New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

बीमा लोकपाल (Insurance Ombudsman)

चर्चा में क्यों?

भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा सार्वजनिक शिकायत निपटान नियम, 1998 के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के सामान्य बीमाकर्ताओं हेतु 17 बीमा लोकपाल कार्यालयों के लिये एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने की सलाह दी गई है।

भूमिका

  • नोडल अधिकारी उप-प्रबंधक के समकक्ष होगा, जिन्हें 20 अक्टूबर 2020 तक नवीनतम बीमा लोकपाल के सभी कार्यालयों के लिये नामित किया जाना है। इसका उद्देश्य शिकायतों का उचित और समय पर निपटान सुनिश्चित करना है।
  • उल्लेखनीय है कि बीमा लोकपाल कार्यालय राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ-साथ राज्य राजधानियों, यथा- बंगलुरू, भोपाल, भुवनेश्वर, चेन्नई, कोलकाता, लखनऊ, मुम्बई, पटना, हैदराबाद, जयपुर में स्थापित किये गए हैं। इसके अतिरिक्त चंडीगढ़, गुवाहाटी, कोच्चि, पुणे, नोएडा और अहमदाबाद में भी बीमा लोकपाल कार्यालय स्थित हैं।

बीमा लोकपाल

  • लोकपाल की नियुक्ति बीमा परिषद् द्वारा बीमा उद्योग, नागरिक या न्यायिक सेवा कर्मियों में से की जाएगी, तथा इनकी सेवा-अवधि तीन वर्ष होगी।
  • बीमा लोकपाल किसी सक्षम अधिकारी की अनुपस्थिति में बीमा कम्पनियों के साथ सम्पर्क करेंगे तथा यह सुनिश्चित करेंगे कि समय-समय पर दर्ज किये गए मामले और मांगे गए दस्तावेज़ व जानकारी बिना किसी देरी के प्रस्तुत की गई हो।
  • बीमा लोकपाल की संस्था समय और लागत प्रभावी तरीके से शिकायतों का निस्तारण व समाधान प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है, परंतु यह सुनिश्चित करने के लिये बीमा कम्पनियों को बीमा लोकपाल कार्यालय के साथ अधिक से अधिक सम्पर्क स्थापित करने की आवश्यकता है।
  • बीमा लोकपाल (Insurance Ombudsman) के पद का सृजन निजी बीमा पॉलिसी धारकों के लिये किया गया था, जिसका उद्देश्य अदालतों से बाहर ही शिकायतों का लागत प्रभावी, कुशल और निष्पक्ष तरीके से निपटान करना था।

शिकायत सम्बंधी मामले

  • किसी बीमाकर्ता द्वारा किये गये दावों को आंशिक या पूर्ण रूप से अस्वीकार करने सम्बंधी मामले।
  • देय प्रीमियम या पॉलिसी की शर्तों के बारे में कोई विवाद।
  • पॉलिसियों की विधिक संरचना के सम्बंध में किये गये दावों को लेकर कोई विवाद।
  • शिकायतों के निपटान में विलम्ब।
  • प्रीमियम का भुगतान किये जाने के बाद भी किसी दस्तावेज का निर्गमन न किया जाना।
  • इस प्रक्रिया में किये गये दावे की राशि अधिकतम 30 लाख रुपये हो सकती है।

निपटान प्रक्रिया

  • बीमाकर्ता के विरुद्ध उपरोक्त मामलों में पॉलिसी धारक स्वयं या अपने विधिक उत्तराधिकारी, नामित व्यक्ति या सम्पत्ति-भागीदार के माध्यम से बीमा लोकपाल के समक्ष लिखित रूप से शिकायत दर्ज़ कर सकता है।
  • बीमा लोकपाल मध्यस्थ के रूप में विवाद से सम्बंधी तथ्यों के आधार पर उचित अनुशंसा करता है। शिकायतकर्ता द्वारा उसके अधिनिर्णय को पूर्ण और अंतिम निपटान के रूप में स्वीकार करने के पश्चात्, लोकपाल सम्बंधित कम्पनी को सूचित करता है।
  • कम्पनी को 15 दिनों के भीतर उसके निर्णय का अनुपालन करना होता है। यदि अनुशंसा के माध्यम से समझौता नहीं हो पाता है तो लोकपाल शिकायतकर्ता से सभी आवश्यकत साक्ष्यों को प्राप्त करने के तीन महीने के भीतर निर्णय देगा। यह निर्णय बीमा कम्पनी के लिये बाध्यकारी होगा।
  • बीमा लोकपाल द्वारा निर्णय दिये जाने के 30 दिनों के भीतर बीमाकर्ता निर्णय का अनुपालन करेगा और लोकपाल को इस सम्बंध में सूचित करेगा।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR