New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM July Mega Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 21st July 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM July Mega Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 21st July 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 14th July, 8:30 AM

ऊपरी सियांग बहुउद्देशीय भंडारण परियोजना

(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)

चर्चा में क्यों 

हाल ही में, अरुणाचल प्रदेश में प्रस्तावित ‘ऊपरी सियांग बहुउद्देशीय भंडारण परियोजना’ के लिये राष्ट्रीय जल विद्युत निगम (NHPC) ने पूर्व व्यवहार्यता रिपोर्ट (Pre Feasibility Report) को प्रस्तुत किया है।  

परियोजना के बारे में

  • 11,000 मेगावाट की यह परियोजना भारत की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना है। यह परियोजना राज्य के ऊपरी सियांग ज़िले के यिंगकियोंग (Yingkiong) में सियांग नदी पर निर्मित की जानी है।
  • यह प्रस्तावित परियोजना मानसूनी प्रवाह के दौरान 9 से 10 बिलियन क्यूबिक मीटर जल के ‘बफर भंडारण’ को करने में सक्षम है। 

परियोजना के लाभ 

  • इस परियोजना का उद्देश्य बिजली उत्पन्न करने के साथ ही ब्रह्मपुत्र नदी में बाढ़ का प्रबंधन करना भी है।
  • यह तिब्बत के मेटोक में चीन द्वारा प्रस्तावित 60,000 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना का मुकाबला करने में सक्षम है।  
    • चीन द्वारा प्रस्तावित परियोजना से भारत में ब्रह्मपुत्र नदी के प्राकृतिक प्रवाह में कमी एवं कृत्रिम बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
    • चीन की जलविद्युत परियोजनाओं को लेकर बांग्लादेश ने भी संभावित पर्यावरणीय एवं आर्थिक प्रभावों पर चिंता व्यक्त की है।
    • जबकि चीन के अनुसार, तिब्बत में प्रस्तावित परियोजना एक रन-ऑफ-द-रिवर प्रोजेक्ट (न्यूनतम भंडारण) है जो नदी के प्राकृतिक प्रवाह को बाधित नहीं करेगा।

सियांग नदी

  • सियांग, ब्रह्मपुत्र की एक प्रमुख घटक नदी (Constituent River) है जिसे चीन में यारलुंग त्संगपो (Yarlung Tsangpo) कहते हैं। यह मानसरोवर झील से निकलने वाली 2,880 किमी. लंबी एक सीमा पार नदी (Transborder River) है।  
  • भारत में प्रवेश करने से ठीक पहले सियांग या दिहांग नदी हिमालय के पूर्वी छोर पर नामचा बरवा के पास एक गहरी खाई से होकर बहती है और एक हेयरपिन की तरह 180 डिग्री मुड़ती है।
  • इस नदी में दो प्रमुख सहायक नदियों- लोहित और दिबांग के संगम के बाद भारत में इसे ब्रह्मपुत्र के नाम से जाना जाता है।
  • ब्रह्मपुत्र नदी की लंबाई तिब्बत में 1,700 किमी., भारत (अरुणाचल प्रदेश और असम) में 920 किमी. और बांग्लादेश में 260 किमी. है। 
  • इस नदी से मीठे जल के संसाधनों का लगभग 30% और भारत की पनबिजली क्षमता का 40% प्राप्त होता है। 
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR