(प्रारंभिक परीक्षा : भारतीय राजव्यवस्था, समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व; सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्द्ध-न्यायिक निकाय; अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय) |
संदर्भ
वक्फ बोर्ड के काम को सुव्यवस्थित करने और वक्फ संपत्तियों के कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संसद द्वारा पारित दो विधेयक वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2024 और मुसलमान वक्फ (निरसन) अधिनियम, 2024 राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद 8 अप्रैल, 2025 से लागू हो गए हैं।
विशेषताएं |
वक्फ अधिनियम, 1995 |
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 |
वक्फ का गठन |
वक्फ का गठन घोषणा, उपयोगकर्ता या धर्मार्थ दान (वक्फ-अल-औलाद) द्वारा किया जा सकता है। |
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वक्फ के रूप में सरकारी संपत्ति |
कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं |
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वक्फ संपत्ति का निर्धारण करने की शक्ति |
अधिनियम वक्फ बोर्ड को पूछताछ करने और यह निर्धारित करने का अधिकार देता है कि कोई संपत्ति वक्फ की है या नहीं। |
प्रावधान हटा दिया गया। |
वक्फ का सर्वे |
सर्वेक्षण आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्तों द्वारा किया गया सर्वेक्षण। |
कलेक्टरों को सर्वेक्षण करने का अधिकार देता है। लंबित सर्वेक्षण राज्य के राजस्व कानूनों के अनुसार आयोजित किए जाएंगे। |
केंद्रीय वक्फ परिषद की संरचना |
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वक्फ बोर्डों की संरचना |
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ट्रिब्यूनल की संरचना |
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ट्रिब्यूनल के आदेशों पर अपील |
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केंद्र सरकार की शक्तियां |
राज्य सरकार किसी भी समय वक्फों के खातों का ऑडिट करवा सकती है। |
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संप्रदायों के लिए अलग वक्फ बोर्ड |
सुन्नी और शिया संप्रदायों के लिए अलग वक्फ बोर्ड, यदि शिया वक्फ के पास राज्य में सभी वक्फ संपत्तियों या वक्फ आय का 15% से अधिक है। |
शिया और सुन्नी संप्रदायों के साथ बोहरा व अगाखानी संप्रदायों के लिए अलग-अलग वक्फ बोर्डों की अनुमति है। |
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025, भारत में वक्फ संपत्ति प्रबंधन के शासन, पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण सुधार पेश करता है। मुकदमेबाजी और न्यायिक निरीक्षण की कमी जैसे लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को संबोधित करके, विधेयक एक अधिक सुव्यवस्थित और जवाबदेह ढांचा बनाने का प्रयास करता है।
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