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हांगकांग के लिये नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून: चीन द्वारा अधिक नियंत्रण का प्रयास

(प्रारम्भिक परीक्षा: राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: भारत एवं इसके पड़ोसी सम्बंध, भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों व राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय)

चर्चा में क्यों?

चीन ने हांगकांग के लिये एक ‘नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून’ को मान्यता दी है। यह दूरगामी कानून हांगकांग में बीजिंग की शक्तियों के विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम है।

पृष्ठभूमि

वर्ष 2020 में जुलाई का प्रथम दिन हांगकांग की सम्प्रभुता के हस्तांतरण की 23वीं वर्षगांठ है। इसी दिन वर्ष 1997 में यूनाइटेड किंगडम ने हांगकांग की सम्प्रभुता चीन को सौंप दी थी। इस नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को चीनी संसद द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया जिसे बाद में हांगकांग के ‘मूल कानून’ का अंग बना दिया गया। इस कानून का शीर्षक ‘हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये जनवादी प्रजातांत्रिक चीन का कानून’ है। अमेरिका और यू.के. ने इस कानून की आलोचना की है।

कानून की प्रमुख विषय वस्तु

  • चीन द्वारा पारित किये गए इस कानून की प्रमुख विषय वस्तु को मुख्यत: 3 भागों में समझा जा सकता है। इसमें प्रदर्शनकारियों को लक्षित करने सम्बंधी कानून, पुलिस बलों की कार्य प्रणाली से सम्बंधित बदलाव और विधिक व्यवस्था में बदलाव को शामिल किया जा सकता है।
  • नए कानून में कुछ अपराधों को व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है जो प्रदर्शनकारियों को लक्षित करते हुए कठोर दंड देने से सम्बंधित हैं:
    • नए कानून के तहत अपराधों की श्रेणी में अलगाव, टकराव, तोड़फोड़ व आतंकवादी गतिविधियों के साथ-साथ किसी अन्य देश के साथ मिलीभगत और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले बाहरी तत्वों को शामिल किया गया है।
    • इन सभी चार अपराधों के लिये कुछ आर्थिक दंड के साथ अधिकतम सज़ा आजीवन कारावास हो सकती है। इसमें बीजिंग या हांगकांग शहर की सरकार के विरुद्ध मिलीभगत के द्वारा ‘ग़ैरकानूनी तरीके से हांगकांग के निवासियों को उकसाना’ भी एक अपराध के रूप में शामिल किया गया है।
    • यह उन व्यक्तियों के अभियोजन की भी अनुमति देता है जो हांगकांग के निवासी नहीं हैं और नए कानून के तहत अपराधी घोषित किये जाते हैं।
    • यह उन विदेशियों पर भी अभियोग की अनुमति देता है जो हांगकांग शहर की कथित राजनीति में शामिल हैं।
  • पुलिस बलों की कार्य प्रणाली से सम्बंधित बदलाव
    • नए कानून के मुताबिक हांगकांग पुलिस बल में राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों से निपटने के लिये एक अलग विभाग का गठन किया जाएगा। साथ ही, हांगकांग शहर के न्याय विभाग को एक विशेष अभियोजन प्रभाग भी बनाना होगा।
    • कुछ अपराधों की जाँच के लिये पुलिस के पास कुछ व्यापक और विशेष अधिकार होंगे। इसमें किसी भी परिसर, वाहन व विमान की छानबीन का अधिकार; यात्रा दस्तावेजों के आत्मसमर्पण का आदेश देना; सम्पत्ति को जब्त करने के साथ-साथ मुख्य कार्यकारी की मंजूरी मिलने पर, पुलिस के पास फोन की जाँच या टेप करने का भी अधिकार होगा।
    • इन शक्तियों के लिये पारम्परिक रूप से अदालत की पूर्व मंजूरी की आवश्यकता होती है।
  • कानूनी व्यवस्था में किये गए बदलाव
    • चीन हांगकांग में 'राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा हेतु कार्यालय' नाम से एक नया विभाग स्थापित करेगा। किसी विदेशी देश या बाह्य तत्वों के कारण यदि कोई जटिल मुद्दा सामने आता है तो बीजिंग की स्वीकृति के बाद यह कार्यालय हांगकांग शहर की स्वतंत्र कानूनी अदालतों से अधिकार क्षेत्र को अपने अंतर्गत ले सकेगा।
    • इसके अलावा, यदि किसी गम्भीर स्थिति के कारण सुरक्षा कानूनों को स्थानीय स्तर पर लागू करने में समस्याएँ आती है अथवा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये कोई प्रमुख व आसन्न खतरे सामने आते हैं तो भी अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप किया जा सकता है।
    • इस कार्यालय द्वारा उठाए जाने वाले मामलों में, अभियोजकों के साथ-साथ मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति चीन द्वारा ही की जाएगी। साथ ही, ऐसे मामलों में चीनी प्रक्रिया संहिता का पालन किया जाएगा।
    • नए कानून के तहत, आपराधिक विधियों की व्याख्या की शक्ति चीनी संसद की स्थाई समिति में निहित की गई है जो समान अपराध के लिये भी कठोर सज़ा की सलाह दे सकता है।
    • यदि मुकदमों के परीक्षण के समय राज्यों की गोपनीयता या सार्वजनिक व्यवस्था से सम्बंधित मामलें हो तो इसे मीडिया और जनता की जानकारी से दूर रखा जा सकता है और निर्णय केवल खुली अदालत में दिया जाएगा।

