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प्रसारण सेवा विनियमन विधेयक 2023 का मसौदा 

प्रारंभिक परीक्षा – प्रसारण सेवा विनियमन विधेयक 2023 का मसौदा
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3

संदर्भ 

ब्रॉडकास्टर्स और ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क ऑपरेटरों द्वारा स्व-नियमन से संबंधित प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 के मसौदे में प्रस्तावित प्रावधानों पर कानूनी विशेषज्ञों द्वारा पर चिंता व्यक्त किया गया है।

Draft-Broadcastin

प्रमुख बिंदु 

  • भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 का एक मसौदा प्रस्तावित किया है।
  • यह मसौदा विधेयक देश में प्रसारण सेवाओं को विनियमित करने के लिए एक समेकित ढांचे और मौजूदा केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) को बदलने का प्रयास करता है।
  • यह विधेयक नियामक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, ओवर-द-टॉप (ओटीटी) सामग्री एवं  डिजिटल समाचारों को कवर करने के लिए इसके दायरे का विस्तार करता है और उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए समकालीन परिभाषाओं और प्रावधानों को भी पेश करता है।
  • यह स्व-नियमन के लिए सामग्री मूल्यांकन समितियों और एक प्रसारण सलाहकार परिषद, विभिन्न प्रसारण नेटवर्क ऑपरेटरों के लिए अलग-अलग कार्यक्रम, विज्ञापन कोड, विकलांग व्यक्तियों के लिए पहुंच उपाय और वैधानिक दंड आदि प्रदान करता है।
  • विधेयक में छः अध्याय, 48 धाराएं और तीन अनुसूचियां शामिल हैं।

मुख्य प्रावधान :

1. समेकन और आधुनिकीकरण: 

  • यह एकल विधायी ढांचे के तहत विभिन्न प्रसारण सेवाओं के लिए नियामक प्रावधानों को समेकित और अद्यतन करने की लंबे समय से चली आ रही आवश्यकता के अनुरूप है।
  • यह वर्तमान में आईटी अधिनियम, 2000 के तहत बनाए गए नियमों के माध्यम से विनियमित ओवर-द-टॉप (ओटीटी) सामग्री, डिजिटल समाचार और समसामयिक मामलों के प्रसारण को शामिल करने के लिए अपने नियामक दायरे का विस्तार करता है।

2. समसामयिक परिभाषाएँ और भविष्य के लिए तैयार प्रावधान: 

  • उभरती प्रौद्योगिकियों और सेवाओं के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए बिल समकालीन प्रसारण शर्तों के लिए व्यापक परिभाषाओं और उभरती प्रसारण प्रौद्योगिकियों के लिए प्रावधानों को शामिल करता है।

3. स्व-नियमन व्यवस्था:

  • यह 'सामग्री मूल्यांकन समितियों' की शुरुआत के साथ स्व-नियमन को बढ़ाता है एवं मौजूदा अंतर-विभागीय समिति को अधिक सहभागी और व्यापक 'प्रसारण सलाहकार परिषद' को विकसित करता है।

4. विभेदित कार्यक्रम कोड और विज्ञापन कोड:

  • यह विभिन्न सेवाओं में कार्यक्रम, विज्ञापन कोड के लिए एक विभेदित दृष्टिकोण की अनुमति देता है एवं प्रसारकों द्वारा स्व-वर्गीकरण और प्रतिबंधित सामग्री के लिए मजबूत पहुंच नियंत्रण  उपायों को लागू करता है।

5. विकलांग व्यक्तियों के लिए पहुंच:

  • विधेयक व्यापक पहुंच दिशानिर्देश जारी करने के लिए सक्षम प्रावधान प्रदान करके विकलांग व्यक्तियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को संरेखित करता है।

6. वैधानिक दंड और जुर्माना:

  • मसौदा विधेयक ऑपरेटरों और प्रसारकों के लिए सलाह, चेतावनी, निंदा या मौद्रिक दंड जैसे वैधानिक दंड पेश करता है।
  • इसमें कारावास या जुर्माने का प्रावधान भी शामिल है लेकिन गंभीर अपराधों के लिए भी संतुलित दृष्टिकोण सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है।

7. न्यायसंगत दंड:

  • निष्पक्षता तथा समता सुनिश्चित करने के लिए मौद्रिक दंड, जुर्माना को इकाई की वित्तीय क्षमता एवं निवेश और कारोबार को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किया गया है।

 चिंताएं :

  • विधेयक का ध्यान वास्तव में सार्वजनिक सेवा पर है या सरकार नियंत्रण एवं विनियमन  को बढ़ाने पर है।
  •  यह विधेयक डिजिटल अवसंरचना और नागरिकों के देखने के विकल्पों (viewing choices) पर सरकारी नियंत्रण को बढ़ा सकता है।
  • मसौदे में एक विशिष्ट प्रावधान  व्यापक एवं अस्पष्ट भाषा पर बल देता है जिसका उपयोग अधिकारियों द्वारा कंटेंट को प्रतिबंधित करने के लिए किया जा सकता है।
  • यह सरकार के निर्देशन में कार्य करने वाले ‘अधिकृत अधिकारियों’ के प्रभाव पर भी प्रश्न उठाता है।
  • यह विधेयक भारतीय अल्पसंख्यक समुदायों के उन्मूलन या चयनात्मक प्रतिनिधित्व को जन्म दे सकता है।
  • इस मसौदे में अस्पष्ट भाषा का उपयोग भारत की बहुसंख्यक पहचान को बढ़ावा देने के लिए भी किया जा सकता है।
  • केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 का उद्देश्य प्रारंभ में तो अवैध केबल ऑपरेटरों पर अंकुश लगाना था, परन्तु बाद में ऑपरेटरों, राजनेताओं, उद्यमियों और प्रसारकों की सांठगांठ के कारण पारदर्शिता में कमी आई थी।
  • प्रस्तावित विधेयक में भारतीय मीडिया उद्योग के भीतर हितों के टकराव और अपारदर्शी प्रावधानों आदि विषयों का निराकरण नहीं किया गया है।
  • यह विधेयक सांस्कृतिक आक्रमण’ और  ओलिगोपोलिस्टिक मीडिया स्वामित्व (oligopolistic media ownership) को बढ़ावा दे सकती है।

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 

  1. केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम में 1995 पारित किया गया था
  2. प्रसारण सेवा विनियमन विधेयक 2023 के मसौदे में छः अध्याय, 48 धाराएं और तीन अनुसूचियां शामिल हैं। 

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

 (a) केवल 1   

(b) केवल 2  

(c) कथन 1 और 2  

(d)  न तो 1, न ही 2

उत्तर: (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न : प्रसारण सेवा विनियमन विधेयक -2023 मसौदा से संबंधित प्रमुख चिंताओं को स्पष्ट कीजिए।

स्रोत:the hindu

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