दक्षिण चीन सागर और नाइन-डैश लाइन (Nine-Dash Line) क्या है :- महत्व, विवाद ,अंतरराष्ट्रीय कानून और भू-राजनीतिक पहलू
दक्षिण चीन सागर (South China Sea) दक्षिण-पूर्व एशिया का एक महत्वपूर्ण समुद्री क्षेत्र है, जो रणनीतिक, आर्थिक और भू-राजनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जाता है।
इस क्षेत्र में चीन और कई पड़ोसी देशों जैसे फ़िलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है।
इसमें कई द्वीप और शेल्फ़ (continental shelf) हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
Paracel Islands (पारासेल द्वीप समूह) – चीन और वियतनाम के बीच विवादित।
Spratly Islands (स्प्रैटली द्वीप समूह) – चीन, वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया और ब्रुनेई के बीच विवादित।
Scarborough Shoal – फिलीपींस और चीन के बीच विवादित।
दक्षिण चीन सागर का महत्व
रणनीतिक जलमार्ग:दक्षिण चीन सागर दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री मार्गों में से एक है। यहां से सालाना लगभग 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का अंतरराष्ट्रीय व्यापार गुजरता है।
प्राकृतिक संसाधन:इस क्षेत्र में तेल और प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार पाए जाते हैं। इसके अलावा मछली पकड़ने और अन्य समुद्री संसाधनों की दृष्टि से यह क्षेत्र बेहद महत्वपूर्ण है।
सैन्य और सुरक्षा दृष्टि:दक्षिण चीन सागर में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण द्वीप और रीफ हैं, जिनके नियंत्रण के लिए क्षेत्रीय देश अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहे हैं।
नाइन-डैश लाइन (Nine-Dash Line) क्या है ?
नाइन-डैश लाइन चीन का वह विवादित दावेदार क्षेत्र है, जिसमें चीन ने दक्षिण चीन सागर के लगभग 90% हिस्से पर अपना ऐतिहासिक अधिकार जताया है।
यह लाइन समुद्री मानचित्र में नौ खंडों के रूप में दिखाई जाती है।
इतिहास:1947 में चीन ने इस लाइन को पहली बार सार्वजनिक किया। बाद में इसे आधिकारिक रूप से बदलकर नौ खंड (Nine Dashes) में पेश किया गया।
विवाद:-
फ़िलीपींस, वियतनाम, मलेशिया और ब्रुनेई इस दावे को मान्यता नहीं देते।
2016 में फ़िलीपींस ने यह मामला यूनाइटेड नेशन्स कन्वेंशन ऑन लॉ ऑफ सी (UNCLOS) के तहत अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले गया।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने नाइन-डैश लाइन के चीन के ऐतिहासिक दावे को अवैध घोषित किया।
विवाद और अंतरराष्ट्रीय कानून
नाइन-डैश लाइन विवादास्पद है क्योंकि:
संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन (UNCLOS) 1982 के अनुसार, किसी भी देश को केवल अपने तट से 200 नॉटिकल मील की Exclusive Economic Zone (EEZ) का अधिकार होता है।
PCA (Permanent Court of Arbitration) ने 2016 में फिलीपींस के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि नाइन-डैश लाइन का कोई कानूनी आधार नहीं है।
इसके बावजूद चीन इस रेखा के भीतर सैन्य और आर्थिक गतिविधियां जारी रखता है।
मुख्य विवादित क्षेत्र
Spratly Islands: कई देशों के बीच सैन्य और आर्थिक नियंत्रण का केंद्र।
Paracel Islands: 1974 में चीन ने वियतनाम पर कब्ज़ा कर लिया।
Scarborough Shoal: फिलीपींस और चीन के बीच तनाव का केंद्र।
भू-राजनीतिक पहलू
चीन का दृष्टिकोण:-
नाइन-डैश लाइन को ऐतिहासिक अधिकार मानता है।
इसे “सुरक्षा, समुद्री संसाधन और राष्ट्रीय संप्रभुता” के मुद्दे के रूप में देखता है।
दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का दृष्टिकोण:-
चीन के दावे को अवैध और अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ मानते हैं।
फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया और ब्रुनेई इसके खिलाफ कोर्ट और कूटनीतिक मंच का उपयोग करते हैं।
अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों का दृष्टिकोण:-
अमेरिका ने “Freedom of Navigation Operations (FONOPs)” के माध्यम से दक्षिण चीन सागर में चीन की गतिविधियों को चुनौती दी।
यह क्षेत्र सामरिक और व्यापारिक मार्गों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रश्न-दक्षिण चीन सागर में “नाइन-डैश लाइन” का दावा किस देश ने किया है ?