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आंतरिक विस्थापन पर वैश्विक रिपोर्ट

(प्रारम्भिक परीक्षा: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन, प्रश्नपत्र- 3: आपदा और आपदा प्रबंधन)

पृष्ठभूमि

  • हाल ही में, वर्ष 2020 में आंतरिक विस्थापन पर वैश्विक रिपोर्ट -’ में यह तथ्य सामने आया कि संघर्ष, हिंसा और आपदाओं की वजह से वर्ष 2019 में दुनिया भर में लगभग 5 करोड़ 8 लाख लोगों को आंतरिक विस्थापन का सामना करना पड़ा।
  • उल्लेखनीय है कि, आंतरिक विस्थापितों से तात्पर्य उन लोगों से है जिन्हें संघर्ष, हिंसा, विकास परियोजनाओं, आपदाओं और जलवायु परिवर्तन आदि की वजह से मज़बूरी में विस्थापित होना पड़ा।
  • ध्यातव्य है कि, यह रिपोर्ट नॉर्वे की शरणार्थी परिषद (Norwegian Refugee Council) के आंतरिक विस्थापन निगरानी केंद्र (Internal Displacement Monitoring Centre -IDMC) द्वारा प्रकाशित की गई है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

रिपोर्ट में विस्थापन के अभीष्ट कारणों पर क्रमवार प्रकाश डाला गया है जो निम्न हैं :

संघर्ष के कारण विस्थापन :

  • सभी क्षेत्र संघर्ष विस्थापन से प्रभावित हैं, लेकिन कुछ देशों में यह विस्थापन अधिक देखा गया है। वैश्विक स्तर पर वर्ष 2019 में संघर्ष और हिंसा के कारण विस्थापित हुए कुल 4 करोड़ 57 लाख लोगों में से तीन-चौथाई या 3 करोड़ 45 लाख लोग केवल 10 देशों में थे।
  • संघर्ष और हिंसा की वजह से अधिकतम विस्थापन वाले शीर्ष पांच देश हैं: सीरिया, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इथोपिया, बुर्किना फासो और अफगानिस्तान।

आपदाओं से सम्बंधित विस्थापन :

  • वर्ष 2019 में लगभग 140 देशों और क्षेत्रों में लगभग 1,900 प्रकार की आपदाओं की वजह से लगबग 2 करोड़ 49 लाख लोग  विस्थापित हुए
  • वर्ष 2012 के बाद से दर्ज किया गया यह अब तक का उच्चतम आँकड़ा है।
  • आपदाओं के कारण विस्थापित लोगों में  से लगभग 2 करोड़ 30 लाख लोग मौसम से जुड़ी आपदाओं की वजह से विस्थापित हुए थे और इनमें से अधिकांश लोगों को ऐसी आपदाओं से पूर्व सुरक्षा उपायों के तहत खाली करवाया गया था।

आंतरिक विस्थापन को रोकने के लिये किये गए प्रमुख प्रयास :

  • नाइजर और सोमालिया जैसे देशों ने आंतरिक विस्थापन पर अपनी नीतिगत रूपरेखा में सुधार किया। आर्थिक रूप से पिछड़े होने के बावजूद इन देशों के द्वारा किये गए नीतिगत सुधारों को पूरे विश्व में सराहना मिली।
  • अफगानिस्तान, इराक और फिलीपींस सहित अन्य देशों ने सतत विकास लक्ष्यों को तथा आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिये सेंडाइ फ्रेमवर्क को ध्यान में रखते हुए अपनी जोखिम प्रबंधन रणनीतियों को अद्यतन किया तथा विस्थापन की समस्या के निराकरण किये जाने को भी अपनी विकास योजनाओं में शामिल किया।
  • फिलीपींस में आपदा विस्थापन की आधिकारिक निगरानी के साथ मोबाइल फोन ट्रैकिंग और सोशल मीडिया विश्लेषण के संयोजन की वजह से वहाँ लोगों के लिये आश्रयों तथा पुनर्निर्माण के कार्यों में तेज़ी देखने को मिली।
  • ध्यातव्य है कि, आँकड़ों की उपलब्ध मात्रा और उनकी गुणवत्ता में सुधार की वजह से भी विस्थापन की बेहतर रिपोर्टिंग और विश्लेषण सक्षम हो सका।

भारत से सम्बंधित आँकड़े :

  • वर्ष 2019 में भारत में लगभग पचास लाख  लोग विस्थापित हुए। वैश्विक स्तर पर यह संख्या में सबसे ज्यादा है।
  • कारण:  आपदाओं की तीव्रता, उच्च जनसंख्या तथा सामाजिक और आर्थिक सुभेद्यता की वजह से इतने बड़े स्तर पर विस्थापन देखा गया।
  • दक्षिण-पश्चिम मानसून की वजह से  26 लाख से अधिक लोगों को विस्थापन का सामना करना पड़ा।
  • ध्यातव्य है कि वर्ष 2019, 1901 के बाद से सातवाँ सबसे गर्म वर्ष था और मानसून पिछले 25 वर्षों में सबसे अधिक था।
  • चक्रवात फानी और बुलबुल की वजह से भी भारी विस्थापन का सामना करना पड़ा।
  • कुल 19,000 से अधिक आंतरिक संघर्ष और हिंसा की घटनाओं की वजह से भी विस्थापन बहुत ज्यादा हुआ।
  • चुनावी हिंसा और हिंसा के राजनीतिकरण की वजह से त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में विशेष रूप से, 7,600 से अधिक लोगों का विस्थापन हुआ।
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