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पर्यटन क्षेत्र का योगदान: 2047 तक 10% करने का लक्ष्य

(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय)

संदर्भ

भारत सरकार ने पर्यटन क्षेत्र को देश की अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में स्थापित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने हाल ही में CII YiFi उद्यमिता सम्मेलन, 2025 में इस दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है।

CII YiFi उद्यमिता सम्मेलन, 2025 के बारे में

  • यह सम्मेलन एक मंच है जो उद्यमिता, नवाचार एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया। 
  • इस शिखर सम्मेलन में पर्यटन क्षेत्र की क्षमता और इसके आर्थिक योगदान पर चर्चा हुई।

पर्यटन क्षेत्र : अर्थव्यवस्था में योगदान

  • वर्तमान में पर्यटन क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था में 5-6% का योगदान देता है। 
  • सरकार का लक्ष्य वर्ष 2047 तक इसे बढ़ाकर 10% करना है जो वैश्विक औसत के अनुरूप होगा। 
  • भारत की अर्थव्यवस्था वर्तमान में 4 ट्रिलियन डॉलर की है, जिसकी वर्ष 2047 तक 32 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है। 
  • इस दौरान पर्यटन क्षेत्र का 24% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से विकास होने की संभावना है। 
  • भारत की सांस्कृतिक विविधता और प्रत्येक राज्य की अनूठी पहचान इसे वैश्विक पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाती है।

पर्यटन क्षेत्र में संभावनाएँ

  • वैश्विक पर्यटकों की संख्या : पिछले एक वर्ष में लगभग 1 करोड़ वैश्विक पर्यटक भारत आए, जो थाईलैंड (4 करोड़), स्विट्जरलैंड (3 करोड़) और दुबई (2.5 करोड़) जैसे देशों से कम है। हालांकि, भारत में घरेलू पर्यटन की अपार संभावनाएँ हैं, जो इसे अन्य देशों से अलग करती हैं।
  • आध्यात्मिक पर्यटन : भारत का आध्यात्मिक पर्यटन वैश्विक स्तर पर बेजोड़ है, जो इसे एक अद्वितीय गंतव्य बनाता है।
  • विविध अनुभव : भारत के प्रत्येक राज्य की सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक विविधता पर्यटकों को विभिन्न अनुभव प्रदान करती है, जैसे- धार्मिक स्थल, प्राकृतिक सौंदर्य एवं ऐतिहासिक धरोहरें

चुनौतियाँ

  • अपर्याप्त बुनियादी ढांचा : एक दशक पहले अपर्याप्त बुनियादी ढांचा पर्यटन विकास में सबसे बड़ी बाधा था। हालाँकि, सरकार ने इस दिशा में प्रगति की है, फिर भी ग्रामीण एवं दूरदराज़ क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है।
  • वैश्विक प्रतिस्पर्धा : थाईलैंड, स्विट्जरलैंड एवं दुबई जैसे देशों की तुलना में भारत में वैश्विक पर्यटकों की संख्या अभी भी कम है।
  • स्थिरता की चुनौती : पर्यटन क्षेत्र के विकास के साथ-साथ पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है।
  • प्रचार और जागरूकता : भारत के कम-ज्ञात पर्यटन स्थलों को वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने की आवश्यकता है।

आगे की राह

  • अवसंरचना में निवेश: हवाई अड्डों, सड़कों, रेलवे व होटल जैसी सुविधाओं को और सुदृढ़ करना, विशेष रूप से ग्रामीण और कम विकसित क्षेत्रों में।
  • सतत पर्यटन को बढ़ावा : पर्यावरण-अनुकूल नीतियों को अपनाकर पर्यटन के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना।
  • डिजिटल प्रचार : भारत के पर्यटन स्थलों को वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने के लिए डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया का उपयोग।
  • वैश्विक सहयोग : अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मंचों पर भारत की भागीदारी बढ़ाकर और वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नीतिगत सुधार करना।
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