New
The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video

वाँचुवा महोत्सव और तिवा जनजाति

(प्रारंभिक परीक्षा : कला एवं संस्कृति से संबंधित प्रश्न)

संदर्भ 

हाल ही में, तिवा जनजाति ने एक पारंपरिक नृत्य के साथ असम केकार्बी आंगलोंगज़िले के मोर्टेन गाँव मेंवाँचुवा उत्सवमें भाग लिया।

वाँचुवा महोत्सव 

  • यह पहाड़ों पर निवास करने वाली तिवा जनजाति के सबसे महत्त्वपूर्ण उत्सवों में से एक है।
  • इस उत्सव का संबंध कृषि से है, जो उनकी अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। 
  • इस उत्सव के दौरान भरपूर फसल के साथ-साथ कीटों और प्राकृतिक आपदाओं से फसल की सुरक्षा के लिये प्रार्थना की जाती है।
  • उत्सव में पारंपरिक रिवाज़ का पालन करते हुए महिलाएँ चावल के दाने अलग करती हैं तथा पुरुष औपचारिक रूप से बड़े लकड़ी के मोर्टार में चावल को लयबद्ध रूप से बाँस की डंडियों के माध्यम से पीटकर चूर्ण बनाते हैं।  
  • चावल को पीटने के दौरान कभी-कभी एक घेरा बनाकर उसके चारों तरफ़ घूमते भी हैं।
  • लोग उस चावल के चूर्ण का लेप अपने चेहरे पर लगाकर नृत्य में हिस्सा लेते हैं। साथ ही, चावल की ताज़ी बीयर को बनाना भी उत्सव का एक प्रमुख हिस्सा है।
  • इस उत्सव में समुदाय के युवा पुरुषों के द्वारा चमकदार चपटे नारंगी कीनू दुप्पटा पहनकर नृत्य किया जाता है।
  • इस अनुष्ठान में उनके द्वारा सूअर की खोपड़ी और हड्डियों का रूप लिया जाता हैं, जो देवताओं के रूप में कार्य करते हैं और कई पीढ़ियों तक संरक्षित रहते हैं।

तिवा जनजाति

  • तिवा जनजाति जिसेलालुंगके नाम से भी जाना जाता है, असम और मेघालय में रहने वाला स्वदेशी समुदाय हैं। इसके साथ-साथ ये अरुणाचल प्रदेश तथा मणिपुर के कुछ हिस्सों में भी निवास करते हैं।
  • इस जनजाति को असम राज्य में अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  • तिवा जनजाति को 2 उप-समूहों में विभाजित किया जाता है।

1. पहाड़ी तिवा

    • ये कार्बी आंगलोंग ज़िले के पश्चिमी क्षेत्रों में निवास करते हैं तथा तिब्बती-बर्मन भाषा बोलते हैं।
    • ज़्यादातर मामलों में, पति अपनी पत्नी की पारिवारिक वस्ती (मैट्रिलोकैलिटी) में रहने के लिये चले जाते हैं और उनके बच्चे माँ के कबीले में शामिल होते हैं।
    • ये स्थानीय देवताओं की पूजा करते हैं।

2. मैदानी तिवा

    • ये ब्रह्मपुत्र घाटी के दक्षिणी तट की समतल भूमि पर निवास करते हैं।
    • अधिकतर लोग असमिया को अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। इनकी वंश प्रणाली पितृवंशीय है।
    • यह जनजाति झूम कृषि करती है तथा सूअर उनके आहार और संस्कृति का एक प्रमुख हिस्सा हैं

तिवा जनजाति के मुख्य त्यौहार-

तीन पीसू (बिहू), बोरोट उत्सव, सोगरा पूजा, वाँचुवा उत्सव, जोनबील मेला, कबला, लंगखोन पूजा और यांगली पूजा। 

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR