New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM Raksha Bandhan Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 30th July, 8:00 AM Raksha Bandhan Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 30th July, 8:00 AM

फ्रांस का सुरक्षा कानून : सम्बंधित पहलू

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, फ्रांस की संसद (नेशनल असेंबली) के निचले सदन ने एक सुरक्षा कानून पारित किया है, जिसका वहाँ की अधिकार संरक्षण संस्थाओं तथा पत्रकारों द्वारा विरोध किया जा रहा है।

क्या है फ्रांस का प्रस्तावित सुरक्षा कानून?

  • यह कानून फ्रांस के पुलिस अधिकारियों के लिये अधिक शक्तियाँ तथा संरक्षण का प्रावधान करता है, जिसका नागरिक स्वंत्रता समूह, पत्रकार और प्रवासी कार्यकर्ता कड़ा विरोध कर रहे हैं। विधयेक के तीन प्रावधान विवाद का मुख्य कारण हैं।
  • प्रस्तावित सुरक्षा कानून के आर्टिकल 21 और 22 के तहत पुलिस तथा अर्द्धसैनिक बलों को नागरिकों की वीडियो रिकॉर्डिंग तथा तस्वीरों के लिये बॉडी कैमरा तथा ड्रोन के उपयोग की अनुमति दी गई है। साथ ही, इसमें ऑनड्यूटी पुलिस अधिकारियों की फोटो लेने तथा वीडियो रिकॉर्डिंग पर प्रतिबंध लगाया गया है।
  • आर्टिकल 24 के अंतर्गत ऑपरेशन में कार्य कर रहे किसी पुलिस या अर्द्धसैनिक बल के अधिकारी के चेहरे की छवि या किसी अन्य हिस्से को जानबूझकर प्रकाशित या प्रसारित करने पर कठोर दण्ड का प्रावधान है।

सुरक्षा कानून के पक्ष में तर्क

  • इस कानून का उद्देश्य ड्यूटी के पश्चात् पुलिस अधिकारियों तथा उनके परिवारों को ऑनलाइन ट्रोलिंग तथा उत्पीड़न से बचाना है। सरकार का पक्ष है कि इसका प्रेस की स्वंत्रता या मानवाधिकारों को सीमित करने जैसा कोई लक्ष्य नहीं है।
  • फ्रांस में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले को देखते हुए इस तरह के कड़े सुरक्षा कानूनों की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

सुरक्षा कानून के विपक्ष में तर्क

  • कानून के विरोधी पक्ष का मत है कि वर्ष 2018 के येलो वेस्ट मूवमेंट के दौरान तथा उसके बाद से आम जनता के खिलाफ पुलिस की प्रतिक्रिया तथा व्यवहार काफी कठोर और दंडात्मक रहा है।
  • नए सुरक्षा कानून के लागू होने से मीडिया तथा मानवाधिकार संस्थाएँ सार्वजानिक घटनाओं तथा पुलिस की हिंसक कार्यवाही को कवर नहीं कर पाएंगी, जिससे पुलिस अधिकारियों को जवाबदेह ठहराना काफी कठिन होगा।
  • इस प्रस्तावित कानून में इस्लामिक कट्टरपंथ को रोकने के लिये कड़े उपाय किये गए हैं। साथ ही, मस्जिदों और उपदेशकों पर कठोर नियंत्रण के कारण इस कानून ने फ्रांस के मुस्लिम वर्ग में चिंता उत्पन्न कर दी है।

येलो वेस्ट मूवमेंट

  • फ्रांस में वर्ष 2018 में तेल के मूल्यों में वृद्धि (तेल पर अधिक कर लगाने के कारण) के बाद से प्रदर्शनकारियों ने पीले रंग की जैकेट पहनकर सड़कों पर विरोध किया था। इसीलिये इसका नाम येलो वेस्ट मूवमेंट पड़ा।

स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR