भारत को संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) में वर्ष 2026-28 की अवधि के लिए चुना गया है। भारत को वर्ष 2026 से 3 साल के लिए संयुक्त राष्ट्र की इस परिषद के लिए चुना गया है।
आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) के बारे में
- परिचय : संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख निकायों में से एक यह परिषद आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय मुद्दों पर समन्वय, नीति समीक्षा, नीति संवाद व सिफारिशों के साथ-साथ सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन पर केंद्रित है।
- स्थापना : इसे वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत स्थापित किया गया था।
- सदस्य : परिषद में 54 सदस्य देश शामिल हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए चुना जाता है।
- इनमें सीटों का वितरण भौगोलिक क्षेत्रों (अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका, पश्चिमी यूरोप आदि) के आधार पर किया जाता है।
ECOSOC के प्रमुख कार्य
- सतत विकास को बढ़ावा देना : ECOSOC संयुक्त राष्ट्र के 2030 सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह आर्थिक विकास, सामाजिक समावेशन व पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखने पर जोर देता है।
- नीति निर्माण एवं समन्वय : यह विभिन्न देशों, संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों और गैर-सरकारी संगठनों के बीच समन्वय स्थापित करता है ताकि वैश्विक चुनौतियों जैसे गरीबी उन्मूलन, जलवायु परिवर्तन एवं असमानता से निपटा जा सके।
- वैश्विक संवाद का मंच : ECOSOC विभिन्न हितधारकों को एक मंच प्रदान करता है जहाँ वे अपने विचार साझा कर सकते हैं और सामूहिक समाधान विकसित कर सकते हैं।
- विशेष सलाहकारी भूमिका : यह सामाजिक एवं आर्थिक मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र महासभा व अन्य निकायों को सलाह देता है।
भारत की भूमिका एवं योगदान
भारत का ECOSOC में चयन न केवल इसके कूटनीतिक कौशल को दर्शाता है बल्कि वैश्विक विकास एजेंडे में इसकी सक्रिय भागीदारी को भी रेखांकित करता है।
- विकासशील देशों की आवाज : भारत ने हमेशा वैश्विक दक्षिण के हितों का समर्थन किया है। ECOSOC में भारत गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं लैंगिक समानता जैसे मुद्दों पर विकासशील देशों के दृष्टिकोण को मजबूत करेगा।
- सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) में योगदान : भारत ने SDGs को लागू करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जैसे- स्वच्छ भारत अभियान, आयुष्मान भारत एवं नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर। ECOSOC में भारत इन अनुभवों को साझा कर अन्य देशों के लिए प्रेरणा बन सकता है।
- जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण : भारत ने पेरिस समझौते के तहत महत्वपूर्ण प्रतिबद्धताएँ की हैं और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance) जैसे पहल शुरू किए हैं। ECOSOC में भारत पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए इन प्रयासों को और मजबूत करेगा।
- कूटनीतिक नेतृत्व : ECOSOC में भारत का चयन इस बात का प्रमाण है कि विश्व समुदाय भारत के नेतृत्व पर भरोसा करता है।