New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

लिडार तकनीक: उपयोग के विभिन्न आयाम

(प्रारम्भिक परीक्षा: राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: विज्ञान व प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इनका प्रभाव)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, लिडार तकनीक द्वारा मेक्सिको में एक वृहद और प्राचीनकालीन माया साइट के बारे में नई जानकारियाँ प्राप्त हुईं हैं। इस आधुनिक एवं बहुआयामी तकनीक की सहायता से नई जानकारी प्राप्त होने के कारण माया समाज के विकास के बारे में पूर्ववर्ती दृष्टिकोण में बदलाव आया है। साथ ही, यह भी कहा जा रहा है कि बड़ी-बड़ी स्मारकीय संरचनाएँ बताई गई तिथि से काफी पहले निर्मित हुई थीं।

लिडार (LiDAR- लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) तकनीक

  • यह एक सुदूर सम्वेदी तकनीक है, जिसमें प्रकाश का उपयोग पल्स लेज़र के रूप में किया जाता है।
  • लिडार तकनीक द्वारा किसी क्षेत्र का सर्वेक्षण विमान में सुसज्जित लेज़र उपकरणों के माध्यम से किया जाता है। इसमें जी.पी.एस. और स्कैनर का भी सहयोग लिया जाता है। एक जी.पी.एस. उपकरण को विमान में और एक सर्वेक्षण स्थल पर या उसके आस-पास लगाया जाता है।

लिडार तकनीक की कार्यप्रणाली

  • लिडार उपकरणों में लेज़र, स्कैनर और एक जी.पी.एस. रिसीवर होता है। किसी बड़े क्षेत्र के आँकड़े प्राप्त करने के लिये विमान या हेलिकॉप्टर का प्रयोग किया जाता है।
  • इस तकनीक में पृथ्वी की सतह पर लेज़र प्रकाश डाला जाता है और प्रकाश के वापस लौटने के समय की गणना से वस्तु की दूरी का पता लगाया जाता है।

लिडार

lidar

लिडार का उपयोग

  • लिडार का उपयोग पुरातत्त्वविदों द्वारा भूमि की सतह को समझने के लिये किया जाता है। इस तकनीक की सहायता से वनस्पतियों से आवृत्त स्थलाकृति का निरीक्षण भी किया जा सकता है।
  • भवन की संरचना की जानकारी के लिये भू-आधारित लिडार तकनीक का उपयोग किया जाता है। इससे प्राप्त जानकारी की सहायता से जमीन पर त्रि-आयामी मानचित्रण (3-D Mapping) किया जा सकता है। यह मानचित्रण किसी संरचना का मॉडल बनाने के साथ-साथ भविष्य के प्रयोग हेतु इसके रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने के लिये अत्यधिक उपयोगी है।
  • यह तकनीक स्वचालित वाहनों के संचालन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लिडार स्वचालित कार को एक ऐसी तकनीक प्रदान करता है, जो लिडार सम्वेदकों की सहायता से हर समय चारों तरफ देख सकती है। इससे सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।
  • लिडार तकनीक की मदद से अधिक जल या उर्वरक की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की पहचान करके किसानों के धन, श्रम और समय के नुकसान को कम किया जा सकता है। लिडार तकनीक द्वारा भूमि के त्रि-आयामी (3-D) मानचित्र का प्रयोग करके उस भूमि की विशेषताओं को आसानी से समझा जा सकता है।
  • नदी सर्वेक्षण में लिडार की वाटर पेनिट्रेटिंग ग्रीन लाइट का प्रयोग जल के अंदर की वस्तुओं को देखने के लिये किया जाता है। इस तकनीक की सहायता से नदी का त्रि-आयामी मानचित्र तैयार करके उसकी गहराई, चौड़ाई तथा उसके प्रवाह सम्बंधी जानकारी प्राप्त की जा सकती है, जिससे नदियों द्वारा बाढ़ जैसी स्थिति का आकलन किया जा सकता है।
  • लिडार तकनीक से प्रदूषण के स्तर और हवा की गुणवत्ता का समानांतर परीक्षण किया जा सकता है। इस तकनीक के अंतर्गत आसमान से लेज़र किरणों के माध्यम से वायु में घुले दूषित तत्वों की मौजूदगी का सटीक अनुमान लगाया जाता है। साथ ही, सतह से निश्चित ऊँचाई पर वायु की गुणवत्ता मापने के लिये निगरानी तंत्र को मज़बूत किया जा सकता है।
  • दिल्ली में वर्ष 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन के दौरान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सी.पी.सी.बी) और मौसम विभाग द्वारा त्रि-आयामी मॉडलिंग के माध्यम से खेलों से पहले मौसम तथा प्रदूषण का पूर्वानुमान लगाने के लिये इलास्टिक लिडार तकनीक का प्रयोग किया गया था।
  • लिडार तकनीक की मदद से सड़कों के निर्माण और रख-रखाव हेतु जमीन की बनावट, सतह की ऊँचाई, पेड़-पौधों के फैलाव और क्षेत्रफल का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है। इससे भविष्य में होने वाले भूस्खलन, बाढ़ और अन्य दुर्घटनाओं से सड़क को बचाया जा सकता है। लेज़र आधारित इस तकनीक की सहायता से दुर्गम या सुदूर क्षेत्रों में सड़क निर्माण हेतु सर्वेक्षण का कार्य किया जाता है।

लिडार तकनीक के लाभ

  • यह तकनीक लघु तरंग दैर्ध्य के माध्यम से छोटी या सूक्ष्म वस्तुओं का पता लगाने में सहायता प्रदान करती है।
  • लिडार द्वारा किसी वस्तु या स्थान का त्रि-आयामी मानचित्र तैयार किया जा सकता है।
  • लिडार तकनीक में लेज़र प्रकाश का प्रयोग किया जाता है, जिससे किसी वस्तु की सटीक दूरी का पता अत्यधिक कम समय में लगाया जाता है।

लिडार तकनीक की चुनौतियाँ

  • कुहरा, बादल, ख़राब मौसम, रात्रि में या अत्यधिक प्रदूषण की स्थिति में यह तकनीक ठीक से कार्य नहीं करती है। साथ ही, यह तकनीक सीमित ऊँचाई से ही सर्वेक्षण कर सकती है।
  • लिडार एक महँगी तकनीक है। इसके अलावा, लिडार तकनीक के माध्यम से शीशे की दीवार या दरवाजे का पता लगाना कठिन होता है। इसलिये स्वचालित कार या स्मार्ट फ़ोन के निर्माताओं द्वारा लिडार के साथ-साथ कैमरों और सम्वेदकों का भी प्रयोग किया जाता है।

आगे की राह

  • लिडार तकनीक ने वैज्ञानिकों की खोज आदि के मामलों में बहुत ही कम समय में परिणाम प्राप्त करने में सक्षम बना दिया है, जिन्हें पूरा करने में उन्हें दशकों लग जाते थे।
  • इस आधुनिक तकनीक के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में अत्यधिक जटिल कार्यों को भी सुगमता और पूर्ण सटीकता के साथ कार्यान्वित किया जा रहा है।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR