New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Diwali Special Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 22nd Oct., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Diwali Special Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 22nd Oct. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

अफगानिस्तान में गहराता संकट

(प्रारम्भिक परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 1: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : अंतर्राष्ट्रीय संबंध; भारत एवं इसके पड़ोसी देशों से संबंधित मुद्दे)

संदर्भ

  • हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा अफगानिस्तान से सेना को हटाने के संबंध में समय सीमा आगे बढ़ाकर 11 सितंबर करने की बात की गई। इस दिन अमेरिका पर हुए आतंकी हमले के 20 वर्ष पूर्ण होंगें।
  • अमेरिकी सरकार तथा तालिबान के मध्य हुए समझौते के अंतर्गत अमेरिका द्वारा अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुलाना है तथा तालिबान द्वारा अमेरिका के खिलाफ अफगानिस्तानी धरती का इस्तेमाल नहीं होने देने का आश्वासन दिया गया।
  • ध्यातव्य है कि 29 फ़रवरी 2020 को अमेरिका और आतंकवादी संगठन तालिबान के प्रतिनिधियों के मध्य क़तर की राजधानी दोहा में एक समझौता किया गया था।

अन्य प्रमुख बिंदु

  • अमेरिकी सरकार के इस फैसले के बाद तालिबान द्वारा कहा गया कि यदि अमेरिका तय समय सीमा के अंतर्गत अपनी सेना वापस नही बुलाता है तो वह 24 अप्रैल को तुर्की के अंकारा में होने वाली क्षेत्रीय शांति सम्मेलन में भाग नहीं लेगा।
  • अमेरिका तथा तालिबान के मध्य हुए समझौते के कारण अफगानिस्तान सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है, जिसका कारण अफगानिस्तान के पुनः आंतरिक युद्धों में शामिल होना है। किंतु,अमेरिका ने अफगानिस्तान को दूरस्थ सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।
  • ध्यातव्य है कि जब तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के किसी भी शहर पर कब्जा किया जाता है तो अमेरिका अपनी वायुसेना के माध्यम से उस क्षेत्र को तालिबानियों से मुक्त करवाता है।
  • अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना का जाना वहाँ के सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार तथा हजारा (शिया) समुदाय के लिए चिंता का विषय बना हुआ है क्योंकि तालिबानियों द्वारा सर्वाधिक अत्याचार इन लोगों पर ही किये जाते हैं।

अन्य देशों पर प्रभाव

  • अफगानिस्तान में बढ़ती अस्थिरता का चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर पूरा प्रभाव पड़ेगा तथा चीन के शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उईगर मुसलमानों के मध्य भी अस्थिरता बढ़ेगी। यह प्रांतअफगानिस्तान के साथ अपनी सीमा साझा करता है।
  • भारत भी अफगानिस्तान में विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से स्थिरता लाने का प्रयास कर रहा है। अभी तक यह देखा गया है कि भारतीय सरकार तथा अफगानिस्तान की लोकतांत्रिक सरकारों के मध्य संबंध काफी मित्रतापूर्ण रहे हैं।
  • अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना का हटना रूस के लिए भी एक हर्ष का विषय है हालाँकि रूस का अफगानिस्तान से कोई प्रत्यक्ष लाभनही है किंतु स्थिरता लाने मेंवह एक मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है।

निष्कर्ष

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना का वापस जाना अफगानिस्तान में अस्थिरता का सूचक है। जो कि भारत के लिये भी चिंता का विषय है,चूँकि भारत द्वारा अफगानिस्तान में लगातार निवेश में वृद्धि की जा रही है।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X