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कोई चीज़ छूने पर 'करंट' सा क्यों लगता है?

चर्चा में क्यों ?

  • आप भी ये महसूस कर रहे हैं कि अलग-अलग सामान छूने या किसी इंसान से हाथ मिलाने पर करंट सा लगता है, तो इसके लिए स्टेटिक चार्ज ज़िम्मेदार है.

स्टेटिक चार्ज होता क्या है?

  • किसी भी सामान, चीज़ या ऑब्जेक्ट की सतह पर बनने वाले इलेक्ट्रिक चार्ज को स्टेटिक चार्ज कहते हैं.
    •  यहां चार्ज से मतलब इलेक्ट्रॉन के ट्रांसफ़र से है.
  • ये तब पैदा होता है जब इलेक्ट्रॉन किसी एक मेटेरियल से दूसरे मेटेरियल पर आते-जाते हैं. 
    • ऐसा फ़्रिक्शन (रगड़ने) या कॉन्टैक्ट (संपर्क में आने) से होता है.
  • जब इलेक्ट्रॉन रबिंग (रगड़ने) या संपर्क (कॉन्टैक्ट में आने की वजह) से एक बॉडी से दूसरी बॉडी तक ट्रांसफ़र होते हैं तो शॉक लगता है

स्टेटिक चार्ज के कारण

  • स्टेटिक चार्ज के तीन कारण हो सकते हैं-
    1. फ़्रिक्शन: जब दो मेटेरियल आपस में रगड़े जाते हैं तो इलेक्ट्रॉन एक से दूसरे पर ट्रांसफर होते हैं, जिससे चार्ज असंतुलन पैदा होता है.
    2. कॉन्टैक्ट: दो मेटेरियल को एक-दूसरे के कॉन्टैक्ट में लाने पर भी चार्ज ट्रांसफ़र हो सकता है.
    3. इंडक्शन: कोई चार्ज्ड ऑब्जेक्ट बिना सीधे संपर्क में आए भी क़रीब के ऑब्जेक्ट में चार्ज को इंड्यूस यानी पैदा कर सकता है.

इस चार्ज को स्टेटिक क्यों कहा जाता है?

  • इन्हें स्टेटिक इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये मूव नहीं होते. 
  • हवा जब बहुत सूखी और गर्म होती है तो इलेक्ट्रॉन को पर्याप्त एनर्जी मिल जाती है, जिससे वो सरफ़ेस पर आ जाते हैं. वो सरफ़ेस को छोड़कर तो नहीं जा सकते, लेकिन इकट्ठा हो जाते हैं.
  • इसके बाद जब रबिंग होती है, तो ये एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं, जिसे हम स्टेटिक चार्ज कहते हैं. 
  • लेकिन फिर ये मूव नहीं होते, बल्कि वहीं रहते हैं यानी स्थिर बने रहते हैं और यहीं से इन्हें नाम मिला है स्टेटिक.

शॉक क्यों लगता है

  • शॉक इसलिए लगता है कि जब हम दरवाज़ा छूते हैं, कपड़ा छूते हैं या हाथ मिलाते हैं तो हमारे शरीर पर अतिरिक्त चार्ज आ जाता है, जो शॉक की वजह बनता है. चार्ज ट्रांसफ़र की वजह से ऐसा होता है.
  • ये शॉक सामान्य तौर पर नुक़सानदायक नहीं होते, हल्का झटका ज़रूर देते हैं. 

स्टेटिक चार्ज कौन से मौसम में ज़्यादा होता है

  • स्टेटिक चार्ज की संभावना हमेशा सूखे मौसम में ज़्यादा होती है.
  • बारिश के मौसम में स्टेटिक चार्ज की गुंजाइश बहुत कम बचती है. जब हवा बहुत ज़्यादा ड्राई या शुष्क होगी तो स्टेटिक चार्ज ज़्यादा होगा.
  • 'जब भी हवा में ह्यूमिडिटी (आर्द्रता या नमी) ज़्यादा होगी तो स्टेटिक चार्ज का ज़्यादा असर नहीं दिखाई देगा. 
  • इसकी वजह ये है कि ऐसे मौसम में ऑब्जेक्ट पर नमी की एक परत बन जाती है और वहां से चार्ज लीकऑफ हो जाता है और स्टेटिक नहीं रहता. इसलिए शॉक नहीं लगेगा. 
  • बारिश के मौसम में, ठंड में, या कोहरे के समय स्टेटिक चार्ज बहुत कम होता है और इसके लिए हवा का शुष्क होना बहुत ज़रूरी है.

बचने के लिए क्या कर सकते हैं

  • स्टेटिक चार्ज से बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं -
  • जैसे अपनी त्वचा को ड्राई होने से बचाएं. 
  • इसके लिए ख़ूब सारा पानी पिएं ताकि डिहाइड्रेशन ना हो. 
  • त्वचा को ड्राइनेस से बचाने के लिए मॉश्चराइज़र का इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • स्टेटिक चार्ज से बचने के लिए केले खाने चाहिए 
    • केलों को ज़्यादा वाटर कंटेंट की वजह से हाइड्रेशन के लिए बढ़िया माना जाता है. 
    • इसमें वाटर कंटेंट के अलावा पोटेशियम भी होता है, जो अहम इलेक्ट्रोलाइट है.
  • कपड़े ऐसे पहनने चाहिए, जिसमें ज़्यादा इलेक्ट्रिसिटी चार्ज ना पैदा होता हो, जैसे कॉटन या सिल्क, जो सिंथेटिक फ़ाइबर की तुलना में स्टेटिक चार्ज के लिए कम गुंजाइश बनाते हैं. 
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