा
- रक्षा एवं सुरक्षा साझेदारी को गहरा करने पर संतोष
- सशस्त्र बलों की नियमित भागीदारी और संयुक्त सैन्य अभ्यासों का स्वागत
- आतंकवाद एवं कट्टरपंथ के खिलाफ वैश्विक और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की प्रतिबद्धता
- आर्थिक अपराधियों और भगोड़ों को न्याय के दायरे में लाने के लिए यू.के. से सहयोग की मांग
शिक्षा एवं अनुसंधान
- यू.के. के छह विश्वविद्यालय भारत में परिसर खोलने की प्रक्रिया में
- साउथैम्प्टन विश्वविद्यालय ने 16 जून, 2025 को गुरुग्राम में पहला विदेशी परिसर खोला।
- नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत शैक्षिक सहयोग को बढ़ावा
प्रौद्योगिकी एवं नवाचार
- TSI के तहत नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों (जैसे- AI, क्वांटम, सेमीकंडक्टर) में सहयोग पर संतोष
- TSI ने एक वर्ष पूरा किया और इसके तेज कार्यान्वयन का आह्वान
प्रवासी भारतीय
- यू.के. में भारतीय प्रवासियों के शिक्षा, कला, साहित्य, चिकित्सा, विज्ञान, खेल, व्यवसाय एवं राजनीति में योगदान को स्वीकार किया गया।
- प्रवासी भारतीयों को दोनों देशों के बीच जीवंत सेतु के रूप में मान्यता
वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दे
- हिंद-प्रशांत, पश्चिम एशिया एवं रूस-यूक्रेन संघर्ष पर विचारों का आदान-प्रदान
- पहलगाम आतंकी हमले के बाद यू.के. के समर्थन एवं एकजुटता के लिए आभार
भारत-यूनाइटेड किंगडम : द्विपक्षीय संबंध
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- औपनिवेशिक युग : भारत एवं यूनाइटेड किंगडम के संबंध 17वीं सदी में ईस्ट इंडिया कंपनी के आगमन के साथ शुरू हुए, जिसने 1600 में व्यापारिक चार्टर प्राप्त किया।
- ब्रिटिश राज : वर्ष 1858 से 1947 तक भारत ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा रहा, जिसने भारत की सामाजिक, आर्थिक एवं प्रशासनिक संरचना पर गहरा प्रभाव डाला।
- औपनिवेशिक विरासत : रेलवे, कानूनी ढांचे एवं शिक्षा प्रणाली जैसी ब्रिटिश विरासत आज भी भारत में मौजूद है जो द्विपक्षीय संबंधों की नींव का निर्माण करती है।
- राष्ट्रमंडल का गठन : वर्ष 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद भारत ने राष्ट्रमंडल (Commonwealth) में शामिल होकर ब्रिटेन के साथ संबंध बनाए रखे।
राजनयिक संबंध
- स्थापना : भारत एवं यूनाइटेड किंगडम ने वर्ष 1947 में राजनयिक संबंध स्थापित किए।
- दूतावास : भारत के लंदन, बर्मिंघम एवं एडिनबर्ग में दूतावास हैं जबकि ब्रिटेन के नई दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद व कोलकाता में दूतावास हैं।
- रणनीतिक साझेदारी : वर्ष 2010 में डेविड कैमरुन ने इसे ‘नए विशेष संबंध’ के रूप में वर्णित किया है जो ‘2030 रोडमैप’ के तहत अधिक मजबूत हुआ।
व्यापारिक संबंध
- द्विपक्षीय व्यापार : भारत-यू.के. द्विपक्षीय व्यापार (वस्तु एवं सेवाएँ दोनों) 2024 के दौरान लगभग 43 बिलियन पाउंड था, जिसमें आयात लगभग 17 बिलियन पाउंड और निर्यात लगभग 26 बिलियन पाउंड था।
- मुक्त व्यापार समझौता (FTA) : जुलाई 2025 में हस्ताक्षरित FTA ने कपड़ा (12% से 0%) और चमड़ा (16% से 0%) पर कर हटाया, जिससे भारत को बांग्लादेश एवं वियतनाम पर प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिला।
- प्रमुख क्षेत्र : भारत से कपड़ा, चमड़ा, जूते एवं खाद्य उत्पाद का, जबकि ब्रिटेन से मशीनरी, ऑटोमोबाइल व व्हिस्की निर्यात होता है।
- FTA का प्रभाव : ब्रिटेन में नौकरियाँ सृजित होंगी, विशेष रूप से इंजीनियरिंग, एयरोस्पेस एवं उन्नत विनिर्माण में। भारत में रोजगार एवं निर्यात बढ़ेगा।
आर्थिक संबंध
- निवेश : ब्रिटेन, भारत में छठा सबसे बड़ा FDI निवेशक है ($36 बिलियन) और भारत, ब्रिटेन में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक ($20 बिलियन) है।
- ब्रेक्सिट के बाद अवसर : ब्रेक्सिट के बाद भारत एवं ब्रिटेन के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ा है, विशेष रूप से वित्त, प्रौद्योगिकी व हरित ऊर्जा में।
