New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Teachers Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Teachers Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

अरक्षित विदेशी मुद्रा जोखिम 

चर्चा में क्यों

हाल ही में, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बैंकों के लिये अरक्षित विदेशी मुद्रा जोखिम (Unhedged Foreign Currency Exposures : UFCE) पर दिशानिर्देशों को संशोधित एवं समेकित किया है। ये दिशानिर्देश 1 जनवरी, 2023 से लागू होंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य विदेशी मुद्रा बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव के कारण किसी इकाई को होने वाले जोखिम को कम करना है।
  • अरक्षित विदेशी मुद्रा जोखिम का अर्थ किसी इकाई की बैलेंस शीट पर उन सभी मदों का सकल योग है जिन पर विदेशी मुद्रा दरों में अस्थिरता के कारण जोखिम उत्पन्न होता है।
  • आर.बी.आई. ने संस्थाओं द्वारा बैंकों से उधार लिये गए यू.एफ.सी.ई. पर बैंकों को समय-समय पर कई दिशानिर्देश, अनुदेश और निर्देश जारी किये हैं। अब इनका समेकन किया गया है।

वर्तमान चिंताएं

  • आर.बी.आई. के अनुसार किसी भी इकाई का अरक्षित विदेशी मुद्रा जोखिम न केवल व्यक्तिगत इकाई बल्कि संपूर्ण वित्तीय प्रणाली के लिये भी चिंता का विषय है।
  • जो संस्थाएं अपने विदेशी मुद्रा जोखिम को रक्षित (हेज) नहीं करती हैं, वे विदेशी विनिमय दरों की अस्थिरता की अवधि के दौरान अधिक जोखिम का सामना कर सकती हैं।
  • ये जोखिम कंपनी या संस्था की बैंकिंग प्रणाली से लिये गए ऋणों को चुकाने की क्षमता को कम कर सकते हैं, जिससे बैंकिंग प्रणाली प्रतिकूल रूप से प्रभावित होती है।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X