New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

उत्तराखंड ने लुप्तप्राय पौधों के संरक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया

चर्चा में क्यों ?

  • उत्तराखंड,जो कि 69% वन क्षेत्र और विविध पारिस्थितिक तंत्रों के साथ हिमालयी जैव विविधता हॉटस्पॉट का हिस्सा है।
  • इसने एक ऐतिहासिक और वैज्ञानिक पहल के अंतर्गत 14 गंभीर रूप से संकटग्रस्त वनस्पति प्रजातियों के संरक्षण और पुनर्स्थापन के लिए एक व्यवस्थित पादप पुनर्रोपण कार्यक्रम प्रारंभ किया है।

कार्यक्रम की रूपरेखा

  • इस परियोजना को उत्तराखंड वन विभाग के अनुसंधान विंग द्वारा चार वर्षों के वैज्ञानिक अध्ययन और संवर्धन के पश्चात प्रारंभ किया गया है।
  • यह कार्यक्रम मानसून 2025 के साथ शुरू हुआ और उसी महीने के अंत तक इसके प्रथम चरण को पूर्ण करने का लक्ष्य है।
  • इसमें लक्षित प्रजातियों को उनके ऐतिहासिक प्राकृतिक आवासों में पुनः स्थापित किया जा रहा है।

उत्तराखंड की पुष्प विविधता का महत्व

  • पारिस्थितिक तंत्र: अल्पाइन घास के मैदान से लेकर तराई के वर्षा वनों तक, विविध पारिस्थितिक क्षेत्र उपलब्ध हैं।
  • औषधीय व सांस्कृतिक महत्व: यह क्षेत्र कई स्थानिक और औषधीय पौधों जैसे हिमालयन जेंटियन, व्हाइट हिमालयन लिली, इंडियन स्पाइकनार्ड आदि का घर है।
  • जोखिम: अत्यधिक दोहन, जलवायु परिवर्तन, और प्राकृतिक पुनर्जनन की कमी के कारण इन पौधों की स्थिति संकटग्रस्त हो गई है।

लक्षित प्रजातियाँ और उनका महत्व

प्रजाति का नाम

औषधीय उपयोग

पारिस्थितिक भूमिका

हिमालयन जेंटियन

यकृत और ज्वर रोगों में

उच्च हिमालयी पारिस्थितिक संतुलन

व्हाइट हिमालयन लिली

च्यवनप्राश निर्माण में

ऊँचाई वाले वनों में परागण को बढ़ावा

इंडियन स्पाइकनार्ड

सुगंधित तेल निर्माण

जड़ी-बूटी आधारित उपचार

दून चीज़ वुड

पारंपरिक औषधियाँ

वन्यजीवों के आश्रय स्थल

कुमाऊँ फैन पाम

आयुर्वेदिक प्रयोग

स्थानीय पारिस्थितिक विविधता

प्रश्न. उत्तराखंड द्वारा संकटग्रस्त वनस्पतियों के पुनर्रोपण का कार्यक्रम कब प्रारंभ किया गया?

(a) मार्च 2025

(b) मई 2025

(c) जुलाई 2025 

(d) जनवरी 2025

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR