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वन्यजीव संरक्षण अधिनियम संशोधन प्रस्ताव

प्रारम्भिक परीक्षा – वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 (जैव-विविधता, पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी)

चर्चा में क्यों

केरल विधानसभा ने 14 फरवरी, 2024 को एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में संशोधन करने का आग्रह किया है।

Wildlife-Protection

प्रमुख बिंदु :-

प्रमुख बिंदु :-

  • केरल में हाल के वर्षों में मानव-पशु संघर्ष में लगातार वृद्धि देखी गई है। 
  • जंगली जानवरों के हमलों से न केवल जीवन को खतरा है, बल्कि राज्य के कृषि क्षेत्र में भी हानि हो रही है। 
    • उदहारण : 10 फरवरी, 2024 को मनंथावाडी में जंगली हाथी के हमले में एक कृषि श्रमिक की जान चली गई।

केरल सरकार का वन्यजीव संरक्षण अधिनियम ,1972 में संशोधन की मांग :-

  • इस अधिनियम में 66 धाराएं और 6 अनुसूचियां हैं, जो उनमें से प्रत्येक के तहत रखी गई प्रजातियों के लिए सुरक्षा प्रदान करती हैं।
  • 1.केरल सरकार धारा 11 (1) (A) में संशोधन करना चाहती है। 
    • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 11 जंगली जानवरों के शिकार को नियंत्रित करती है। 

धारा 11:-

  • धारा 11 के खंड (1)(A) के अनुसार, किसी राज्य का मुख्य वन्यजीव वार्डन (The Chief Wild Life Warden :CWLW) यदि संतुष्ट है कि अनुसूची I में निर्दिष्ट एक जंगली जानवर मानव जीवन के लिए खतरनाक या विकलांग या रोगग्रस्त हो गया है, तो ऐसे जानवर के शिकार या हत्या की अनुमति दे सकता है। 
  • 2. केरल सरकार जंगली सूअर को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 62 के अनुसार, जंगली सूअर को हिंसक जानवर घोषित करने की मांग करा रही है। 
  • इस धारा के अनुसार, केंद्र सरकार अधिनियम की अनुसूची II में किसी भी जंगली जानवर को (जो उसे शिकार से बचाता है) किसी क्षेत्र/राज्य में कुछ समय के लिए वर्मिन के रूप में अधिसूचित कर सकती है।
    • वर्मिन :-किसी जानवर को वर्मिन तब घोषित किया जाता है जब वह जीवन और फसलों के लिए खतरा पैदा करता है। 
    • एक बार वर्मिन घोषित होने के बाद, जंगली सूअर शिकार से अपनी सुरक्षा खो देगा अर्थात उसके शिकार की अनुमति मिल जाएगी। 

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 संशोधन से लाभ :- 

  • इस तरह के संशोधन से मानव जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाले जंगली जानवरों से निपटने की प्रक्रिया सरल हो जाएगी। 
  • इससे अधिक स्थानीय स्तर पर त्वरित और समय पर निर्णय लिए जा सकेंगे। 
  • यह संशोधन जंगली सूअर तथा अन्य आक्रामक वन्यजीव की आबादी को नियंत्रित करने में सक्षम बनाया जाएगा।

वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 

(Wildlife Protection Act 1972 in Hindi) :-

Wildlife-Protection-act

  • इस अधिनियम को वन्यजीवों को सुरक्षा प्रदान करने एवं अवैध शिकार, तस्करी और अवैध व्यापार को नियंत्रित करने के लिए लागू किया गया था।

उद्देश्य :-

  • इसका उद्देश्य सूचीबद्ध लुप्तप्राय वनस्पतियों एवं जीवों तथा  पारिस्थितिकी का संरक्षण करना है। 
  • जनवरी 2003 में इस अधिनियम में संशोधन किया गया था। 
  • इसके तहत अपराधों के लिए जुर्माने और सजा को अधिक कठोर बना दिया गया है। 

वन्यजीव एवं पर्यावरण  संरक्षण से संबंधित संवैधानिक प्रावधान :-

  • भारत विश्व का पहला देश है, जिसने संविधान में वन्यजीवों और पर्यावरण की सुरक्षा एवं संरक्षण से संबंधित प्रावधानों को अपने संविधान में शामिल किया है। 
  • भारत सरकार ने 42वां संवैधानिक संशोधन अधिनियम 1976 में पारित करके  पर्यावरण संरक्षण से संबंधित अनुच्छेदों को भारतीय संविधान में शामिल किया। 

पर्यावरण संरक्षण से संबंधित अनुच्छेद :-

constitution

1.अनुच्छेद (Article) 48A :-

  • इस अनुच्छेद को संविधान के भाग IV में राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों के अंतर्गत जोड़ा गया।
  • इसके तहत  “राज्य पर्यावरण की रक्षा और सुधार करने और देश के वनों और वन्यजीवों की रक्षा करने का प्रयास करेगा”।

2.अनुच्छेद (Article) 51A (g) :-

  • इस अनुच्छेद को भारतीय नागरिकों के मौलिक कर्तव्य के रूप में संविधान के भाग IV (क) में जोड़ा गया।
  • इसके तहत “भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह प्राकृतिक पर्यावरण के अंतर्गत आने वाले वन, झील, नदी और वन्यजीवों की रक्षा करे और उसका संवर्धन करे तथा प्राणि मात्र के प्रति दयाभाव रखे।

विशेष तथ्य:-

  • सरकार द्वारा वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय उद्यान, अभ्यारण्य आदि संरक्षित स्थानों की स्थापना की जाती है।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- हाल ही में किस राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार से मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में संशोधन करने का आग्रह किया गया है ? 

(a) तमिलनाडु

(b) आंध्र प्रदेश

(c) कर्नाटक 

(d) केरल 

उत्तर - (d)

मुख्य परीक्षा प्रश्न:- पर्यावरण की सुरक्षा एवं संरक्षण में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के महत्व की विवेचना कीजिए। 

स्रोत: THE HINDU

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