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गोल्डन लंगूर (Golden Langur)

प्रारम्भिक परीक्षा गोल्डन लंगूर (Golden Langur)
मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन, पेपर-3 (जैव-विविधता एवं पर्यावरण)

संदर्भ 

हाल ही में किये गए नवीनतम सर्वेक्षण से पता चला है कि भारत में लुप्तप्राय गोल्डन लंगूर की अनुमानित संख्या लगभग 7,396 है।

Golden-Langur

प्रमुख बिंदु :-

  • यह सर्वेक्षण प्राइमेट रिसर्च सेंटर एनई इंडिया (PRCNE), असम वन विभाग, बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल, सलीम अली सेंटर फॉर ऑर्निथोलॉजी एंड नेचुरल हिस्ट्री (SACON) और कंजर्वेशन हिमालय द्वारा दो चरणों में किया गया।

पहला चरण:- 

  • पहले चरण का सर्वेक्षण मार्च-अप्रैल 2020 के दौरान किया गया। 
  • इस सर्वेक्षण में मानस बायोस्फीयर रिज़र्व के पश्चिमी भाग को शामिल किया गया। 
  • मानस बायोस्फीयर रिज़र्व में रिपु रिज़र्व फ़ॉरेस्ट, चिरांग आरएफ, मानस आरएफ और मानस नदी के पश्चिमी तट तक शामिल है। 
    • रिपु रिज़र्व फ़ॉरेस्ट : इसको हाल ही में ‘रायमोना नेशनल पार्क’ में अपग्रेड किया गया है।

दूसरा चरण:- 

  • इस चरण का सर्वेक्षण वर्ष 2021 में किया गया। 
  • इस सर्वेक्षण में असम के बोंगाईगांव, कोकराझार और धुबरी जिलों में गोल्डन लंगूरों के खंडित वन आवासों को शामिल किया गया।
  • इस सर्वेक्षण में गोल्डन लंगूरों की बहुतायत, स्थानिक वितरण और घनत्व का आकलन करने के लिए ब्लॉक गणना पद्धति के अधिभोग ढांचे को लागू किया गया। 
  • यह विधि पहली बार गोल्डन लंगूर के लिए लागू की गई है, 
  • इस विधि विशेष रूप से गोल्डन लंगूर जैसे वृक्षीय, छोटे समूह में रहने वाले प्राइमेट्स के लिए अपेक्षाकृत सरल, लागत प्रभावी और मजबूत माना जाता है।

सर्वेक्षण की विशेषता:-

  • इस सर्वेक्षण को 51 ब्लॉकों में किया गया।  
  • इस सर्वेक्षण को दो प्रमुख क्षेत्रों में विभाजित किया गया है।
  • उत्तरी क्षेत्र में मानस बायोस्फीयर रिजर्व के पश्चिमी भाग को शामिल किया गया  है।
  • यह क्षेत्र संकोश नदी से लेकर मानस नदी तक उत्तरी भारत-भूटान सीमा राष्ट्रीय राजमार्ग 27 और राज्य राजमार्ग 2 के किनारे तक फैली हुई है।
  • दक्षिणी क्षेत्र NH-27 के दक्षिणी किनारे से लेकर दक्षिण में ब्रह्मपुत्र नदी तक पाई जाती है।
  • गोल्डन लंगूर की संख्या उत्तरी क्षेत्र में 5,566  है।
  • इनमें  से केवल 23 नर होने का अनुमान लगाया गया है।
  • दक्षिणी क्षेत्र में लगभग 1,830 लंगूर हैं।
  • इनमें से 8 नर होने का अनुमान लगाया गया है।
  • इस सर्वेक्षण के अनुसार, उत्तरी क्षेत्र में मानस बायोस्फीयर रिजर्व में स्थित रिपु रिज़र्व फ़ॉरेस्ट में सबसे अधिक (2,847) लंगूरों की संख्या है।
  • दक्षिणी क्षेत्र में कोकराझार जिले के चक्रशिला वन्यजीव अभयारण्य में 838 लंगूर हैं।

