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संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन

(मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकीसंरचना, अधिदेश।)

संदर्भ

हाल ही में, संयुक्त राष्ट्र (UN) के एक शीर्ष अधिकारी ने कांगो में सशस्त्र समूह के हमले को विफल करने के लिये भारत एवं अन्य देशों के शांति सैनिकों की प्रशंसा की है।

यू.एन. शांति मिशन

  • यू.एन.शांति मिशन संयुक्त राष्ट्र के शांति संचालन विभाग और संचालन सहायता विभाग का एक संयुक्त प्रयास है।इसका उद्देश्य मेजबान देशों को संघर्ष की स्थितियों से निकालकर शांति स्थापना में सहायता करना है।
  • संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों के तीन बुनियादी सिद्धांत हैं:
    • विभिन्न पक्षों की सहमति
    • निष्पक्षता
    • आत्मरक्षा और जनादेश की रक्षा के अतिरिक्त बल का प्रयोग न करना
  • संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 1948 में पश्चिम एशिया में सैन्य पर्यवेक्षकों को तैनात करके अपने शांति प्रयासों की शुरुआत की थी।इस शांति मिशन की भूमिका इजराइल एवं उसके अरब पड़ोसी देशों के बीच युद्ध विराम समझौते की निगरानी करना था।

क्या है ब्लू हेलमेट

  • ब्लू हेलमेट संयुक्त राष्ट्र के सैन्य कर्मी हैं जो स्थिरता, सुरक्षा और शांति प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने के लिये संयुक्त राष्ट्र पुलिस और नागरिकों के साथ मिलकर कार्य करते हैं। सैन्यकर्मियों द्वारा पहने जाने वाले प्रतिष्ठित नीले हेलमेट के कारण इन्हें ब्लू हेलमेट के नाम से जाना जाता है।
  • ब्लू हेलमेट के तहत सभी सैन्यकर्मी अपने देश की सेनाओं से होते हैं जिन्हें यू.एन. कमांड के तहत कार्य करने के लिये नियुक्त किया जाता है।
  • वर्तमान में, ब्लू हेलमेट के रूप में 70,000 से अधिक सैन्यकर्मियों को सूचीबद्ध किया गया है। शांति मिशनों में सैनिकों के योगदान के मामले में अफ्रीका एवं एशिया के देश पश्चिमी देशों से कहीं आगे हैं।

संयुक्त राष्ट्र सैन्य कर्मियों के उत्तरदायित्व

  • नागरिकों और अन्य संयुक्त राष्ट्र कर्मियों की रक्षा करना;
  • विवादित सीमाओं की निगरानी करना;
  • संघर्ष के बाद के क्षेत्रों में शांति प्रक्रियाओं का अवलोकन करना;
  • संघर्ष क्षेत्रों में सुरक्षा प्रदान करना;
  • चुनाव के दौरान सुरक्षा प्रदान करना;
  • प्रशिक्षण और समर्थन के साथ देश के सैन्यकर्मियों की सहायता करना एवं
  • शांति समझौतों को लागू करने में पूर्व लड़ाकों की सहायता करना।

संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन एवं भारत

  • भारत संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में सैन्य योगदान देने वाले सबसेबड़े देशों में से एक है। वर्ष 1948 से अब तक 2,00,000 से अधिक भारतीयों ने 49 संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में अपनी सेवाएँ प्रदान की है।
  • वर्तमान में, 5,581 भारतीय संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न शांति अभियानों का हिस्सा हैं।विदित है कि इन शांति अभियानों मेंबांग्लादेश एवं नेपाल के पश्चात् भारत के सर्वाधिक सैनिक अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। इसके अतिरिक्त, वर्ष 2007 मेंसंयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में एक महिला दल को तैनात करने वाला भारत पहला देश बना।

संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में विभिन्न देशों की स्थिति

क्रम संख्या

देश

कुल सैन्य कर्मी (31मार्च, 2022 तक)

1.

बांग्लादेश

6,710

2.

नेपाल

5,706

3.

भारत

5,581

4.

रवांडा

5,255

5.

पाकिस्तान

4,123

  •  विदित है कि विभिन्न शांति मिशनों के हिस्से के रूप में कई देशों में अपनी उपस्थिति के बावजूद, भारत ने श्रीनगर और इस्लामाबाद में शांति मिशन मुख्यालय की स्थापना पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है।
  • भारत और पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह की स्थापना 24 जनवरी,1949 को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की निगरानी के लिये की गई थी। वर्तमान में यह पर्यवेक्षक समूह दोनों देशों के बीच शत्रुता का निरीक्षण करने और नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की रिपोर्ट तैयार करने का कार्य करता है।
  • भारत का पक्ष है कि जुलाई 1972 में भारत और पाकिस्तान द्वारा शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने तथा नियंत्रण रेखा की स्थापना के बाद से इस मिशन की प्रासंगिकता समाप्त हो गई है।
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