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SEBI ने T+0 सेटलमेंट के बीटा संस्करण को लॉन्च करने की मंजूरी दी

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, T+0 सेटलमेंट, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश, SEBI
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-2 (सरकारी नीतियां) और पेपर-3 (संसाधनों को जुटाने से संबंधित विषय)

संदर्भ:

15 मार्च, 2023 को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 25 शेयरों और ब्रोकरेज के सीमित सेट के साथ T+0 सेटलमेंट के बीटा वर्जन को लॉन्च करने की मंजूरी देने के साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को भी महत्वपूर्ण रियायतें दी।

SBI

मुख्य बिंदु:

  • SEBI ने बीटा संस्करण का हिस्सा बनने वाले 25 शेयरों को अभी तक सूचित नहीं किया है।
  • T+0 सेटलमेंट के लॉन्च होने की तारीख के बाद तीन महीने के अंत और पुनः छह महीने के अंत में SEBI इसकी प्रगति की समीक्षा करेगा। 
    • प्रगति की समीक्षा के बाद आगे की कार्रवाई के लिए निर्णय लिया जाएगा।
  • T+0 सेटलमेंट चक्र को T+1 सेटलमेंट चक्र के एक विकल्प के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा। 
  • SEBI के इस कार्य से बाजार में तरलता बढ़ सकती है और जोखिम कम हो सकता है।
  • SEBI ने बदलते समय के साथ सामंजस्य बनाए रखने, प्रतिभूति बाजारों के विकास और निवेशकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निपटान चक्र को वर्ष 2002 में T+5 से कम करके T+3 और वर्ष 2003 में T+2 किया। 
    • वर्तमान में SEBI T+1 सेटलमेंट चक्र पर काम कर रहा है। 
      • इसे वर्ष 2021 में लाया गया और कई चरणों में लागू किया गया, जिसका अंतिम चरण जनवरी 2023 में पूरा हुआ।

T+0 सेटलमेंट के बीटा वर्जन के बारे में:

  • T+0 सेटलमेंट के बीटा वर्जन के तहत जिस दिन शेयर की खरीदारी की गई होगी;
    • खरीदार को उसी दिन शेयर का अलॉटमेंट हो जाएगा। 
    • बेचने वालों को उसी दिन फंड मिल जाएगा। 
  • इसमें साप्ताहिक अवकाश के दिन को नहीं गिना जाता है।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को मिली छूट:

  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) को सुविधा देते हुए SEBI ने इनके द्वारा पहले से उपलब्ध कराई जा चुकी किसी जानकारी में किए गए किसी महत्वपूर्ण बदलाव के बारे में सूचित करने की समय-सीमा बढ़ा दी है।
  • वर्तमान में FPI को अपने नामित डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट’ (Designated Depository Participant- DDP) में पहले प्रदान की गई जानकारी में यदि कोई महत्वपूर्ण बदलाव किया जाता है, तो उसकी सूचना 7 कार्य दिवसों के अंदर देनी होती है।
  • FPI द्वारा अधिसूचित किए जाने वाले महत्वपूर्ण परिवर्तनों को दो श्रेणियों - टाइप I और टाइप II में वर्गीकृत किया जाएगा;
    • टाइप I के अंतर्गत मैटेरियल परिवर्तन होने के 7 कार्य दिवसों के भीतर FPI द्वारा अपने DDP को सूचित किया जाना जारी रहेगा। 
      • इसके लिए आवश्यक दस्तावेज़ ऐसे परिवर्तन करने के 30 दिनों के भीतर उपलब्ध कराने होंगे।
    • टाइप II के अंतर्गत ऐसे मैटेरियल परिवर्तनों के किए जाने के 30 दिनों के भीतर FPI द्वारा आवश्यक दस्तावेजों के साथ SEBI को सूचित करना होगा।
  • SEBI ने उन FPI के लिए अतिरिक्त जानकारी प्रदान करने की आवश्यकताओं से छूट दी है, जिनके पास एक ही कॉर्पोरेट समूह में 50% से अधिक भारतीय इक्विटी परिसंपत्ति (AUM) है।
    • यदि FPI की हिस्सेदारी जिस सूचीबद्ध कंपनी में है, वह उसके अप्रत्यक्ष प्रवर्तकों में से नहीं है।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI):

  • FPI किसी देश की अर्थव्यवस्था में निवेश करने के सामान्य तरीकों में से एक है।
  • इसमें दूसरे देश में निवेशकों द्वारा रखी गई प्रतिभूतियां और अन्य वित्तीय संपत्तियां शामिल होती हैं। 
  • यह निवेशक को कंपनी की संपत्ति का प्रत्यक्ष स्वामित्व प्रदान नहीं करता है। 

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI):

  • SEBI भारत का प्रतिभूति और वित्त नियामक बोर्ड है।
  • इसकी स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के तहत 12 अप्रैल, 1992 को हुई थी।
  • इसका मुख्यालय मुंबई में है।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न:

प्रश्न: T+0 सेटलमेंट के बीटा वर्जन के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. इसके तहत खरीदार को उसी दिन शेयर का अलॉटमेंट हो जाएगा। 
  2. शेयर बेचने वालों को उसी दिन फंड मिल जाएगा। 
  3. इसमें साप्ताहिक अवकाश के दिन को नहीं गिना जाता है।

 उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीनों 

(d) कोई नहीं

उत्तर- (c)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न:

प्रश्न: हाल में सेबी ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को किस प्रकार की रियायतें प्रदान की है? विवरण दीजिए।

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