विशेष तथ्य :-

  • वर्ष 2008-09 में लंगूरों की जनसंख्या का पिछला अनुमान भी डॉ. बिस्वास की देखरेख में किया गया था, जिसमें भारत में 6,000 गोल्डन लंगूर दर्ज किए गए थे। 
  • इस सर्वेक्षण में गोल्डन लंगूरों के खंडित आवासों में एक अस्थिर स्थिति को रेखांकित किया गया है।
  • सर्वेक्षण में शामिल प्राइमेटोलॉजिस्टों ने मानवजनित अंतःक्रियाओं से प्राइमेट्स के सामने आने वाले संभावित खतरों को दूर करने के लिए वृक्षारोपण और चंदवा पुलों के माध्यम से खंडित आवासों के बीच गलियारे के लिंकेज की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है।

गोल्डन लंगूर (Golden Langur):-

GoldenLangur

  • इसका वैज्ञानिक नाम ट्रैचीपिथेकस गीई (Trachypithecus geei) है। 
  • पेड़ों पर अत्यधिक निर्भर रहने के कारण इन्हें “लीफ मंकी” के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह मुख्यतः शाकाहारी प्राणी है,जो पत्तियों, फलों, फूलों, बीजों और कीड़ों को भी खाते हैं।
  • यह लगभग 7-14 किग्रा के होते हैं। 
  • इनकी लम्बाई लगभग 55-60 सेमी तक होती है। 
  • इनका जीवनकाल लगभग 12 वर्ष का होता है। 

पर्यावास :- 

  • यह सामान्यतः उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जंगलों में पाए जाते हैं। 
  • ये भारत, भूटान एवं बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं।
  • भारत में निवास स्थान: मानस नदी का पूर्वी क्षेत्र, संकोश नदी का पश्चिमी क्षेत्र, और ब्रह्मपुत्र नदी का दक्षिणी क्षेत्र।

विशेषताएँ:-

  • नर और मादा दिखने में एक जैसे होते हैं, अंतर केवल इतना है कि नर की गर्दन के चारों ओर बालों की परत अधिक स्पष्ट होती है।
  • इनके सुनहरे फर का रंग मौसम के अनुसार बदलते रहते हैं।

खतरा:-

  • प्रतिबंधित आवास:- इनका आवास प्राकृतिक सीमाओं द्वारा प्रतिबंधित है, जिससे विलुप्त होने का खतरा बढ़ गया है।
  • पर्यावास विखंडन:-विशेषकर ग्रामीण विद्युतीकरण और बड़े पैमाने पर वनों की कटाई पर जोर देने के बाद असम में इनका आवास काफी हद तक विखंडित हो गया है।
  • अंतःप्रजनन:-विजली के तारों जैसी बाधाओं और जंगल कटाई के कारण गोल्डन लंगूरों के बीच अंतःप्रजनन का खतरा बढ़ गया है।

संरक्षण के प्रयास:-

  • केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, नई दिल्ली ने वर्ष 2011 में असम में गोल्डन लंगूर के संरक्षण तथा प्रजनन के लिए राज्य चिड़ियाघर परियोजना लागू की।

सुरक्षा की स्थिति:-

  • IUCN की रेड लिस्ट में:- लुप्तप्राय (Endangered) के रूप में सूचीबद्ध।
  • CITES:- परिशिष्ट I में सूचीबद्ध।
  • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 में :- अनुसूची I में सूचीबद्ध।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न : गोल्डन लंगूर (Golden Langur) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :

  1. हाल ही में किये गए नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में लुप्तप्राय गोल्डन लंगूर की अनुमानित संख्या लगभग 7,396  हो गई है।
  2. इस सर्वेक्षण को असम के उत्तरी और दक्षिणी दो प्रमुख क्षेत्रों में किया गया है। 
  3. इस सर्वेक्षण के अनुसार, असम के मानस बायोस्फीयर रिजर्व में सबसे कम लंगूरों की संख्या देखी गई है। 

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

(a) केवल एक 

(b) केवल दो

(c) सभी तीन 

(d) कोई भी नहीं  

उत्तर (b)

स्रोत : THE HINDU

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