New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

तेल रहित चावल की भूसी के निर्यात पर प्रतिबंध

संदर्भ:

15 मार्च, 2024 को केंद्र सरकार ने डी-ऑयल चावल की भूसी के निर्यात पर प्रतिबंध को चार महीने बढ़ाकर 31 जुलाई 2024 तक कर दिया है।

rice-bran

मुख्य बिंदु:

  • इसकी आधिकारिक अधिसूचना विदेश व्यापार महानिदेशालय ने जारी कर दी है। 
  • सरकार ने जुलाई 2023 में इसके निर्यात पर चार महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे बाद में मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया था। 

उद्देश्य:

  • प्रतिबंध लगाने का मुख्य उद्देश्य दूध की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि को कम करना है
  • चावल की भूसी से निकाले गए तेल रहित चावल की भूसी का सर्वाधिक उपयोग मवेशियों को खिलाने के लिए किया जाता है।

नकरातमक प्रभाव:

  • डी-ऑयल चावल की भूसी (De-oiled rice bran- DORB) का कुल निर्यात इसके उत्पादन का केवल 6% है। 
  • इस पर लगे प्रतिबंध से धान किसानों के साथ-साथ प्रोसेसर और निर्यातकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है;
    • प्रतिबंध के कारण उन्हें अपनी उपज पर बेहतर रिटर्न नहीं मिल पा रहा है।

तेल रहित चावल की भूसी (DORB): 

  • चावल की भूसी से कच्चा तेल निकालने के बाद DORB प्राप्त होता है।
  • यह चावल की मिलिंग प्रक्रिया (अर्थात धान से चावल बनाने की प्रक्रिया) का एक उपोत्पाद है। 
    • यह मिलिंग प्रक्रिया से उत्पन्न कचरे की मात्रा को भी कम करता है।
  • यह प्रोटीन का एक उच्च गुणवत्ता वाला स्रोत है, जो पशु आहार में प्रोटीन सामग्री को बढ़ाने में मदद करता है।
  • इसमें पाचन योग्य प्रोटीन अधिक होता है;
    • मवेशी इससे अधिक पोषक तत्व अवशोषित करने में सक्षम होते हैं। 
    • इससे मवेशियों के स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • यह चारा का अपेक्षाकृत सस्ता घटक है।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR