चर्चा में क्यों ?
हाल ही में अमेरिका ने द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) घोषित किया।

प्रमुख बिंदु;
- यह कदम न केवल अमेरिका की आतंकवाद-रोधी नीति का हिस्सा है,
- बल्कि भारत और अमेरिका के बढ़ते आतंकवाद-रोधी सहयोग की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण संकेत है।
- इस पदनाम से भारत की सुरक्षा चिंताओं को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली है।
TRF की उत्पत्ति और उद्भव:
- इसका गठन 2020 में जम्मू-कश्मीर में बढ़ते तनाव के बीच हुआ।
- यह समूह पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा है।
- इसके नेतृत्व के कमजोर होने और अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण (2019) के बाद, पाकिस्तान ने आतंकवाद को एक नए रूप में आगे बढ़ाने हेतु TRF को खड़ा किया।
- TRF ने मई 2020 में केरन में हुए मुठभेड़ में हिस्सा लिया जिसमें 5 भारतीय सैन्यकर्मी और 5 आतंकवादी मारे गए थे।
संगठन की रणनीति और कार्यप्रणाली:
- कम धार्मिक पहचान और स्थानीयता का मुखौटा TRF की खास रणनीति रही है, ताकि उसे "आतंरिक विरोध" के रूप में पेश किया जा सके।
- TRF स्थानीय और विदेशी लड़ाकों को मिलाकर लगभग 6 माह तक प्रशिक्षण देता है।
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, टेलीग्राम का उपयोग दुष्प्रचार और हमलों की योजना में करता है।
- आतंकवाद को "घरेलू विद्रोह" की शक्ल में प्रस्तुत कर अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचने की कोशिश करता है।
अप्रैल 2025 का पहलगाम हमला:
- TRF ने अप्रैल 2025 में दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए एक भयावह हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
- इस घटना ने वैश्विक मंच पर TRF को एक प्रमुख आतंकी खतरे के रूप में प्रस्तुत किया।
प्रश्न. हाल ही में अमेरिका ने किस आतंकवादी संगठन को FTO और SDGT घोषित किया है?
(a) जैश-ए-मोहम्मद
(b) हिज़्बुल मुजाहिदीन
(c) द रेजिस्टेंस फ्रंट
(d) इंडियन मुजाहिदीन
|