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Sanskriti Mains Mission

केस स्टडी

आप एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रावास प्रबंधन विभाग के प्रमुख हैं। आप अपनी सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता, कर्तव्यपरायणता और ईमानदारी के लिये जाने जाते हैं। छात्रावास संबंधी समस्त गतिविधियों के विषय में अंतिम निर्णय लेने की शक्ति आपके पास ही है। आपके छात्रावास में न सिर्फ भारत के विभिन्न राज्यों-संघराज्य क्षेत्रों के, बल्कि अनेक देशों के विद्यार्थी भी निवास करते हैं। यहाँ निवासरत विद्यार्थी विभिन्न नस्लों से संबंध रखते हैं। उनकी भाषाएँ, रीति-रिवाज, खान-पान, धर्म, संस्कृति इत्यादि भी अलग-अलग हैं। नियम यह है कि विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने हेतु आयोजित हुई प्रवेश-परीक्षा में उच्च स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को छात्रावास आवंटित किया जाता है। आपने अपने अधीनस्थों को आदेश दिया है कि विद्यार्थियों को छात्रावास का आवंटन करते समय नियमों की अनुपालना पर विशेष ध्यान दिया जाए। आप इस बात के पक्के समर्थक हैं कि छात्रावास में सभी वर्गों, क्षेत्रों और समुदायों के विद्यार्थियों का नियमानुरूप प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो। इसके अलावा, नियमों में यह उल्लेख भी किया गया है कि छात्रावास के लिये चयनित हुए विद्यार्थियों को कमरों का आवंटन 'पहले आओ-पहले पाओ' की पद्धति के आधार पर किया जाएगा। एक रोज़ आपके पास विश्वविद्यालय के एक पदाधिकारी का फ़ोन आता है और वे आपसे एक ऐसे विद्यार्थी को छात्रावास आवंटित करने की सिफारिश करते हैं, जो छात्रावास की सुविधा प्राप्त करने के लिये अर्ह नहीं है। ये पदाधिकारी 'छात्रावास प्रबंधन विभाग' के प्रमुख का चयन करने के लिये गठित किये गए साक्षात्कार बोर्ड के अध्यक्ष थे। आप जानते हैं कि आपके साक्षात्कार के पश्चात् इन्होंने अपने विवेकाधिकार का प्रयोग करते हुए आपको अतिरिक्त अंक दिये थे, उसी वजह से आप इस पद के लिए चयनित हो सके हैं। अभी आप इस समस्या को सुलझाने के लिये सोच-विचार कर ही रहे थे कि आपके पास छात्रावास के कुछ विद्यार्थी शिकायत लेकर आते हैं कि वे किसी विदेशी या उत्तर-पूर्वी छात्रों के साथ कमरा साझा नहीं करना चाहते हैं तथा विद्यार्थियों का एक अन्य समूह यह माँग करता है कि वे छात्रावास की मेस में माँसाहार को प्रतिबंधित किया जाए। इस तरह के भोजन से उनकी धार्मिक आस्था को चोट पहुँचती है। ऐसे में, यदि आप छात्रावास की मेस में माँसाहार को प्रतिबंधित करते हैं तो इसके समर्थक वर्ग के खान-पान की स्वतंत्रता के अधिकार को ठेस पहुँच सकती है, जबकि यदि आप माँसाहार को प्रतिबंधित नहीं करते हैं तो इसके विरोधी वर्ग के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हनन होता है।

उपर्युक्त परिस्थिति के आलोक में निम्नलिखित प्रश्नों के तर्कपूर्ण उत्तर दीजिये-

1. आप पदाधिकारी द्वारा की गई सिफारिश और अपने नैतिक मूल्यों में से किसे प्राथमिकता देंगे और क्यों?

2. आपके समक्ष अन्य कौन-कौन-सी समस्याएँ उपस्थित हैं और आप उन समस्याओं का किस प्रकार समाधान करेंगे? (250 शब्द)

28-Apr-2021 | GS Paper - 4

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