ग्लोबल जियोपार्क नेटवर्क (GGN) एक गैर-लाभकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना वर्ष 2014 में की गई थी। इसका निर्माण यूनेस्को के तत्वावधान में एक वैश्विक साझेदारी के रूप में हुआ। GGN का प्रमुख उद्देश्य दुनिया भर के जियोपार्क्स के बीच संवाद, सहयोग और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान सुनिश्चित करना है।
GGN की प्रमुख भूमिकाएँ:
- भू-धरोहरों के संरक्षण को वैश्विक समर्थन प्रदान करना।
- सतत पर्यटन एवं शिक्षा को बढ़ावा देना।
- जियोपार्क्स के बीच तकनीकी ज्ञान और अनुभव साझा करना।
- स्थानीय समुदायों की भागीदारी को बढ़ावा देना।
GGN एक ऐसा मंच है जो विभिन्न देशों और उनके जियोपार्क्स को एक साझा उद्देश्य के लिए एकजुट करता है - भू-पर्यावरणीय शिक्षा और सतत विकास।
यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क्स (UGGPs): एक परिचय
यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क्स (UGGPs) एक ऐसी अवधारणा है जो भूवैज्ञानिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों को संरक्षण, शिक्षा और सतत विकास के तीनों स्तंभों के तहत विकसित करने पर केंद्रित है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
- जियोपार्क की अवधारणा 1990 के दशक के मध्य में उभरी।
- परंतु, यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क्स को औपचारिक मान्यता वर्ष 2015 में दी गई।
UGGPs की प्रमुख विशेषताएं
- एकीकृत भौगोलिक क्षेत्र:
- UGGPs ऐसे क्षेत्र होते हैं जहां भूवैज्ञानिक रूप से अद्वितीय विशेषताएं होती हैं जो वैज्ञानिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक और पारिस्थितिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण होती हैं।
- प्रबंधन:
- प्रत्येक यूजीजीपी का प्रबंधन संबंधित देश की वैधानिक संस्था द्वारा किया जाता है, जिसमें स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित होती है।
- स्थायी दर्जा नहीं:
- UGGP का दर्जा चार वर्षों के लिए ही मान्य होता है। इस अवधि के पश्चात उसका पुनः मूल्यांकन किया जाता है।
- अनिवार्य सदस्यता:
- UGGP बनने के लिए ग्लोबल जियोपार्क नेटवर्क (GGN) की सदस्यता अनिवार्य होती है।
- बहु-आयामी उद्देश्य:
- भू-पर्यावरणीय संरक्षण
- स्थानीय समुदायों की आजीविका सुदृढ़ करना
- भूविज्ञान एवं पारिस्थितिकी की शिक्षा
- भू-पर्यटन को बढ़ावा देना
UGGPs के लाभ:
क्षेत्र
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लाभ
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पर्यावरण
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भूवैज्ञानिक धरोहरों का संरक्षण
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समाज
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स्थानीय समुदायों की भागीदारी एवं लाभ
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शिक्षा
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भूविज्ञान एवं पर्यावरणीय जागरूकता का प्रसार
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अर्थव्यवस्था
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भू-पर्यटन द्वारा आजीविका सृजन
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वैश्विक परिप्रेक्ष्य में UGGPs
- वर्तमान में, 40 से अधिक देशों में 150+ यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क्स हैं।
इनमें से कई जियोपार्क UNESCO के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में योगदान दे रहे हैं।
भारत की स्थिति:
- भारत में अभी तक कोई भी यूजीजीपी मान्यता प्राप्त नहीं है।
- संभावित स्थल:
- लोनार क्रेटर, महाराष्ट्र
- स्पीति घाटी, हिमाचल प्रदेश
- मालानी ज्वालामुखीय क्षेत्र, राजस्थान
निष्कर्ष:
- ग्लोबल जियोपार्क नेटवर्क (GGN) और यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क्स (UGGPs) न केवल भूवैज्ञानिक विरासत के संरक्षण के प्रतीक हैं, बल्कि ये स्थानीय विकास, वैज्ञानिक जागरूकता और वैश्विक सहयोग के उत्कृष्ट उदाहरण भी हैं। भारत जैसे विविध भूगर्भीय देश के लिए यह एक सशक्त अवसर है कि वह इस वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराए और सतत विकास की दिशा में अग्रसर हो।