New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Gandhi Jayanti Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Oct. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Gandhi Jayanti Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Oct. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

भारत-म्यांमार सीमा प्रबंधन से संबंधित मुद्दे

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध)

संदर्भ 

मणिपुर के राज्यपाल ने नागा संगठन के प्रतिनिधियों से भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने और मुक्त आवागमन व्यवस्था (Free Movement Regime: FMR) को समाप्त करने से संबंधित चिंताओं पर चर्चा की।

पृष्ठभूमि

  • भारत-म्यांमार सीमा: 1,643 किमी. लंबी सीमा में से 398 किमी. मणिपुर से होकर गुजरती है।
  • मुक्त आवागमन व्यवस्था (FMR): सीमा पर रहने वाले जनजातियों को बिना वीज़ा के दोनों ओर 16 किमी. तक यात्रा करने की अनुमति दी गई, जिससे पारंपरिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संबंध मज़बूत हुए।
  • फरवरी 2024 में केंद्र ने सुरक्षा चुनौतियों का हवाला देते हुए एफ.एम.आर. को समाप्त करने और पूरी सीमा पर बाड़ लगाने की योजना की घोषणा की।

नागा समूहों द्वारा की गई आपत्ति

  • जातीय और सामाजिक प्रभाव: नागा जनजातियाँ सीमा के दोनों ओर फैली हुई हैं। ऐसे में सीमा पर बाड़ लगाने और एफ.एम.आर. को समाप्त करने से परिवार विभाजित होने के साथ ही सांस्कृतिक आदान-प्रदान बाधित होगा तथा आजीविका को नुकसान होगा।
  • शांति प्रक्रिया: केंद्र के इस निर्णय से नागा समूहों और केंद्र के बीच चल रही बातचीत प्रभावित हो सकती है।
  • विश्वास की कमी: पहले से ही संवेदनशील मणिपुर में अलगाव और जातीय अशांति के प्रसार का खतरा उत्पन्न हो सकता है।

केंद्र सरकार का तर्क

  • सुरक्षा : यह सीमा अवैध प्रवास, मादक पदार्थों की तस्करी और विद्रोही गतिविधियों के प्रति संवेदनशील है।
  • सीमा पार गतिविधियाँ : म्यांमार में तख्तापलट के बाद इस क्षेत्र में अस्थिरता, शरणार्थियों की आमद और सशस्त्र गतिविधियों में वृद्धि देखि गई है।
  • राष्ट्रीय हित : यह चीन एवं पाकिस्तान की सीमाओं पर चुनौतियों के बाद भारत द्वारा मज़बूत सीमाओं के लिए व्यापक प्रयास के अनुरूप है।

रणनीतिक महत्त्व 

  • पूर्वोत्तर भारत की एक्ट ईस्ट नीति का प्रवेश द्वार है।
  • मणिपुर एवं नागालैंड में स्थिरता संपर्क परियोजनाओं (भारत-म्यांमार-थाईलैंड राजमार्ग या कलादान परियोजना) के लिए महत्त्वपूर्ण है।
  • केंद्र सरकार के लिए सुरक्षा चिंताओं और जातीय संवेदनशीलताओं के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है।

आगे की राह

  • नीति कार्यान्वयन से पहले स्थानीय समुदायों के साथ परामर्श
  • बाड़ लगाने के विकल्प के रूप में तकनीकी निगरानी पर पर बल देना
  • पूरी तरह से बाड़ लगाने के बजाय एक विनियमित आवाजाही व्यवस्था पर विचार करना 
  • पूर्वोत्तर में शांति प्रक्रिया और विकास पहलों के साथ सीमा प्रबंधन को एकीकृत करना
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X