संदर्भ
चौथा ‘विकास के लिए वित्तयन सम्मेलन’ (Conference on Financing for Development: FFD4) 30 जून से 3 जुलाई, 2025 तक स्पेन के सविल में आयोजित किया जाएगा।
सम्मेलन के बारे में
- परिचय : यह वैश्विक विकास के लिए वित्तीय संसाधनों को जुटाने और उपयोग करने के लिए एक महत्वपूर्ण दशकीय सम्मलेन है।
- यह सम्मेलन मॉन्टेरे कॉन्सेन्सस (2002), दोहा डिक्लेरेशन (2008) और अदीस अबाबा एक्शन एजेंडा (2015) की निरंतरता है।
- मुख्य फोकस : यह सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को लागू करने, वैश्विक वित्तीय संरचना में सुधार और उभरती चुनौतियों, जैसे- जलवायु संकट, ऋण प्रबंधन एवं वैश्विक कर सुधारों पर केंद्रित है।
- शामिल भागीदार : इस सम्मलेन में 70 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष और सरकार प्रमुख, वित्तीय व विकास सस्थाओं के अध्यक्ष एवं नागरिक समाज तथा निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
- हालाँकि, अमेरिका ने जलवायु, संधारणीयता एवं लैंगिक समानता से संबंधित मुद्दों को हटाने की असफल कोशिश के बाद वार्ता से हटने का फैसला किया है।
प्रमुख विशेषताएँ
- सविल प्रतिबद्धता : सम्मेलन में 38 पृष्ठों का एक दस्तावेज (इसे सविल प्रतिबद्धता या कॉम्प्रोमिसो डी सेविला कहा जाता है) औपचारिक रूप से अपनाया जाएगा। यह अगले दशक के लिए विकास वित्त पोषण का खाका होगा। हालाँकि, यह कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है।
- सविल प्लेटफॉर्म फॉर एक्शन : यह मंच ठोस प्रगति के लिए गठबंधनों को बढ़ावा देगा।
- विगत सम्मेलनों का प्रभाव
- मॉन्टेरे कॉन्सेन्सस (2002) : विकसित देशों के लिए सकल राष्ट्रीय उत्पाद का 0.7% आधिकारिक विकास सहायता (ODA) पर खर्च करने का लक्ष्य और अत्यधिक ऋणग्रस्त गरीब देश (HIPC) पहल को समर्थन।
- अदीस अबाबा (2015) : 17 सतत विकास लक्ष्यों की स्थापना व कर प्रणाली को मजबूत करने पर ध्यान।
FFD4 के उद्देश्य
FFD4 का उद्देश्य वैश्विक वित्तीय प्रणाली में सुधार करना और विकासशील देशों के लिए संसाधन जुटाना है। प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- जलवायु संकट के लिए अनुकूलन
- ऋण स्वैप और प्राकृतिक आपदा ऋण स्थगन खंड जैसे उपाय।
- ‘वैश्विक एकजुटता कर’ (Global Solidarity Levies) जैसे समाधान लागू करना, जो अत्यधिक प्रदूषणकारी गतिविधियों या अति-धनाढ्यों पर कर लगाकर सतत विकास को वित्तपोषित करे।
- ऋण पुनर्गठन ढांचे में सुधार : विकासशील देशों में बढ़ते ऋण बोझ को संबोधित करना
- नवाचारों को बढ़ावा : बहुपक्षीय विकास बैंकों द्वारा विशेष आहरण अधिकारों (SDRs) का उपयोग
- निजी वित्त को जुटाना : निम्न व मध्यम आय वाले देशों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाना
चुनौतियाँ
- वैश्विक सहायता में कमी : OECD के अनुसार, 2024 में वैश्विक सहायता में 7% की कमी आई और ONE Campaign के अनुमान के अनुसार 2027 तक यह 23% तक गिर सकती है।
- ऋण संकट: 2022 में सहायता और रियायती वित्त को छोड़कर शुद्ध वित्तीय प्रवाह नकारात्मक हो गया, जिससे शिक्षा एवं निवेश के लिए धन की कमी हुई।
- असहमति : अफ्रीकी नेताओं एवं प्रमुख ऋणदाता देशों (जैसे- चीन) के बीच ऋण सम्मेलन पर मतभेद।
- अमेरिका की अनुपस्थिति एवं ट्रंप प्रशासन का वैश्विक कर सुधारों जैसे लक्ष्यों का विरोध।