New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

ताइवान : महामारी प्रबंधन के लिये एक रोल मॉडल

(सामान्य अध्ययन, मुख्य परीक्षा प्रश्नपत्र- 2: स्वास्थ्य सेवाओं के विकास और प्रबंधन से सम्बंधित विषय)

पृष्ठभूमि

विश्व के भिन्न देश अपने-अपने यहाँ कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या को कम रखने के लिये संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे समय में, ताइवान ने महामारी के समय किसी भी देश द्वारा की जाने वाली तैयारी का बहुत ही अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया है। चीन से भौगोलिक निकटता के साथ आंतरिक मामलों में अत्यधिक चीनी हस्तक्षेप के बावजूद ताइवान में अभी तक इस महामारी के लगभग 600 ही मामले सामने आए हैं और अब तक मात्र 6 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई है।

हेल्थकेयर प्रबंधन का ताइवान मॉडल

  • उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के मूल प्रसार स्थल से मात्र 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चीनी-ताइवान में पिछले एक महीने में कोरोना संक्रमण के बहुत कम मामले सामने आए हैं। साथ ही, संक्रमण एवं मृत्यु की दर दोनों ही बहुत कम हैं।
  • यद्यपि, इस वैश्विक स्वास्थ्य आपात स्थिति में ताइवान के अस्पतालों ने कोई असाधारण उपाय नहीं किये हैं, बल्कि साधारण उपायों पर प्रभावी तरीके से अमल किया है। उनके द्वारा किये गए कुछ अभिनव प्रयोग तथा प्रयोग में लाई गईं नवोन्मेषी स्वास्थ्य सुविधाएँ निम्न प्रकार हैं-

स्वास्थ्यकर्मियों के छोटे समूह

  • ताइवान द्वारा उठाए गए शुरुआती चरणों में से सबस ज़रूरी कदम था- चिकित्सा सुविधाओं के लिये कार्य-समूहों का आकार छोटा रखना।
  • ध्यातव्य है कि कार्य-समूह का आकार छोटा रखने से संक्रमित व्यक्तियों के इलाज के दौरान किसी भी स्वास्थ्यकर्मी के संक्रमित हो जाने पर, अस्पताल के अंदर वायरस के सामुदायिक स्तर पर फैलने का खतरा कम रहता है, क्योंकि यदि बड़े समूहों में काम होगा तो किसी एक व्यक्ति के संक्रमित होने पर अधिक संख्या में लोगों के संक्रमित होने का डर बना रहता है।

अस्पतालों में आवागमन पर नियंत्रण

  • अस्पतालों में प्रवेश करने और बाहर जाने के लिये अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं। साथ ही, इन रास्तों में सभी प्रकार की सावधानियों का ध्यान रखा जा गया है।
  • आवागमन के स्वरूप को हवाईअड्डों की तर्ज पर बनाया गया है, जहाँ आने और जाने के अलग-अलग रास्ते होते हैं; साथ ही, प्रत्येक रास्ते पर विधिवत जाँच होती है।

प्रति व्यक्ति-बिस्तरों का उच्च-अनुपात बनाए रखना

  • कई देशों में, कोविड-19 जैसी अत्यधिक संक्रामक बीमारी से पीड़ित रोगियों की देखभाल के लिये ‘पर्याप्त संख्या में अस्पतालों’ और ‘पर्याप्त संख्या में बिस्तरों’ की कमी देखी गई है।
  • वैश्विक स्थिति देखते हुए, ताइवान ने लगभग 1,000 नकारात्मक दबाव वाले पृथक कमरों (Negative Pressure Isolation Rooms) की व्यवस्था की थी। यह अस्पतालों में एक कमरे से दूसरे कमरे में संदूषण (Contamination) को रोकने के लिये उपयोग की जाने वाली एक आइसोलेशन तकनीक है। ध्यातव्य है कि इसमें लोगों के बढ़ने पर आवश्यकतानुसार कमरों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है।

बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति

  • महामारी के दौरान ताइवान के अस्पतालों और सरकार के बीच बेहतर समन्वय तथा तालमेल देखा गया, जिसका असर सुरक्षा उपायों पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
  • देश की राष्ट्रीयकृत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के अंतर्गत, प्रत्येक नागरिक एवं निवासी को एक स्वास्थ्य कार्ड सौंपा गया है, जिसमें उनकी पहचान और चिकित्सा इतिहास का पूरा ब्यौरा रहता है; यह ब्यौरा डिजिटल सर्वर से जुड़ा रहता है।

ताइवानी मॉडल का महत्त्व

  • ताइवानी स्वास्थ्य सेवा मॉडल की सफलता इस बात से भी समझी जा सकती है कि महामारी संक्रमण के पहले दिन से ही देश की सरकार और अस्पताल कितने सजग एवं तैयार थे, जब अन्य देश यह आकलन कर रहे थे कि वायरस से उनको खतरा है या नहीं? एक तरह से देखें तो ताइवान के पास इस महामारी का सामना करने के लिये ब्लू-प्रिंट तैयार था।
  • भारत द्वारा भी इनमें से कई प्रतिरूपों को सहजता से अपनाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में, देश में कोविड-19 महामारी की जाँच के लिये ‘भीलवाड़ा मॉडल’ भी चर्चा में था। यदि भीलवाड़ा मॉडल और ताइवान मॉडल को आदर्श मानकर कार्य किया जाए तो स्थितियाँ काफी हद तक सुधारी जा सकती हैं।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X