- वित्तीय सहयोग : लंदन स्टॉक एक्सचेंज में भारतीय कंपनियों की लिस्टिंग एवं भारतीय बैंकों की लंदन में उपस्थिति बढ़ी है।
- हरित अर्थव्यवस्था : दोनों देश नवीकरणीय ऊर्जा एवं जलवायु परिवर्तन परियोजनाओं में निवेश कर रहे हैं।
सांस्कृतिक संबंध
- नेहरू सेंटर : यह लंदन में भारतीय उच्चायोग का सांस्कृतिक विंग है जो भारतीय कला, नृत्य एवं साहित्य को बढ़ावा देता है।
- शिक्षा : यू.के.-इंडिया एजुकेशन एंड रिसर्च इनिशिएटिव (UKIERI) और न्यूटन-भाभा फंड के तहत छात्रवृत्तियाँ एवं शोध सहयोग।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान : भारतीय फिल्में, योग एवं सांस्कृतिक उत्सव (जैसे- दीवाली) ब्रिटेन में लोकप्रिय हैं।
- ऐतिहासिक संबंध : गांधी की लंदन यात्रा (1931) और ब्रिटिश साहित्य का भारत में प्रभाव सांस्कृतिक आत्मीयता को दर्शाता है।
प्रवासी भारतीय
- आबादी : ब्रिटेन में 18.6 लाख भारतीय प्रवासी (2021 जनगणना) हैं जो ब्रिटिश समाज में प्रभावशाली हैं।
- योगदान : भारतीय प्रवासी ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था, शिक्षा, चिकित्सा एवं राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- प्रभाव : ब्रिटिश संसद में भारतीय मूल के सांसद (जैसे- ऋषि सुनक) और व्यवसायों में भारतीय नेतृत्व संबंधों को मजबूत करते हैं।
- सांस्कृतिक सेतु : प्रवासी भारतीय दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक एवं आर्थिक सेतु का कार्य करते हैं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग
- संयुक्त अनुसंधान : न्यूटन-भाभा फंड के तहत विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग एवं गणित (STEM) में सहयोग
- डिजिटल प्रौद्योगिकी : AI, क्वांटम कंप्यूटिंग एवं 5G/6G में सहयोग बढ़ रहा है।
- स्वास्थ्य : कोविड-19 वैक्सीन (एस्ट्राजेनेका) के उत्पादन एवं अनुसंधान में भारत-ब्रिटेन सहयोग
- अंतरिक्ष : ISRO एवं UK स्पेस एजेंसी के बीच उपग्रह प्रौद्योगिकी व अंतरिक्ष अनुसंधान में साझेदारी
पर्यटन में सहयोग
- पर्यटन प्रवाह : ब्रिटेन, भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्रोत है। वर्ष 2023 में 10 लाख से अधिक ब्रिटिश पर्यटक भारत आए।
- विजिट इंडिया अभियान : भारत ने ब्रिटेन में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान शुरू किए।
- सांस्कृतिक पर्यटन : ताजमहल, राजस्थान के किले और लंदन के ऐतिहासिक स्थल दोनों देशों के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
- वीजा सुविधा : ई-वीजा एवं दीर्घकालिक पर्यटक वीजा ने पर्यटन को बढ़ावा दिया है।
वैश्विक संगठनों में सहयोग
- राष्ट्रमंडल : भारत एवं ब्रिटेन राष्ट्रमंडल के प्रमुख सदस्य हैं जो व्यापार, शिक्षा एवं सुरक्षा में सहयोग को बढ़ावा देता है।
- संयुक्त राष्ट्र : दोनों देश UN में जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद एवं शांति मिशनों पर सहयोग करते हैं।
- G7 एवं G20 : भारत की G20 अध्यक्षता (2023) और ब्रिटेन की G7 भूमिका ने वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाया है।
- क्वाड एवं हिंद-प्रशांत : ब्रिटेन भारत की हिंद-प्रशांत रणनीति का समर्थन करता है, विशेष रूप से क्वाड के माध्यम से।
ब्रिटेन: देशनामा

- आधिकारिक नाम : यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्दर्न आयरलैंड
- राजधानी : लंदन
- क्षेत्रफल: 243,610 वर्ग किमी.
- जनसंख्या: लगभग 67 मिलियन (2023 अनुमान)
- भाषा : अंग्रेजी (आधिकारिक), वेल्श, स्कॉटिश गेलिक
- मुद्रा: पाउंड स्टर्लिंग (GBP)
- शासन व्यवस्था: संवैधानिक राजतंत्र, संसदीय लोकतंत्र
- मौजूदा शासक: किंग चार्ल्स III
- प्रधानमंत्री: कीर स्टार्मर (2025 तक)
- प्रमुख धर्म: ईसाई, अन्य (इस्लाम, हिंदू, सिख)
- अर्थव्यवस्था: विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, वित्तीय केंद्र (लंदन)
- प्रमुख उद्योग: वित्त, प्रौद्योगिकी, विनिर्माण, पर्यटन
- भौगोलिक स्थिति: उत्तर-पश्चिम यूरोप, चार भाग (इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स, नॉर्दर्न आयरलैंड)
- जलवायु : समशीतोष्ण, वर्षा प्रधान
|