नई समिति का गठन

  • हांगकांग के मुख्य कार्यकारी के साथ मिलाकर ‘कमेटी फॉर सेफगार्डिंग नेशनल सिक्योरिटी’ नामक एक नया निकाय बनाया जाएगा। इस समिति को न्यायिक छानबीन से प्रतिरक्षा प्राप्त होगी।
  • इस समिति में बीजिंग द्वारा नियुक्त एक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार होगा, जो अन्य कार्यों के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों को तैयार करने के लिये भी ज़िम्मेदार होगा।

वर्तमान में हांगकांग का अर्ध-स्वयात्त शासन

  • हांगकांग पूर्व में एक ब्रिटिश उपनिवेश था। इसे वर्ष 1997 में चीन को सौंप दिया गया था, जो इसका विशेष प्रशासनिक क्षेत्र बन गया।
  • हांगकांग एक लघु-संविधान द्वारा संचालित होता है जिसे ‘मूल कानून’ (बेसिक लॉ) कहा जाता है। यह मूल कानून चीन की ‘एक देश, दो प्रणाली’ सिद्धांत का अनुसमर्थन करता है।
  • मूल कानून वर्ष 1997 से 50 वर्षों के लिये हांगकांग की उदार नीतियों, शासन प्रणाली, स्वतंत्र न्यायपालिका और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की पुष्टि करता है।

सुरक्षा कानून को हांगकांग नहीं बल्कि चीन द्वारा लागू किये जाने का कारण

  • मूल कानून के अनुच्छेद 23 के तहत, हांगकांग को स्वयं राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करना चाहिये था। हालाँकि, जब हांगकांग की सरकार द्वारा वर्ष 2003 में इस प्रकार के कानून को बनाने की कोशिश की गई तो यह मुद्दा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का ज़रिया बन गया। तब से, सरकार ने कानून को फिर से पेश करने के सम्बंध में कई कदम उठाए।
  • सुरक्षा कानून को लागू करने का दूसरा तरीका इसको मूल कानून के अनुबंध III में शामिल किया जाना था। अनुबंध III रक्षा और विदेश मामलों और अन्य मुद्दों से सम्बंधित उन कानूनों की एक सूची है जो इस क्षेत्र की स्वायत्तता की सीमा से बाहर हैं।
  • इस सूची में किसी कानून को जोड़ने के कारण इसे शहर में लागू किया जा सकता है अर्थात यह कानून स्वत: प्रभावी हो जाएगा। चीन द्वारा इसी मार्ग का चुनाव किया गया है।

वैश्विक आलोचना

  • वैश्विक स्तर पर चीन द्वारा प्रस्तावित इस नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की आलोचना कई बिंदुओं पर हो रही है। यूनाइटेड किंगडम व अमेरिका सहित कई यूरोपीय व अन्य देश इसकी आलोचना कर रहे हैं।
  • पहला मुद्दा व्यक्तिगत सुरक्षा व निजी गोपनीयता का है। अनावश्यक रूप से फोन टैपिंग व जाँच के प्रावधान ऐसी चिंता के मुख्य कारण हैं।
  • हांगकांग में उपस्थित अन्य देशों के नागरिकों के डाटा की असुरक्षा के आधार पर इसकी आलोचना की जा रही है। साथ ही, हांगकांग आर्थिक और वाणिज्यिक गतिविधियों का भी केंद्र है। इस तरह के कानून हांगकांग के साथ-साथ अन्य देशों के आर्थिक हितों को भी प्रभावित करेंगे।
  • चीन में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से मानवाधिकारों का उल्लंघन सामान्य बात है। यह कानून इस प्रकार की घटनाओं में और भी वृद्धि कर सकता है।
  • हांगकांग आने वाले विदेशी नागरिकों पर अनावश्यक रूप से या तर्करहित प्रतिबंध, जाँच व सज़ा की भी आशंका व्यक्त की जा रही है।
  • इसको चीन की क्षेत्रीय प्रसार की कोशिश और रणनीतिक बढ़त के रूप में भी देखा जा रहा है। साथ ही, यह कानून यू.के. द्वारा निर्धारित शर्तों का भी उल्लंघन है।
  • विमानों की जाँच के साथ-साथ यात्रा दस्तावेज़ों के समर्पण का आदेश भी इस कानून में चिंतनीय मुद्दा है। अंततः यह कानून हांगकांग के न्यायालयों की स्वतंत्रता को कम करने के साथ-साथ लोकतांत्रिक मूल्यों के लिये भी खतरनाक साबित होगा।
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