चर्चा में क्यों ?
भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) ने AK-203 राइफलों की आपूर्ति निर्धारित समय से पहले पूरी करने की योजना बनाई है।

AK-203 राइफलों के बारे में
- AK-203 एक आधुनिक असॉल्ट राइफल है, जो विश्वप्रसिद्ध कलाश्निकोव राइफल श्रृंखला का नवीनतम संस्करण है।
- इसे भारतीय सेना की ज़रूरतों के अनुसार विशेष रूप से डिज़ाइन और निर्मित किया जा रहा है।
राइफल की विशेषताएँ:
विशेषता
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विवरण
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मॉडल
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AK-203
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मूल श्रृंखला
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कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल
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उपयोग
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नियंत्रण रेखा (LoC), वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में प्राथमिक हथियार
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सेवा जीवन
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15,000 राउंड
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निर्माण प्रक्रिया
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120 चरण
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घटक
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50 घटक और 180 उप-भाग
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उत्पादन और गुणवत्ता नियंत्रण:
- अब तक लगभग 48,000 राइफलों की आपूर्ति की जा चुकी है।
- अगले 2–3 सप्ताह में 7,000 राइफलें,और दिसंबर 2025 तक 15,000 अतिरिक्त राइफलें वितरित करने की योजना है।
- प्रति वर्ष 1.5 लाख राइफलों के उत्पादन का लक्ष्य।
- स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला को सशक्त बनाने के लिए वैकल्पिक स्रोत विकसित किए गए हैं।
- अमेठी संयंत्र को देश के सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता नियंत्रण संयंत्रों में शामिल करने की दिशा में कार्य जारी है।
रणनीतिक और आर्थिक महत्व:
- रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता: आयात पर निर्भरता में कमी और तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा।
- रोज़गार और औद्योगिक विकास: अमेठी जैसे पिछड़े क्षेत्र में रोज़गार सृजन और तकनीकी उन्नयन।
- भारत-रूस रक्षा सहयोग: द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को मजबूती।
- राष्ट्रीय सुरक्षा: अत्याधुनिक हथियारों से सुसज्जित सैनिकों की क्षमता में वृद्धि।
प्रश्न. AK-203 राइफल किस देश की तकनीक पर आधारित है?
(a) अमेरिका
(b) इजराइल
(c) रूस
(d) फ्रांस
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