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तमिलनाडु में कछुओं के लिए हैचरी स्थापित की गईं 

प्रारम्भिक परीक्षा – तमिलनाडु में कछुओं के लिए हैचरी स्थापित की गईं, ऑलिव रिडले कछुए
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 (पर्यावरण एवं जैव-विविधता)

संदर्भ 

हाल ही में तमिलनाडु सरकार ने कछुओं को जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों से बचाने के लिए जलवायु-लचीली हैचरी का निर्माण किया।

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प्रमुख बिंदु :-

  • तमिलनाडु में हैचरी का निर्माण तटीय बहाली मिशन के तहत किया जा रहा है। 
  • इसका मुख्य लक्ष्य समुद्री जीवन, विशेषकर ओलिव रिडले कछुओं की रक्षा के महत्व के बारे में मछुआरों और स्थानीय समुदायों में जागरूकता फैलाना और उन्हें सशक्त बनाना है।

विशेषता :-

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  • इस हैचरी में ओलिव रिडली कछुए अपने अंडे सेने के लिए सुरक्षित परिस्थित में रहेंगे।
  • ये हैचरी तापमान और भारी वर्षा की निगरानी के लिए डेटा लॉगर से सुसज्जित है।
  • कछुओं की सुरक्षा के लिए तमिलनाडु सरकार द्वारा इस वर्ष 2024 में पिछले पांच वर्षों की तुलना में सबसे अधिक संख्या में घोंसले बनाए गए हैं। 
  • तमिलनाडु सरकार ने 8 जिलों में 10 स्थानों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के मद्देनजर पहली बार जलवायु लचीला कछुआ हैचरी स्थापित किए हैं।
  • इस वर्ष 2024 में तमिलनाडु के 9जिलों में स्थापित कुल 45 हैचरी स्थापित किये गए हैं।
  • इन घोसलों में लगभग 2.21 लाख अंडे सुरक्षित किए गए हैं। 

तापमान का ऑलिव रिडले कछुए पर प्रभाव :-

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  • भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) के अनुसार, तापमान और ओलिव रिडले कछुओं के लिंग अनुपात के बीच एक जटिल संबंध है। 
  • अंडों से निकले बच्चों का लिंग तापमान से निर्धारित होता है; गर्म तापमान लगभग 32 डिग्री सेल्सियस से ऊपर के तापमान से अधिक मादाएं पैदा होती हैं, जबकि लगभग 27 डिग्री सेल्सियस से नीचे के तापमान पर नर बच्चे पैदा होते हैं। 

ओलिव रिडले’ कछुए:-

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  • इसका वैज्ञानिक नाम लेपिडोचिल्स ओलिवेसिया है।
  • इस कछुए की लंबाई 60-70 सेमी और वजन 25-70 किलोग्राम तक होता है।
  • ऑलिव रिडले कछुए अपने समकालिक सामूहिक घोंसले के शिकार या अरिबाडा के लिए जाने जाते हैं।

प्राकृतिक वास:

  • यह समुद्र और तटीय क्षेत्रों दोनों में पाया जाता है।
  • यह उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में मुख्य रूप से प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर के गर्म पानी में पाए जाते हैं।

ओलिव रिडले प्रजनन:

  • यह यौन परिपक्वता तक पहुंचने और अपना पहला क्लच देने में लगभग 15 साल लगाते हैं।
  • ऑलिव रिडले हर 1-3 साल में प्रजनन करते हैं। 
  • प्रत्येक मौसम में 90-130 अंडे के 1 से 3 क्लच देते हैं।  
  • इनके अंडे को विकसित होने में लगभग 50 दिन लगते हैं।
  • ओडिशा के गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य को विश्व में समुद्री कछुओं के सबसे बड़े प्रजनन स्थल के रूप में जाना जाता है।

खतरा :-

  • इनके मांस के लिए शिकार करना। 
  • मछली पकड़ने वाले जाल में फँस जाना।
  • इनके अंडे को अक्सर मनुष्यों द्वारा चुरा लेना या नष्ट करा देना।  
  • कुत्तों, सूअरों, पक्षियों और अन्य शिकारियों द्वारा इनके अंडे को खा लेना आदि है।

गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य:-

Gahirmatha-Marine-Sanctuary

  • गहिरमाथा समुद्री अभयारण्य भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान के एक हिस्से में स्थित है।
  • यह समुद्री तट ओलिव रिडले समुद्री कछुओं का विश्व में सबसे बड़ा प्रजनन स्थल है।
  • यह वन्यजीव अभयारण्य उड़ीसा का एकमात्र समुद्री अभयारण्य है।
  • ओडिशा सरकार ने वर्ष 1997 में गहिरमाथा को कछुआ अभयारण्य घोषित किया था।

ऑलिव रिडले कछुए के संरक्षण की स्थिति:-

  • IUCN के रेड लिस्ट में : विलुप्त (Endangered)।
  • CITES के परिशिष्ट- I में संरक्षित।
  • भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की : अनुसूची - I में संरक्षित।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न : हाल ही में भारत के किस राज्य में कछुओं को जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों से बचाने के लिए जलवायु-लचीली हैचरी का निर्माण किया गया है? 

(a) केरल 

(b) ओडिशा 

(c) आंध्रप्रदेश 

(d) तमिलनाडु 

उत्तर (d)

स्रोत : THE NEW INDIAN EXPRESS

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